Indore : स्मार्ट सिटी पुलिस चोरी-लूट की वारदातों पर अंकुश लगाने में नाकाम
इंदौर, मध्यप्रदेश। कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद भी शहर में चोरी और लूट की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ये बात समझ से परे है कि आपरेशन क्राइम कंट्रोल से अपराधों पर रोकथाम का दावा करने वाली स्मार्ट सिटी की स्मार्ट पुलिस चोरी और लूट की वारदातों पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रही है। तीन सालों की चोरी के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद भी चोरी की वारदातें थमी नहीं है, बल्कि चोरी की वारदातों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पुलिस टीम बाहरी अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई विशेष प्लानिंग तक नहीं बना पाई है।
बाहरी गैंग बन गए मुसीबत :
पुलिस के लिए बाहरी गैंग मुसीबत बन गए हैं। ये आते हैं वारदात करते हैं और फरार हो जाते हैं। पुलिस अभी तक एक भी ऐसा प्लान नहीं बना पाई है कि बाहरी अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सके। हालात तो ये है कि पुलिस इंदौर के अलावा दूसरे स्थानों से आने वाले मजदूरों और नौकरी के बहाने आने वालों तक का भी पूरा रिकार्ड तक नहीं रख पाती है। रेलवे स्टेशन-बस स्टेंड आदि स्थानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी नियमित रुप से चैक नहीं किए जाते है। बड़ा त्योहार आते ही लाज,होटलों में रुकने वालों के साथ ही किराएदारों की पड़ताल की जाती है लेकिन ये भी पूरी तरह नहीं हो पाती। बाहरी अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए यदि पुलिस दूसरे स्थानों से आने वाले मजदूरों,नागरिक और किराएदार बनकर आने वाले लोगों को रिकार्ड ही नियमित रुप से लेने की दिशा में कदम उठाए तो चोरी-लूट की वारदातों पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है।
ये है बाहरी अपराधियों की सक्रियता का सबूत :
शहर में बाहरी गैंग आकर चोरी-लूट की वारदातों को अंजाम देकर फरार होने में कामयाब हो जाते हैं। आए दिन दूसरे स्थानोंं खास तौर पर बाग-टांडा के चोर लुटेरे गैंग पकड़े जा रहे हैं। 2020 में डकैती की तैयारी के 11 मामले,2021 में 6 मामले और 2022 में 15 जुलाई तक ही 40 गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन आंकड़ों से ऐसा भी लगता है कि पुलिस ज्यादा एक्टिव है,मुखबिर तंत्र भी मजबूत हुआ है, लेकिन इन 40 डकैती की तैयारी में पकड़े गए आरोपियों में 70 प्रतिशत से ज्यादा बाहरी गैंग से जुड़े अपराधी पकड़े गए हैं। अब तो इन पर अंकुश लगाने के लिए जरुरी हो गया है कि बाहरी अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई विशेष प्लान बनाया जाए। स्मार्ट सिटी की स्मार्ट पुलिस इस दिशा में क्या करेगी ये तो समय ही बताएगा।
वाहन चोरी-ट्रक कटिंग में कंजर गैंग भी सक्रिय :
वाहन चोरी और ट्रक कटिंग के मामले में शहर की सीमाओं के साथ ही रिंगरोड, एबी रोड पर कंजर गैंग भी सक्रिय होने लगे हैं। इस दौरान दर्जनों मामले दर्ज हुए हैं जिनमें कंजर गैंग का हाथ होने के सबूत मिले हैं। इंदौर पुलिस ने कुछ अरसा पहले देवास के कंजरों के डेरों पर छापे मारकर चोरी के वाहन और अन्य सामान भी बरामद किया है। अक्सर रात को सक्रिय रहने वाले ये कंजर अब तो दिन दहाड़े भी वारदात करने से नहीं चूकते है। इसका सबसे बड़ा कारण हाईवे मोबाइल चैकिंग में काफी कमी आई है। कई बार तो चैकिंग होती हीं नहीं है।
हर दिन चोरी होते हैं 8 से ज्यादा वाहन :
1 जनवरी से 15 जुलाई तक के वाहन आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि शहर में प्रतिदिन 8 से ज्यादा वाहन चोरी होते हैं। इस दौरान 1710 वाहन चोरी के केस दर्ज हुए हैं। वाहन चोरी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ये भी है कि दो पहिया वाहनों को चुराकर या तो ग्रामीण इलाकों में बेच दिया जाता है या फिर शहर में ही उसके पार्टस बेचकर उसे भंगार में बेच दिया जाता है। दो पहिया वाहनों के दाम बढ़ने के बाद इन वाहनों की चोरी भी बढ़ने लगी है। इसके साथ ही कार चोरी के मामले भी तेजी से हो रहे हैं। कारों को चुराकर दूसरे राज्यों में बेच दिया जाता है। कुछ अरसा पहले तो कार चोरी में राजस्थान के कुख्यात कार चोर गैंग के सरगना सहित कुछ अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या कहते हैं तीन साल के आंकड़े-1 जनवरी से 15 जुलाई :
साधारण चोरी :
वर्ष 2020 में 159
वर्ष 2021 में 291
वर्ष 2022 में 357
नकबजनी :
वर्ष 2020 में 222
वर्ष 2021 में 303
वर्ष 2022 में 307
लूट :
वर्ष 2020 में 24
वर्ष 2021 में 29
वर्ष 2022 में 18
चेन लूट :
वर्ष 2020 में 04
वर्ष 2021 में 12
वर्ष 2022 में 18
वाहन चोरी :
वर्ष 2020 में 1182
वर्ष 2021 में 1802
वर्ष 2022 में 1710
डकैती की तैयारी :
वर्ष 2020 में 11
वर्ष 2021 में 06
वर्ष 2022 में 40
पुलिस टीम के साथ क्राइम ब्रांच भी सक्रिय :
स्मार्ट सिटी में 9 दिसंबर 2021 से कमिश्नर सिस्टम लागू हो चुका है। इसके बाद अफसरों के साथ ही स्टाफ भी बढ़ाया गया है। पुलिस अफसर दावा करते हैं कि अपराध रोकने के लिए पुलिस टीम के साथ ही क्राइम ब्रांच भी सक्रियता से काम कर रही है। कई बड़े मामलों में अपराधियों को तत्काल पकड़ भी लिया गया है।
पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने हाल ही में शहर में हो रहे अपराधों की समीक्षा की एवं मैदानी टीम को आपरेशन क्राइम कंट्रोल के तहत अपराधियों पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश भी दिए हैं। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक शहर में होने वाले हर अपराध पर पुलिस टीम की पैनी नजर रहती है। कई गुंडे बदमाशों को जिला बदर किया जा चुका है। आदतन गुंडे बदमाशों पर भी रासुका जैसी कार्रवाई की जा रही है। बांड भी भरवाए जा रहे हैं। यही कारण है कि कई बड़े हत्या जैसे अपराधों के आरोपियों को भी पुलिस दूसरे राज्यों से गिरफ्तार चुकी है।
एडिशनल कमिश्नर क्राइम राजेश हिंगणकर बताते हैं कि पुलिस टीम एक जुट होकर अपराधों को रोकने में काम कर रही है। कई फरार कुख्यात अपराधियों को सलाखों के पीछे किया जा चुका है। हथियारों के सौदागरों के साथ ही ड्रग्स के कारोबार से जुड़े आरोपियों को भी पकड़ा गया है। फरार वारंटियों की छानबीन करते हुए सालों से फरार आरोपियों को भी जेल पहुंचाया जा चुका है।
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