Jiwaji University : एमएमडी की सम्बद्धता समाप्त,9 कॉलेजों को सुधार करने दिया 10 दिन का समय
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय की स्थाई समिति ने एमएमडी महाविद्यालय की रिपोर्ट निगेटिव होने पर उसकी सम्बद्धता समाप्त करने का फैसला लिया है। वहीं 9 महाविद्यालय जिनमें 28/17 की नियुक्ति सहित अन्य कमियां थीं। इसीलिए उन्हें 10 दिन का समय दिया है। यदि यह महाविद्यालय 10 दिन में खामियों को पूर्ति करते हैं तो इन्हें सम्बद्धता दी जायेंगी पूर्ति नहीं करने पर सम्बद्धता से वंचित रखा जायेगा।
जेयू में गुरूवार को स्थाई समिति की बैठक कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में 167 सामान्य कोर्स संचालित करने वाले महाविद्यालयों की निरीक्षण रिपोर्ट पेश की गई। निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार अटेर भिण्ड में संचालित होने वाला एमएमडी महाविद्यालय में निरीक्षण टीम को कॉलेज की जगह स्कूल संचालित होता मिला था। कॉलेज का कोई स्टाफ भी नहीं मिला था। यह देख निरीक्षण टीम ने कॉलेज को सम्बद्धता न देने की अनुशंसा की थी। समिति की अनुशंसा पर स्थायी समिति ने एमएमडी महाविद्यालय को सम्बद्धता देने से इंकार कर दिया है।
वहीं 9 महाविद्यालय ऐसे थे, जिनमें 28/17 के तहत प्राचार्यों की नियुक्ति नहीं थीं और भी अन्य खामियां थी। इन्हें स्थायी समिति ने 10 दिन में नियुक्ति करने और सभी खामियों की पूर्ति करने का आदेश दिया है। यदि उक्त महाविद्यालय खामियों की पूर्ति करते हैं, उसी के बाद ही इन्हें सम्बद्धता दी जायेगी। फिलहाल स्थायी समिति ने इन 9 महाविद्यालयों की सम्बद्धता को होल्ड पर रखा है।
यहां बता दें कि बुधवार को हुई बैठक में 20 महाविद्यालयों को सामान्य कोर्स संचालित करने के लिए स्थायी समिति की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है। गुरूवार को शेष बचे 167 महाविद्यालयों की रिपोर्ट स्थायी समिति में रखी गई। इसमें 10 महाविद्यालयों को छोड़ सभी को सम्बद्धता देने की अनुशंसा समिति ने की है।
इन 9 कॉलेज को दिया 10 दिन का समय
विंश कॉलेज चितौरा रोड़ मुरार
स्वयं प्रभा कॉलेज, लहार, दबोह
आईपीएस कॉलेज ऑफ एज्युकेशन जौरा, मुरैना
सैनिक डिग्री कॉलेज, मुरैना
जय श्री कृष्णा महाविद्यालय, महाराजपुरा
जग्रती देवी महाविद्यालय जौरा, मुरैना
सरवाहिनी कॉलेज, मुरैना
सिटी पब्लिक कॉलेज, अशोकनगर
अनंत इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफिसनल स्टडीज, अशोकनगर
यह लग रहे आरोप
स्थायी समिति की बैठक में मौजूद सदस्यों पर आरोप लग रहे हैं कि मानकों पर खरे न उतरने वाले महाविद्यालयों को भी स्थायी समिति ने सम्बद्धता देने के लिए हरी झंडी दे दी है। इससे निश्चित रूप से शिक्षा का स्तर गिरेगा। हालांकि स्थायी समिति की रिपोर्ट को अब आगामी दिनों में होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में रखा जायेगा। वहीं से महाविद्यालयों की सम्बद्धता पर फैसला होगा।
बीएड महाविद्यालयों के दस्तावेज नहीं हुए जमा
बीएड महाविद्यालय संचालित करने वाले कॉलेज संचालकों को अपने-अपने महाविद्यालयों के शिक्षकों की जानकारी 3 मई तक अनिवार्य रूप से जीवाजी विश्वविद्यालय के डीसीडीसी कार्यालय में जमा करानी थी, लेकिन अब तक सिर्फ चुनिंदा महाविद्यालयों ने ही शिक्षकों की जानकारी विश्वविद्यालय को दी है। जानकारी के अभाव में बीएड महाविद्यालयों की सम्बद्धता पर निर्णय नहीं हो पा रहा है।
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