अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर गोविंदपुरा विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए कमलनाथ

आज श्रमिक दिवस पर भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर कमलनाथ मौजूद रहे और सभा को संबोधित किया।
गोविंदपुरा विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए कमलनाथ
गोविंदपुरा विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए कमलनाथRaj Express
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भोपाल, मध्य प्रदेश। आज अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर कांग्रेस ने भोपाल में अपनी ताकत दिखाई। आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के पिपलानी स्थित मैदान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सभा में श्रमिक दिवस पर बड़ी संख्या में श्रमिक मौजूद रहे। इस अवसर पर कमलनाथ ने बड़ी घोषणा की है।

कमलनाथ ने कही यह बात:

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, "मजदूर दिवस पर श्रम शक्ति के मंदिर को प्रणाम करता हूं। पहले 15-20 साल पहले बीएचईएल से गुजरते थे और देखते थे कि शिफ्ट खत्म हो रही है तो हजारों मजदूर दिखते थे, अब सिर्फ 5 हजार मजदूर बचे हैं। पंडित नेहरू और शंकलदयाल शर्मा ने बीएचईएल की स्थापना की थी, इंदिरा गांधी ने मजदूरों के लिए कानून बनाए। लेकिन आज कितने कानूनों का पालन होता है। बीएचईएल की कॉलोनी हमारी साझा संस्कृति का प्रतीक है। ये हमारे देश हमें पहचान रहा है। बीएचईएल अनेकता में एकता का प्रतीक है।"

उन्होंने कहा कि, "मैं गर्व से कहता हूं, मैं हिन्दू हूं, लेकिन बेवकूफ नहीं हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि, शिवराज सिंह को अब बहनें याद आने लगी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार मप्र में हो रहे हैं। कहते है मैं किसान का बेटा हूं लेकिन कितनी बारिश हुई, किसानों को नुकसान हुआ उनकी बात कीजिए। मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है। हमारी सरकार आएगी, इसमें कोई शक नहीं है। हमारे नौजवानों को क्या मंदिर मस्जिद में रोजगार मिलेगा? रोजगार तब मिलता है जब सरकार की नीयत ठीक होती है। हमारी सरकार आई तो अगली 1 मई को सरकारी अवकाश करेंगे।"

कमलनाथ ने इस दौरान कहा कि, "यह कोई पार्टी की चुनौती नहीं है, ये तय करना होगा कि, या तो खुद को बचना है या बीजेपी को बचाना है। युवा, किसान, मजदूर महिलाओं सभी को यह सोचना होगा कि, खुद को बचना है या बीजेपी को बचाना है। मप्र में कितना कर्जा हो चुका है, लेकिन इस कर्ज से किया क्या, आशा बहनों, आउट सोर्स कर्मचारी इनमें से किसी की मांगे पूरी हुई हैं क्या? चुनाव से 8 महीने पहले बहनों की याद आई, किसान पुत्र कहते हैं खुद को, बीते 2 - 3 महीने में बारिश हुई, ओले पड़े उनका मुआवजा दीजिए। मुंह चलाने और प्रदेश चलने में अंदर है, इस वक्त प्रदेश के नौजवानों को रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती है।"

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