भोपाल और इंदौर में लगेगा गुड़ मेला, नरसिंहपुर का प्रसिद्ध गुड़ होगा उपलब्ध

गुड़ मेला भोपाल और इंदौर में 8 जनवरी से शुरू होगा- 10 जनवरी तक चलेगा मेला नरसिंहपुर जिले का प्रसिद्ध करेली गुड़ और गाडरवारा तुअर दाल रहेगी मेले में उपलब्ध।
भोपाल और इंदौर में लगेगा गुड़ मेला, नरसिंहपुर का प्रसिद्ध गुड़ होगा उपलब्ध
भोपाल और इंदौर में लगेगा गुड़ मेला, नरसिंहपुर का प्रसिद्ध गुड़ होगा उपलब्धSocial Media
Published on
Updated on
2 min read

मध्य प्रदेश शासन की एक जिला एक उत्पाद की अवधारणा के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले से देश- विदेश में अपनी मिठास के लिए पहचाने जाने वाला करेली गुड़ और अपने सौंधेपन व बेमिसाल स्वाद के लिए मशहूर तुअर दाल का चयन किया गया है। इन उत्पादों के प्रमोशन के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और जिला प्रशासन नरसिंहपुर के तत्वावधान में भोपाल एवं इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक गुड़ मेला का आयोजन किया जा रहा है।

गुड़ मेला भोपाल में भोपाल हाट बाजार में और इंदौर में इंदौर हाट बाजार में लगेगा। इस मेले में करेली गुड़ विभिन्न फ्लेवर्स और विभिन्न साईज की पैकिंग में उपलब्ध रहेगा। करेली गुड़ एवं गाडरवारा तुअर दाल सेहत के लिए फायदेमंद है। इंदौर एवं भोपाल के नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे गुड़ मेला में पहुंचकर नरसिंहपुर जिले के प्रसिद्ध एवं स्वास्थ्यवर्धक करेली गुड़ और तुअर दाल खरीद सकते हैं।

बता दें कि माँ नर्मदा की गोद में बसे नरसिंहपुर जिले की उर्वर भूमि के करीब 70 हजार हेक्टर रकबे में गन्ने की खेती और 45 हजार हेक्टर में तुअर की खेती की जाती है। जिले के किसानों द्वारा गन्ने से गुड़ बनाया जाता है। नरसिंहपुर जिले में करीब 5 हजार गुड़ भट्टियां किसानों के खेतों पर बनाई जाती हैं। इन गुड़ भट्टियों में नवम्बर माह से शुरू होकर मार्च तक गुड़ बनाया जाता है। इस अवधि में जिले के बाजारों में लगभग एक लाख मेट्रिक टन गुड़ विक्रय के लिए उपलब्ध रहता है। करेली गुड़ का अपना एक प्रसिद्ध ब्रांड है। करेली गुड़ न केवल जिले और प्रदेश में ही बल्कि देश- विदेश में भी उपभोक्ताओं द्वारा बुलवाया जाता है। यह गुड़ और गाडरवारा तुअर दाल भोपाल एवं इंदौर के हॉट बाजार में 8 से 10 जनवरी तक उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध रहेगा।

क्या है नरसिंहपुर जिले के गुड़ और दाल में विशेषता

नरसिंहपुर जिले के करेली का गुड़ अदरक, आंवला, इलायची, कैंडी जैसे फ्लेवर्स में उपलब्ध रहेगा। इसी तरह जिले के लगभग 50 हजार किसान पारम्परिक तरीके से तुअर की देशी प्रजातियों और शोध के बाद तैयार की गई नवीनतम प्रजातियों से तुअर का उत्पादन करते हैं। गाडरवारा की दाल शीघ्र पकने और अपने सौंधेपन के स्वाद के लिए मशहूर है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com