हाइलाइट्स
जल स्रोतों के संरक्षण मध्यप्रदेश में चलाया जाएगा "जल- हठ" अभियान।
पुराने तालाबों और जल स्रोतों का किया जाएगा संरक्षण और संवर्धन।
मंत्री सिलावट ने कहा - भूजल उन्नयन के लिए इन्हें पुनर्जीवित करना आवश्यक।
Jal-Hath Campaign in MP : भिण्ड, मध्य प्रदेश। जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए मध्यप्रदेश में "जल हठ अभियान" चलाया जाएगा। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने इस संबंध में विभागीय प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को उनके निवास पहुंचकर प्रदान किया। साथ ही अनुरोध किया कि प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में "जल-हठ" अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया जाए। मंत्री पटेल ने आश्वस्त किया कि, प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में जल स्रोतों के संरक्षण एवं जल संवर्धन को जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के प्रत्येक ग्राम में "हर घर जल" पहुंचाने के लिए वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया गया। इस मिशन की पूर्ण सफलता के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में "जल-हठ" अभियान (Jal Hath Campaign) जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा। इसमें सरकार और समाज की भागीदारी से हर गांव, हर नगर में पुराने तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों का उन्नयन, विकास, सौंदरीकरण, गहरीकरण कराया जाएगा तथा जल स्रोतों के आस पास किए गए अतिक्रमण को हटाकर वृक्षारोपण किया जाएगा।
हटेगा जल स्त्रोतों का अतिक्रमण - जल संसाधन मंत्री सिलावट
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा, अभियान (Jal Hath Campaign)के अंतर्गत जल स्रोतों के अतिक्रमणों को प्राथमिकता से हटाया जाएगा। प्रदेश के तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों में अतिक्रमण से उनका कैचमेंट एरिया समाप्त होता जा रहा है, जिससे जल स्रोतों में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है तथा सिंचाई एवं पीने का पानी कम हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-छोटे नदी नालों में पहले वर्ष भर जल संरक्षित रहता था, ये नदी नाले अब समाप्तप्राय हो गए हैं। वर्षा के जल को संरक्षित करने एवं भूजल उन्नयन के लिए इन्हें पुनर्जीवित करना अत्यंत आवश्यक है।
एमपी में जल संरक्षण एवं संवर्धन की समृद्धशाली परंपरा
मंत्री सिलावट ने बताया सभी जिलों में प्राकृतिक जल स्रोतों, तालाबों के पुनर्जीवन कार्य के लिए उन्हें चिन्हित कर विभागीय योजना बनाई जाएगी। समाज के विभिन्न वर्गों एवं संगठनों के सहयोग से इसे (Jal Hath Campaign) जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा। मध्य प्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन की समृद्धशाली परंपरा रही है। प्रदेश की चंदेल एवं गोंडकालीन जल संरक्षण प्रणाली न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध रही। सरकार की प्राथमिकता प्राकृतिक जल स्रोतों एवं तालाब को बचाने की है और उसके लिए हम योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं।
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