भोपाल, मध्य प्रदेश। विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अब उप-चुनाव के परिणामों की समीक्षा कर रही है। भोपाल में चुनावों के नतीजे आने के दूसरे दिन अपने विधायकों की बैठक लेने के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ पार्टी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात करने शुक्रवार को दिल्ली गए हैं। उन्होंने यहां सोनिया गांधी को उपचुनाव के नतीजों से अवगत कराया और पार्टी संगठन में फेरबदल पर चर्चा की है। माना जा रहा है कि कमलनाथ के दिल्ली से लौटने के बाद कई बड़े पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है और कमल नाथ संगठन में बड़े बदलाव कर सकते हैं।
दरअसल, दिल्ली जाने से पहले कमलनाथ ने उन सभी 19 सीटों के विधानसभा प्रभारी और जिला अध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी है जिन पर कांग्रेस को हार मिली है। सभी को अपने प्रभार और जिले की सीटों पर मिली हार की रिपोर्ट तैयार कर के भेजने को कहा गया है। कार्यकर्ताओं और प्रभारी नेताओं से भी रिपोर्ट ली जाएगी। जिनमें संगठन के प्रभारी और जिला अध्यक्षों के कामकाज के बारे में जाना जाएगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कुछ जिला अध्यक्ष और प्रभारी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा से सांठगांठ कर ली थी, साथ ही लेनदेन की भी खबरें आ रही हैं। जिसके बाद कमलनाथ ने इन पर कड़ी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। इधर उपचुनाव में मिली हार और पार्टी में हुए भितरघात की खबरों पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि 28 सीटों पर हुए उप-चुनाव में मिली हार की समीक्षा जारी है। उन्होंने बताया कि जहां-जहां शिकायतें आएंगी उसके आधार पर सभी की समीक्षा की जाएगी और उसके आधार पर कार्रवाई भी निश्चित तौर पर की जाएगी। उपचुनाव से पहले 19 जिलों की 28 सीटों के लिए विधानसभा प्रभारी, सहप्रभारी, समन्वयक, सह समन्वयकों के अलावा इन जिलों के अध्यक्षों ने वार्ड स्तर पर कई नियुक्तियां कर दी थीं। जिन्हें रद्द करने की तैयारी है।
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