सीएम से आग्रह है कि तत्काल द्वेष पूर्ण कार्रवाई पर रोक लगाते हुए प्रधान आरक्षक का निलंबन वापस करें: कमलनाथ
भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी में बीते दिनों 26वीं बटालियन के पदस्थ कार्यवाहक आरक्षक को सस्पेंड कर दिया गया, बताया जा रहा है कि, ड्यूटी के दौरान गैरहाजिर रहने पर उनके ऊपर कार्रवाई की गई। जिसके बाद इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, आज मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए ये बात कही।
26वीं बटालियन के पदस्थ कार्यवाहक आरक्षक को सस्पेंड करने पर कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा और ट्वीट कर लिखा है कि, मुरैना में पदस्थ आदिवासी प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया को केवल इसलिये निलंबित कर दिया गया क्योंकि वो शाम की गणना में नहीं पहुँच सके। यह कृत्य शिवराज सरकार की आदिवासियों के प्रति नफ़रत, ईर्ष्या, अमानवीयता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
कमलनाथ ने कहा
वही, कमलनाथ ने कहा कि, शिवराज जी, आपसे आग्रह है कि तत्काल इस द्वेष पूर्ण कार्यवाही पर रोक लगाते हुये प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया का निलंबन वापस करें और आदिवासी समाज से खेद व्यक्त करें।
16 मई को प्रधान आरक्षक के निलंबन का आदेश जारी किया गया
बता दें कि, 26वीं वाहिनी के कमांडेंट विकास पाठक ने बताया था - प्रधान आरक्षक बिना किसी सूचना के गैरहाजिर पाए गए, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, कार्यालय 26वीं वाहिनी बिसबल गुना द्वारा 16 मई को उनके निलंबन का आदेश जारी किया गया। बताया जा रहा- प्रधान आरक्षक बिना छुट्टी लिए ही भोपाल में आयोजित जयस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे।
इस पूरी कार्रवाई को व्हिस्टल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने अनुचित बताया
वही इस पूरी कार्रवाई को व्हिस्टल ब्लोअर डॉ आनंद राय ने अनुचित बताया है। उन्होंने कहा- आरक्षक का पक्ष सुने बिना ही एकतरफा कार्रवाई कर दी गयी, जबकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार आरोपी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए है।
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