इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर में नकली रायल स्टेग जानलेवा साबित हो रही है इसके बीच ही एक चिंताजनक सच भी सामने आया कि नकली शराब घर-घर तक फैल गई। इसके कारण शहर में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। खातीवाला टैंक, जूनी इंदौर के बाद अब स्नेहलतागंज के फ्लैट से आबकारी विभाग ने देशी-विदेशी शराब जब्त की है।
आबकारी विभाग द्वारा रविवार को प्रात: आबकारी सब इंस्पेक्टर नितिन आशापुरी के नेतृत्व में सूचना के आधार पर तत्काल एक टीम का गठन किया गया इस टीम में आरक्षक सतेज, मुकेश एवं सुरेश शामिल थे। स्नेह लता गंज स्थित फ्लैट से आरोपी सोमिल पिता हरेन्द्र गुप्ता के कब्जे से 19 बोतल विदेशी मदिरा एवं 225 पाव देशी मदिरा के जप्त किए गए । जब्त शराब की कीमत 50 हजार रुपए बताई जा रही है। जब्त शराब भी संदिग्ध नजर आ रही है। इसकी भी फोरेंसिक जांच करवाई जाएगी कि कहीं ये भी तो जहरीली शराब नहीं है।
लाकडाउन में हुई कमाई से जाग गया लालच :
कोरोना काल में मदिरा प्रेमियों को कुछ लोगों ने शराब सप्लाय कर पैसा कमाया। लाकडाउन के दौरान अवैध शराब में रंग मिलाकर अंग्रेजी शराब की बोतलों में भरकर कई मदिरा प्रेमियों को दिया गया। कुछ लोगों ने तो ग्रामीण इलाकों से अवैध शराब लाकर उसमें रंग आदि मिलाकर बेचकर लाखों रुपए कमाए। इसी कमाई के लालच में शहर में कई लोग अवैध शराब बेचने लगे हैं। शायद यही कारण है कि शहर के फ्लैट्स से अवैध शराब बरामद हो रही है। इस तरह की शराब बेचने वालों में कई स्वयं नशे के आदी हैं और वे अपने नशे के लिए इसी तरह धन जुटा रहे हैं। माना जाता है कि जिस तरह ड्रग्स के मामलों में कई रईसजादे शामिल मिले थे उसी तर्ज पर नकली अंग्रेजी शराब के मामले में कई रईसजादों के सक्रिय होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
निमाड़ के अड्डे करेंगे तबाह :
कलेक्टर ने कहा है कि अवैध शराब बेचने वालों पर रासुका होगी। इससे आबकारी विभाग और पुलिस टीम के हौसले बुलंदी पर हैं। विजयनगर में शराब कारोबारी पर गोलीकांड के बाद से ही अवैध शराब के 'यादा मामले सामने आने लगे हैं। पुलिस ने सख्ती की तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। आईजी हरिनारायणचारी मिश्र के सामने भी ये तथ्य आए हैं कि नकली अंग्रेजी शराब निमाड़ के जंगलों में बन रही है। इसे लेकर आईजी ने खंडवा-ख्ररगौन एसपी को कई दिशा निर्देश दिए हैं। क्राइम ब्रांच को भी इस तरह की शराब बनाने वालों का पता लगाने के लिए सक्रिय कर दिया गया है। इनफारमर्स से भी कहा गया है कि वे जंगलों में ऐसी शराब बनाने वाले ठिकानों को तलाश करें। पुलिस ऐसे ठिकानों को तबाह कर इसके मालिकों पर रासुका की कार्रवाई करेगी।
नकली शराब के खिलाफ कार्रवाई तेज :
अवैध शराब के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। दिल्ली से शराब बनाने के लिए स्प्रिट और होलोग्राम समेत अन्य सामान मंगाने के मामले में ट्रांसपोर्टर और उसके साथियों को हिरासत में लिया है। नकली स्टीकर बनाने वालों को भी दबौचा गया है। नकली शराब बनाने का ये सामान इंदौर से खरगोन जाता था, जहां पर शराब ब्रांडेड कंपनियों के बोतलों में भर कर बेच दी जाती थी। बताते हैं कि ट्रांसपोर्टर जितेंद्र दिल्ली शराब बनाने के लिए स्प्रिट बुलवाकर इंदौर में सप्लाय कर देता था। वह स्क्रेप के साथ ही ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से भी जुड़ा है। कुछ अरसा पहले दिल्ली में नकली शराब बनाने वालों से उसका संपर्क हुआ और वह नकली शराब के कारोबार में सक्रिय हो गया। दिल्ली में उसके संपर्क संदीप से है, संदीप दिल्ली से बड़ी मात्रा में शराब बनाने का सामान भेजता था। ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ही ये शराब इंदौर पहुंचाई जाती थी। इस शराब को जितेंद्र अपने साथियों की मदद से शहर के बार एवं अन्य स्थानों पर बिकवा देता है।
नकली शराब से भी जुड़े हैं ठेकेदारों के तार...!
शहर के बारों में नकली अंग्रेजी शराब सप्लाय होने के खुलासे के बाद अब आबकारी और पुलिस टीम मिलकर इन शहर के बारों में परोसी जाने वाली शराब की जांच करने की प्लानिंग बना रही है। इसके लिए कुछ विशेष इनफारमर्स को भी सक्रिय कर दिया गया है। बताते हैं कि मदिरा प्रेमी बनकर बारों में जाकर इस तरह की नकली शराब की धरपकड़ की जाएगी। बार संचालकों पर रासुका की कार्रवाई की जाएगी।
ये भी शक है कि नकली शराब के मामले में कुछ शराब ठेकेदार भी शामिल हो सकते हैं, इस बिन्दु पर जांच की जा रही है। शहर में तस्करों द्वारा अवैध और जहरीली शराब खरगोन के खेतों में बनाई जा रही है। जहां स्प्रिट, पानी और रंग से तैयार कर अंग्रेजी शराब के रूप में ब्लैकर्स इंदौर के बारों में पहुंचा रहे हैं। पता चला है कि खंडवा का कालका ग्रुप नकली शराब बनाकर बड़ी मात्रा में इंदौर में खपा रहा था। यह बहुत बड़े स्तर पर काम कर रहा है । खंडवा, बुरहानपुर सहित अन्य जगहों से लगेज बसों व छोटी गाड़ियों के माध्यम से शराब इंदौर में भेजी जा रही थी। इंदौर में भी कई लोग इस कारोबार से जुड़ गए थे। यहां पर एक व्यक्ति के पास शराब पहुंचने के बाद पूरे शहर में सप्लाई कर दी जाती थी।
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