Jiwaji University : 197 कॉलेजों में से सिर्फ 15 ने जमा किये शिक्षकों के दस्तावेज, मांगा समय
ग्वालियर। 197 महाविद्यालयों में से सिर्फ 15 कॉलेज संचालकों ने ही शिक्षकों से जुड़े दस्तावेज रविवार को जीवाजी विश्वविद्यालय ( Jiwaji University ) में जमा किये, जबकि शिक्षकों के दस्तावेज विवि में जमा कराने का रविवार को अंतिम दिन था। वहीं अशासकीय महाविद्यालय संघ ने डीसीडीसी (DCDC) को पत्र लिखकर समय मांगा है और काउंसिंलिंग प्रक्रिया का हवाला देते हुए अस्थाई सम्बद्धता देने के लिए आग्रह किया है।
जीवाजी विश्वविद्यालय से बीएड कोर्स की सम्बद्धता लेने के लिए बीएड कॉलेज संचालक अपने-अपने महाविद्यालयों का निरीक्षण करा चुके हैं। स्थायी समिति सदस्यों ने भी इन बीएड महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने के लिए अनुमति दे दी है। लेकिन, कार्यपरिषद की बैठक के बाद बीएड कॉलेजों के सम्बद्धता अटक गई है, क्योंकि कार्यपरिषद सदस्यों ने बैठक में शर्त रखी कि जो भी बीएड कॉलेज 30 अप्रैल तक डीसीडीसी कार्यालय में अपने यहां परिनियम 28(17) के तहत नियुक्ति प्राचार्य व शिक्षकों के सत्यापित आधार कार्ड सहित वेतन के बैंक स्टेटमेंट जमा करा देंगे, उन्हें नए सत्र 2023-24 की संबद्धता के पत्र जारी कर दिए जाएंगे।
वहीं जो कॉलेज यह जानकारी उक्त तिथि तक प्रस्तुत नहीं करेंगे,उनकी संबद्धता के प्रकरण आगामी कार्यपरिषद की बैठक में पुन: रखे जाएंगे। ईसी मेंबरों का कहना था कि संबद्धता पत्र तभी जारी करें, जब सारे कॉलेजों से शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज जमा हो जाएं। रविवार को शिक्षकों के दस्तावेज जमा करने का अंतिम दिन था। वहीं जेयू अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 197 कॉलेजों में से सिर्फ 15 कॉलेज संचालकों ने ही दस्तावेज जमा किये हैं।
अशासकीय महाविद्यालय संघ ने मांगा समय
अशासकीय महाविद्यालय संघ के चेयरमेन ने जेयू के डीसीडीसी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि आपके द्वारा एक पत्र 29 अप्रैल को महाविद्यालयों में भेजा गया, जिसे महाविद्यालय संचालकों ने शाम के समय देखा। 30 अप्रैल को रविवार का अवकाश का दिन है और रविवार के दिन ही महाविद्यालयों से संबंधित जानकारी चाही गई है। इतने अल्प समय में जानकारी प्रदान किया जाना संभव नहीं है। इसीलिए आपसे निवेदन है कि उपरोक्त जानकारी जमा करने के लिए महाविद्यालयों को समय दिया जाए। तथा उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश की काउंसिंलिंग प्रक्रिया को दृष्टिगत रखते हुए सत्र 2023-24 की अस्थाई सम्बद्धता दी जाए।
गले की फांस बनी शिक्षकों की जानकारी
महाविद्यालयों के लिए शिक्षकों की जानकारी विश्वविद्यालय में बैंक स्टेटमेंट के साथ देना एक तरह से गले की फांस बन गई है, क्योंकि उन्होंने शिक्षकों की नियुक्तियां सिर्फ कागजों में ही कर रखी हैं। शिक्षक तो हैं, मगर बैंक के जरिए शिक्षकों को वेतन नहीं नहीं देते, ऐसे कॉलेज वाले भी परेशान हैं। अगर जानकारी प्रस्तुत नहीं की तो संबद्धता नहीं मिलेगी और गलत जानकारी दी तो भी संबद्धता संकट में पड़ सकती है। इस वजह से अब वह जेयू अधिकारियों को छोड़ ईसी मेम्बरों के साधने में जुट गए हैं।
इनका कहना है
हां, रविवार को शिक्षकों के दस्तावेज विश्वविद्यालय में जमा करने का अंतिम दिन था। आगामी दिनों में होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में जिन महाविद्यालयों ने शिक्षकों से जुड़े दस्तावेज जमा किये हैं और वह पूरे होंगे सिर्फ उन्हीं को सम्बद्धता दी जाएगी।
डॉ.विवेक भदौरिया, कार्यपरिषद सदस्य, जीवाजी विश्वविद्यालय
अवकाश के कारण यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई कि कितने आवेदन आए और कितने नहीं। सोमवार को मैं इस संबंध में पूरी जानकारी दे सकूंगा।
डॉ.विमलेन्द्र राठौर, जनसम्पर्क अधिकारी, जीवाजी विश्वविद्यालय
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