किसानोंं के साथ खड़े रहो, नहीं तो सस्पेंशन की कार्यवाही के लिए तैयार रहो

मंडी अधिकारियों का पहला कर्तव्य है कि वे किसानोंं के साथ खड़े रहे। आप मलाई भी खाएं और काम भी नहीं करें यह नहीं चलेगा। दो दिन में वकील कर मामले को हल करें अन्यथा सस्पेंशन की कार्यवाही के लिए तैयार रहें
किसानोंं के साथ खड़े रहो, नहीं तो सस्पेंशन की कार्यवाही के लिए तैयार रहो
किसानोंं के साथ खड़े रहो, नहीं तो सस्पेंशन की कार्यवाही के लिए तैयार रहोसांकेतिक चित्र
Published on
Updated on
3 min read

इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर में तीन साल पहले मंडी समिति की लाइसेंस धारी फर्म ने करीब 155 से अधिक किसानों से 2 करोड़ 74 लाख के करीब का अनाज खरीदा और बाद में उन्हें भुगतान नहीं किया। किसानों ने अपने भुगतान के लिए मंडी समिति से लेकर कलेक्टर तक कई बार गुहार लगाई। किसानों की गुहार के बाद भी वे अपनी फसल की रकम के लिए इधर-उधर भटकते रहे। भोपाल में संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान एवं मजदूर सेना तथा किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक से मुलाकात की तथा उन्हें पिछले 3 वर्षों से 155 किसानोंं का बकाया भुगतान न होने के बारे में दस्तावेजी सबूत सौपते हुए मांग की कि बकाया का भगतान मंडी निधि से करने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, शैलेंद्र पटेल और लाखन सिंह डाबी शामिल थे।

मलाई भी खाएं और काम भी नहीं करें :

बबलू ने बताया मध्य प्रदेश कृषि उपज मंंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक विकास नरवल ने शहर के 155 से अधिक किसानों के बकाया 2 करोड़ 74 लाख की राशि की वसूली को लेकर की जा रही लापरवाही पर इंदौर मंडी के सचिव रमेश परमार और मंडी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के डीएस महेंद्र सिंह चौहान को लताड़ लगाते हुए कहा कि किसानोंं के साथ खड़े रहिए, अन्यथा सस्पेंशन की कार्यवाही के लिए तैयार रहिए। प्रबंध संचालक नरवल ने करीब 15 मिनट तक इंदौर के मंडी सचिव परमार से फोन पर किसानों के बकाया के बारे में सवाल जवाब किए और उन्हें कहा कि तहसीलदार के भरोसे क्यों हैं, आपको सिविल कोर्ट में मामले को ले जाना चाहिए और किसानों के बकाया भुगतान में जो भी दिक्कतें आ रही उन्हें दूर करना चाहिए। उन्होनें कहा कि मंडी अधिकारियों का पहला कर्तव्य है कि वे किसानोंं के साथ खड़े रहे। आप मलाई भी खाएं और काम भी नहीं करें यह नहीं चलेगा। दो दिन में अच्छे से अच्छा वकील कर मामले को हल करें, अन्यथा सस्पेंशन की कार्यवाही के लिए तैयार रहें। नरवल ने मंडी निधि से भुगतान के बारे में कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ही निर्णय ले सकती है। किसान मुख्यमंत्री से इस संबंध में चर्चा करें। उन्होंने इंदौर के मंडी सचिव से कहा कि वे एक दिन में पूरी रिपोर्ट दें और वकील तय कर उनके मेहनताने का प्रस्ताव भी बनाकर भेजें।

मंत्री, मुख्यमंत्री से मिलने के लिए नहीं दिया समय :

रामस्वरूप मंत्री और बबलू ने बताया कि शनिवार को इंदौर आ रहे कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलने के लिए दो दिन पहले हमने इंदौर कलेक्टर को पत्र लिखा था और समय की मांग की थी लेकिन किसान हितेषी होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री से किसानों को मिलने का समय भी नहीं दिया गया। बताया कि हम जल्द ही भोपाल में मुख्यमंत्री से मिलेंगे और प्रदेश के सभी कैबिनेट मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे व उनसे मांग करेंगे कि कैबिनेट इस संबंध में प्रस्ताव पास करें कि यदि मंडी में खरीदी करने वाला लाइसेंसी व्यापारी फसल खरीद कर फरार हो जाता है तो उसका भुगतान मंडी समिति तत्काल अपनी मंडी निधि से करें और उक्त फर्मों की कुर्की से प्राप्त राशि को मंडी समिति वापस अपनी मंडी निधि में जमा करें। इस संबंध में यदि शासन जल्द कोई निर्णय नहीं करता है तो संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य किसान संगठन प्रदेश में एक बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com