मामला जिला अस्पताल का : शर्मसार होने के बाद बना पीएम रुम तक का रास्ता
इंदौर, मध्यप्रदेश। धार रोड स्थित जिला अस्पताल का भवन पिछले कई वर्षों से कछुए की चाल से बन रहा है। हालत यह है कि निर्माण कार्य के कारण वर्तमान में यहां संचालित हो रहा अस्पताल, ओपीडी और पोस्टमार्टम रुम तक जो सड़क है, वो कीचड़ से सनी हुई है। इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। वाहन फंस जाते हैं। यहां एक शव को वाहन पोस्टमार्टम के लिए लेने पहुंचा था, लेकिन कीचड़ के कारण पीएम रुम तक शव को कंधे पर खाट पर डालकर ले जाना पड़ा। दो माह में यह इस प्रकार की दूसरी घटना है। इस घटना का गुरुवार सुबह वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा।
द्वारकापुरी सुखनिवास के रहने वाले किसान लीलाधर(50) ने बुधवार को फांसी लगा ली थी। परिजनों के मुताबिक उनका शव पोस्टमार्टम रुम लाना था। रोड खराब होने से वाहन अंदर नहीं ला सके। करीब आधा किमी तक चलकर शव को पीएम रुम लेकर आए। शव को खाट पर लेकर पहुंचे। यहां भी ताला लगा मिला। बाद में सूचना मिलने पर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया।
रास्ता दुरुस्त किया, निर्माण एजेंसी को दी चेतावनी :
सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया है कि वर्तमान में जिला अस्पताल का नया भवन निर्माणाधीन है, जिसमें निर्माण कार्य हेतु डम्पर से मटेरियल लाया जा रहा है। इस कारण से पीएम कक्ष जाने का रास्ता खराब हो गया था। बुधवार सुबह पोस्टमार्टम हेतु लाए गए शव को पीएम कक्ष तक ले जाने में हुई असुविधा के पश्चात तुरंत पीएम कक्ष तक का मार्ग दुरूस्त करवा दिया गया है। बुधवार सुबह पोस्टमार्टम हेतु लाए गए शव को पीएम कक्ष तक ले जाने में हुई असुविधा के पश्चात तुरंत निर्माण कार्य कर रही एजेंसी को चेतावनी दी गई। इसके बाद निर्माण एजेंसी द्वारा तत्काल रास्ता दुरुस्त कर दिया गया है। रास्ता दुरूस्त होने से शव वाहन आसानी से पीएम कक्ष तक लाए ले जाए जा सकेंगे।
डॉ. सैत्या ने बताया कि इसी के साथ निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी को भविष्य के लिए चेतावनी भी दी गई है कि इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उल्लेखनीय है कि पिछले करीब दो साल से इंदौर के जिला अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसके चलते गिट्टी और मुर्रम डालकर अस्थाई सड़क बनाई गई है। डंपरों के गुजरने के कारण इस सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों में बारिश का पानी भरने से दलदल जैसे हालात बन गए हैं। यहां आने वाले पेशेंट और उनके परिजनों को इसी कीचड़ को पार कर निकलना पड़ता है। निर्माण कार्य भी धीमी रफ्तार से चल रहा है। भवन बन जाने के बाद ही मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है। मानसून की पहली बारिश में भी यहां यही स्थिति बनी थी और शव को कंधे पर पीएम रुम तक ले जाना पड़ा था। पिछले दिनों अस्पताल की एसीएस मो. सुलेमान ने यहां का दौरा किया था।
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