मेदांता अस्पताल आईसीयू में शार्टसर्किट से लगी आग
मेदांता अस्पताल आईसीयू में शार्टसर्किट से लगी आगRavi Verma - RE

Indore : मेदांता अस्पताल आईसीयू में शार्टसर्किट से लगी आग

इंदौर, मध्यप्रदेश : मरीज के परिजनों ने दी स्टाफ को जानकारी, मचा हड़कंप। अस्पताल के फायर सेफ्टी को लेकर उठी उंगली। कलेक्टर ने दिए तुरंत जांच के आदेश, टीम जांच करने पहुंची।
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इंदौर, मध्यप्रदेश। विजय नगर स्थित शहर के एक निजी बड़े अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से यहां भर्ती मरीजों की जान पर बन आई। वक्त पर जानकारी मिलने से यहां भर्ती सभी मरीजों को अस्पताल के अंदर ही स्थित एक अन्य आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, नहीं तो मुश्किल खड़ी हो सकती थी। इस मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। आग लगने की सूचना के तुरंत बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश देते हुए टीम गठित कर दी। टीम भी तुरंत अस्पताल पर पहुंच गई और जांच शुरू कर दी। टीम अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौपेंगी।

डायलिसिस मशीन के प्लग में लगी आग, धुआं भरा :

विजय नगर क्षेत्र स्थित मेदांता अस्पताल की चौथी मंजिल पर बने मेडिकल आइसीयू में रविवार शाम आग लग गई। वार्ड में मौजूद मरीज के परिजनों के मुताबिक घटना के वक्त करीब 15 मरीज भर्ती थे। इनमें से चार-पांच वेंटिलेटर पर थे। आईसीयू के बेड नंबर 8 पर एक मरीज का डायलिसिस चल रहा था, तभी मशीन का प्लग जिस इलेक्ट्रीक बोर्ड में लगा था, उसमें आग लग गई और देखते ही देखते धुआं आईसीयू में भरने लगा। धुएं की वजह से मरीजों को घबराहट होने लगी और उनकी सांस फूलने लगी। मरीजों के स्वजन ने आग लगने की जानकारी तुरंत मौके पर मौजूद स्टाफ को दी। इसके बाद स्टाफ हरकत में आया और आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान यहां भगदड़ की स्थिति बन गई थी।

चौथी से तीसरी मंजिल पर किया शिफ्ट :

आईसीयू में धुआं भर जाने के कारण यहां भर्ती मरीज और उनके परिजने चीखने और चिल्लाने लगे थे। हालत को बिगड़ता देख, स्टाफ पहुंचा और मरीजों को आईसीयू से बाहर निकालना शुरू किया। आइसीयू में भर्ती मरीजों को एक-एक कर तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया। सबसे ज्यादा दिक्कत उन मरीजों को लेकर रही जो वेंटीलेटर पर थे। इन्हें आखिरी में शिफ्ट किया गया। हादसे ने अस्पताल की फायर सेफ्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वजन का कहना है कि आग लगने की जानकारी उन्होंने खुद अस्पताल के कर्मचारियों को दी थी। अलार्म बजा ही नहीं जबकि प्रबंधन का दावा है कि तल मंजिल पर बने कंट्रोल रूम में फायर सेफ्टी अलार्म बजा था।

धुआं भरने से मरीजों की सांसे फूलने लगी थी :

आग शाम करीब सवा छह बजे लगी थी। अस्पताल की चौथी मंजिल पर बने आइसीयू में भर्ती मरीजों के स्वजन के मुताबिक वे अस्पताल की तीसरी, चौथी और पांचवी थे। अचानक उन्होंने देखा कि मेडिकल आइसीयू से धुआं उठने लगा। इसे देखकर वे घबरा गए और तुरंत आइसीयू की तरफ दौड़े। उन्होंने देखा कि आइसीयू में धुआं भर रहा था। उन्होंने शोर मचाना शुरू किया। वे दौड़कर अपने मरीज के पास गए। धुआं भराने से मरीज घबराने लगे थे। कुछ मरीजों की सांस अचानक फूलने लगी। आग की वजह से अस्पताल के कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने आग बुझाने के उपकरणों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। इस बीच आइसीयू में भर्ती मरीजों को अस्पताल की तीसरी मंजिल पर दूसरे आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया।

खुल गई अस्पताल की पोल :

हादसे ने अस्पताल के फायर सेफ्टी इंतजाम और बिजली व्यवस्था को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि तल मंजिल पर बने कंट्रोल रूम में अलार्म बजा था। वहीं मरीजों के स्वजन का कहना है कि आग लगने की जानकारी उन्होंने ही अस्पताल के कर्मचारियों को दी थी। एक मरीज के परिजन जिस पलंग के पास आग लगी, वहीं मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि कहीं कोई अलर्म नहीं बजा था, हमने ही स्टाफ को जानकारी दी। वहीं एक अन्य मरीज के परिजन संगीता बैरागी ने बताया कि उनकी मां चंद्रकांता बैरागी आइसीयू में भर्ती थीं। आग लगते ही पूरे आइसीयू में धुआं भरा गया। हर तरफ अफरा-तफरी थी। मां वेेंटिलेटर पर थीं। मुझे एक पल को लगा कि सबकुछ खत्म हो गया है। कर्मचारियों ने मां को तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया। हर तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। सबकुछ इतना अचानक हुआ कि समझ ही नहीं आया। एक अन्य परिजन ने बताया कि हादसे के वक्त मैं तीसरी मंजिल के वेटिंग एरिया में था। मैंने देखा कि चौथी मंजिल के आइसीयू से अचानक चिंगारियां निकलने लगी है। मैं और मेरे 72 वर्षीय पिताजी तुरंत चौथी मंजिल की तरफ दौड़े और कर्मचारियों को आग लगने की जानकारी दी। कुछ ही देर में आइसीयू में अफरा-तफरी मच गई।

हर बिंदुओं पर जांच करेगी टीम :

मेदांता हास्पिटल में आज हुई दुर्घटना के संदर्भ में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह द्वारा जाँच के आदेश दिए गए हैं। आदेश के परिपालन में एसडीएम पवन जैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बीएस सैत्या, नगर निगम के फ़ायर ऑफि़सर सहित विद्युत एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का दल मेदांता हॉस्पिटल पहुेंचा और जांच शुरू की। यह जाँच दल अस्पताल में हुई अग्नि दुर्घटना के कारणों सहित सभी बिन्दुओं पर विस्तार से छानबीन कर प्रतिवेदन जिला दंडाधिकारी को प्रस्तुत करेगा।

प्रबंधन ने बताया मामूली आगजनी हुई :

मेदांता हॉस्पिटल इंदौर के एक आईसीयू में रविवार एक मामूली आगजनी की घटना हुई। इसका कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया।

एक त्वरित घटना ने हमारे कड़े अग्नि नियंत्रण प्रोटोकॉल को सक्रिय कर दिया। इसके हिस्से के रूप में सभी मरीजों को तुरंत अन्य आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया और उनकी देखभाल निरंतर जारी रही। स्थिति को भी तुरंत नियंत्रण में किया गया और किसी भी मरीज, परिचारक या अस्पताल के कर्मचारियों को कोई चोट नहीं आई। मेदांता अपने कर्मचारियों के साथ अपने मरीजों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

डॉ. संजय गीद, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, मेदांता हॉस्पिटल, इंदौर

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