स्मार्ट सिटी है या फल-सब्जी मंडी
स्मार्ट सिटी है या फल-सब्जी मंडीसांकेतिक चित्र

Indore : स्मार्ट सिटी है या फल-सब्जी मंडी...!

कुछ अरसे पहले नगर निगम हाथ ठेलों का पंजीयन कर शुल्क भी वसूलता था, लेकिन अब वह नियम भी समाप्त हो गया है, यही वजह है कि स्मार्ट सिटी का हर इलाका फल-सब्जी मंडी में तब्दील होने लगा है।
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इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर में ठेलों की बढ़ती संख्या और फुटपाथ पर जबरन कब्जा कर दुकान लगाने वाले स्मार्ट सिटी के नाम पर बदनुमा दाग साबित हो रहे हैं। इनकी गुंडागर्दी और मनमानी के चलते स्मार्ट सिटी को देखने से ऐसा लगता है कि हम किसी फल या सब्जी मंडी में आ गए हैं। शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं हैं जहां पर सड़कों को घेरकर ट्रैफिक का सत्यानाश करने वाले हाथ ठेले या फुटपाथ पर कब्जा कर दुकान लगाने वाले नहीं दिखते हो। कुछ अरसा पहले नगर निगम हाथ ठेलों का पंजीयन कर शुल्क भी वसूलता था, लेकिन अब वह नियम भी समाप्त हो गया है, यही वजह है कि स्मार्ट सिटी का हर इलाका फल-सब्जी मंडी में तब्दील होने लगा है।

शहर के हर हिस्से में दुकान के सामने ठेले लगाने या फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों ने अब दादागिरी शुरु कर दी है। हालात तो ये हैं कि रेलवे स्टेशन जैसे व्यस्ततम इलाके में निगम चुनाव के बाद रातों-रात सैकड़ों ठेले और गुमटियां लग चुकी है। यही हाल शहर के हर हिस्से में दिखाई देता है। अन्नपूर्णा रोड हो या फिर कलेक्ट्रेट से महूनाका जाने वाला मार्ग फुटपाथ पर कब्जा करने वाले ट्रैफिक का सत्यानाश कर देते हैं। निगम चुनाव के बाद अचानक ठेलों की संख्या बेहद ज्यादा हो गई है। कई लोगों ने तो ठेले पर सब्जी या फ्रुट के ठेले किराए पर देकर कमाई करना भी शुरु कर दिया है। दूसरे राज्यों से आए लोगों को ये सुबह ठेला किराए पर दे देते हैं, उसमें सब्जी या फ्रूट भर देते हैं उसके बाद कहीं पर भी ठेले लगवा देते हैं। कुछ अरसा पहले हर ठेले का पंजीयन होता था और कायदे से ठेले वाले इसके लिए बाकायदा फीस भरते थे ,लेकिन अब ये नियम भी बंद हो गया है।

बंगाली चौराहे से लेकर कनाडिय़ा तक तो ये हालात हैं कि सड़क के दोनों ओर ठेले लगे रहते हैं तो देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि हम किसी शहर की सड़क पर नहीं फ्रूट मार्केट में घूम रहे हों। यही हालात खजराना में गणेश मंदिर से लेकर खजराना दरगाह तक है। यहां पहले ही से सड़क संकरी है उसके बाद ये ठेले वाले पैदल चलने में भी दिक्कतें पैदा कर देते हैं। शहरभर में हाथ ठेलों से निगमकर्मी द्वारा अवैध वसूली की शिकायतें आम बात हो गई है। इन पर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है। हाथ ठेले को लेकर अब नियम बनाना बेहद जरुरी हो गया है।

नव निर्वाचित महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आदेश दिया था कि सड़क पर कहीं भी हाथ ठेले खड़े नहीं होंगे उनके लिए हाकर्स जोन बनाए जाएंगे, लेकिन स्मार्ट सिटी में जिधर नजर जाती है उधर हाथ ठेले ही नजर आते हैं। कलेक्ट्रेट चौराहा, खजराना, सरवटे बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन, अन्नपूर्णा रोड, एरोड्रम रोड जैसे व्यस्ततम इलाके में भी ठेले वाले मनमानी करते दिखाई देते हैं और इंदौर को स्मार्ट सिटी बनाने वालों को ये बदनुमा दाग नहीं दिखता।

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