सिंधिया तोप थे तो क्यों हारे चुनाव? कमलनाथ
सिंधिया तोप थे तो क्यों हारे चुनाव? कमलनाथ Syed Dabeer Hussain - RE

सिंधिया तोप थे तो क्यों हारे चुनाव: कमलनाथ

टीकमगढ़ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान- हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं, अगर सिंधिया इतनी बड़ी तोप थे तो ग्वालियर चुनाव क्यों हार गए?
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मध्यप्रदेश। एमपी में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसे देखते हुए राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी-कांग्रेस तैयारी करते हुए अपना पूरा जोर लगा रही है, इस दौरान बीजेपी-कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। आज मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टीकमगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बड़ा बयान दिया है और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि, हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं है।

सिंधिया ग्वालियर और मुरैना में महापौर चुनाव क्यों हार गए?

बता दें, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ आज टीकमगढ़ पहुंचे, यहां उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात की, इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टीकमगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह कहा कि, अगर बीजेपी नेता और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तोप थे तो ग्वालियर और मुरैना में महापौर चुनाव क्यों हार गए?

हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं: कमलनाथ

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं, अगर सिंधिया इतनी बड़ी तोप थे तो ग्वालियर (नगर निगम) चुनाव क्यों हार गए? साथ ही कहा कि, देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए।

जानकारी के लिए बता दें, मध्यप्रदेश में कुछ महीने पहले संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव में ग्वालियर और मुरैना दोनों नगर निगम पर भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है। दोनों पर अब कांग्रेस का कब्जा है। एक समय में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे मूल रूप से ग्वालियर निवासी सिंधिया मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिर गई थी। उस समय कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। श्री सिंधिया के समर्थक विधायकों के समर्थन से प्रदेश में भाजपा सरकार बनी, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ली।

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कमलनाथ ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज अपने 18 साल के कार्यकाल का हिसाब दें और वे अपने 15 महीने के कार्यकाल का हिसाब देंगे। वही मंत्री महेंद्र सिंह के इस बयान पर कि 2023 के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर बुलडोजर चलेगा, कमलनाथ ने कहा है कि, 2023 में बुलडोजर का मुंह किस तरफ होगा, सबको पता चल जाएगा। भाजपा अर्थशास्त्रियों से बड़े-बड़े लेख लिखवा रही है कि ओल्ड पेंशन योजना किस तरह खराब है। लेकिन हम पुरानी पेंशन को बहाल करेंगे। बुंदेलखंड के कई इलाके आदिवासी इलाकों से भी ज्यादा पिछड़े हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान अपने 18 साल के कार्यकाल का हिसाब दें और मैं अपने 15 महीने के कार्यकाल का हिसाब दूंगा।

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