जीवाजी विवि : कॉपियां कम होने से टालनी पड़ सकती है परीक्षा
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जीवाजी विश्वविद्यालय में एक बार फिर से कॉपियां कम होने की वजह से परीक्षा टालना पड़ सकती है। क्योंकि, जेयू के स्टोर में सिर्फ 50 हजार कॉपियां शेष बची हैं। कॉपियां क्रय करने की टेण्डर प्रक्रिया में देरी होने से यह स्थिति निर्मित हुई है।
कॉपियों की संख्या कम होने के बारे में परीक्षा नियंत्रक डॉ.अनिल कुमार शर्मा ने स्टोर शाखा में कम कॉपियों के इस पूरे मामले से कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी को अवगत करा दिया है। कुलपति ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्टोर शाखा के प्रभारी अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द नई कॉपियों के क्रय करने की टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाए। चेतावनी दी गई है कि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। यहां बता दें कि पिछले साल भी मार्च-अप्रैल में इसी तरह से एनईपी की स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाओं के लिए कॉपियां खत्म हो गईं थी। स्टोर विभाग के अधिकारियों ने समय रहते कॉपी क्रय नहीं कीं,जिस कारण स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं तीन माह देरी से हो पाईं। जानकारी के अनुसार परीक्षाओं के लिए कॉपियां क्रय करने की टेंडर आए हुए एक माह हो चुका है। स्टोर शाखा के कर्मचारियों के बार-बार आग्रह करने के बाद भी क्रय समिति टेंडर नहीं खोल रही थी। वीसी के पास जैसे ही कॉपियों की किल्लत की शिकायत पहुंची तो उन्होंने टेंडर के संबंध में पूरी जानकारी हासिल की। टेंडर खोलने में देरी पर कुलपति ने नाराजगी जताई है। उन्होंने संबंधितों की खिंचाई की तो अब कॉपी क्रय करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब रेट तो खुल गए हैं, मगर कॉपियों के सेंपलों की जांच होगी। अनुबंध के बाद कॉपयों के आदेश जारी होंगे। इस प्रक्रिया में कम से कम 15 से 20 दिन लग सकते हैं।
बिना जानकारी लिए घोषित की परीक्षा समय-सारणी :
परीक्षा नियंत्रक के अवकाश पर रहते हुए उप कुलसचिव परीक्षा ने कॉपियों की स्थिति पता किए बगैर ही बीएड प्रथम,तृतीय सेमेस्टर सहित एसओएस की कुछ परीक्षाओं के टाइम-टेबल निकाल दिए थे। इनमें बीएड प्रथम सेम में छात्रों की संख्या अधिक है। नई कॉपियों आए बिना ही यह परीक्षाएं शुरू कराई गईं तो यह परीक्षा नहीं हो पाएगी।
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