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मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेर रहे जेयू अधिकारी,सेंटर लिस्ट में धांधली का आरोप

University News: जीवाजी विश्वविद्यालय की राज्यपाल कोटे की कार्यपरिषद सदस्य डॉ.संगीता कटारे ने सोमवार को कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी और कुलसचिव डॉ.आरकेएस बघेल को पत्र लिखा है।
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ग्वालियर। अशासकीय महाविद्यालयों के यूजी परीक्षा के लिए बनाए गए सेंटरों में बदलाव करने की मांग जीवाजी विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्यों ने की है। उन्होंने इस संबंध में सोमवार को कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी और कुलसचिव डॉ.आरकेएस बघेल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने सेंटर लिस्ट में धांधली का आरोप लगाया है। साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नकल पर रोक लगाने की मंशा पर जेयू अधिकारियों द्वारा पानी फेरने की बात भी लिखी है। 

जीवाजी विश्वविद्यालय की राज्यपाल कोटे की कार्यपरिषद सदस्य डॉ.संगीता कटारे ने सोमवार को कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी और कुलसचिव डॉ.आरकेएस बघेल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि रविवार को जेयू द्वारा परीक्षा के लिए निजी महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाने की सूची जारी की गई है। जबकि निजी महाविद्यालयों को सेन्टर बनाने पर कार्यपरिषद सदस्यों द्वारा 23 मार्च को आपत्ति दर्ज कराई थी। लेकिन, अब स्नातक परीक्षा के लिए भी विवि द्वारा मनमानी कर निजी महाविद्यालय को सेन्टर बनाया है। इससे  एक दूसरे महाविद्यालय के परीक्षार्थियों को खुलकर नकल करा सकंे।  

श्रीमती डॉ.कटारे ने आगे लिखा है कि एक तरफ हमारे मुख्यमंत्री नकल पर रोक लगाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जेयू अफसर उतनी ही गति से नकल को प्रोत्साहित के लिए सेंटर निजी हाथो में सौंप रहे हैं। विश्वविद्यालय में धांधलेबाजी हुई है। अवकाश के दिनों में हुई है। जब विवि में 1 व 2 अप्रैल को अवकाश था, तब सेंटर लिस्ट की सूची जारी हुई। साथ ही जब 5 अप्रैल से परीक्षा होना है तो सेन्टर लिस्ट इतनी देरी से जारी की गई, ताकि इस धांधलेबाजी को कोई पकड़ नहीं सके। आपकी धांधलेबाजी पकड़ में आ चुकी है। इसीलिए मेरा आपसे आग्रह है कि इस विषय को तत्काल संज्ञान में लें एवं पत्र पर तत्काल कार्रवाई कर सेन्टर बदले जाएं।

यह भी लिखा पत्र में

  • - ए.एस. डिग्री कॉलेज कैलारस व आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज, कैलारस जिला मुरैना की परीक्षा एक-दूसरे के महाविद्यालय में कराई जा रही है।

  • - दुपरिया कॉलेज मेहगांव व पंडित दीनदयाल महाविद्यालय मेहगांव जिला भिण्ड की परीक्षा दूसरे के महाविद्यालय में कराई जा रही है जो साफतौर पर नकल को बढ़ावा देने का प्रमाण है।

  • -व्हीआईपीए कॉलेज, ए.बी.रोड़ जिला ग्वालियर की परीक्षा ग्वालियर के महाविद्यालय को छोड़कर मुरैना जिले के बानमोर में कराई जा रही है। इससे परीक्षार्थियों को शहर छोड़कर दूसरे जिले में परीक्षा देने जाना पड़ेगा। 

  • - श्री बालाजी कॉलेज, गोपालपुरा, मुरैना की परीक्षा शहर के महाविद्यालय को छोड़कर लगभग 40 किलोमीटर दूर ए.एस. डिग्री कॉलेज कैलारस में कराई जा रही है। जो विवि की मिली भगत उजाकर करती है।

  • - स्वामी विवेकानंद कॉलेज बिलगांव, जौरा की परीक्षा वहां के महाविद्यालयों को छोड़कर लगभग 30 किलोमीटर दूर एस.आर.डी.महाविद्यालय मुरैना में कराई जा रही है।

  • -जेएमआरडी कॉलेज भाण्डेर की परीक्षा वहां के नजदीकी शासकीय महाविद्यलय की जगह इन्दरगढ़ महाविद्यालय में सेंटर बनाया है। 

  • -अम्बाह के समस्त निजी महाविद्यालय को लाभ पहुंचाने के लिये पीजी कॉलेज अम्बाह को खाली छोड़कर वहां से 15 किलोमीटर दूर पोरसा के निजी महाविद्यालयों को सेंटर बनाया है।

  • - शासकीय बालाजी कॉलेज, मिहौना जिला भिण्ड के नजदीक संचालित निजी महाविद्यालयों की परीक्षा वहां से 10-15 किलोमभर दूर लहार के कॉलेजों में कराई जा रही है। 

  • -मुरैना, भिण्ड, श्यौपुर व अन्य जगहों के शासकीय कौलेज खाली होने के बाबजूद वहां पर बिल्डिंग अधिग्रहण के नाम पर निजी कॉलेज व स्कूलों को सेन्टर बनाया है। 

पर्सनल ग्रुप में भी सेंटर बदलने की मांग

ईसी मेम्बरों के पर्सनल ग्रुप में भी राज्यपाल कोटे के कार्यपरिषद सदस्यों ने सेंटर बदलने की मांग की है। व्हाटसएप्प ग्रुप पर ईसी मेम्बर प्रदीप शर्मा ने लिखा कि बिल्कुल गलत है इस प्रकार सें सेंटर बनाना। तत्काल सेंटर बदले जाएं, सेंटर बदलने के लिए हम अपनी सहमति दर्ज कराते हैं। डॉ.विवेक सिंह भदौरिया ने लिखा है कि पिछले वर्ष जो सेंटर बनाए थे, उसी के आधार पर इस वर्ष परीक्षा कराई जाए। सेंटर बदलने की आवश्यकता क्या है। डॉ.सेवंती भगत ने लिखा है कि इस तरह के कदम निश्चित रूप से साफ-सुथरी शिक्षा को धूमिल करता है। अत: इन सेंटरों में परिवर्तन किया जाए। उक्त सेंटरों के प्रति हमारी असहमति है। 

इनका कहना है                        

स्नातक परीक्षाओं की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं।पहली बार भवनो को अधिग्रहण कर साशकीय प्रोफ़ेसरो व प्राचार्यो को जिम्मेदारी दी गई है। नकल पर अंकुश के लिए शख्त निर्देश दे दिए गए हैं।                

प्रो. अविनाश तिवारी, कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय 

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