बेकायदा वाहन चालकों के घर पहुंच सकती है पुलिस
बेकायदा वाहन चालकों के घर पहुंच सकती है पुलिससांकेतिक चित्र

Indore : सावधान! बेकायदा वाहन चालकों के घर पहुंच सकती है पुलिस

इंदौर, मध्यप्रदेश : ट्रैफिक पुलिस ने छह माह में बेकायदा वाहनों के चालान बनाकर करीब ढाई करोड़ से ज्यादा समन शुल्क वसूला है उसके बाद भी वाहन चालक सुधर नहीं रहे हैं।
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इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर का ट्रैफिक सुधार अभियान नगर निगम चुनाव के कारण प्रभावित हुआ था। इसके बाद भी तीसरी आंख की पैनी नजर जारी रही। मतदान के बाद अब ट्रैफिक पुलिस बेकायदा वाहन चालकों की कुंडली खंगालने के लिए फुटेज चैक करने में जुट गई है। अब इनके घर पहुंचकर ई-चालान की राशि वसूली जाएगी। दूसरी ओर चुनाव बाद अब ट्रैफिक पुलिस एक बार फिर से सड़कों पर आने वाली है। शहर के ट्रैफिक को सुधारने के लिए पुलिस अभियान फिलहाल तो बेअसर नजर आ रहा है क्योंकि ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा के चालान होने के बाद भी स्मार्ट सिटी के बंदे सुधर नहीं रहे हैं। पुलिस भी ट्रैफिक सुधारने का अभियान जारी रखे हुए है, उम्मीद है कि कभी तो ट्रैफिक सुधरेगा।

ढाई करोड़ से ज्यादा वसूली चालान की राशि :

ट्रैफिक पुलिस ने छह माह में बेकायदा वाहनों के चालान बनाकर करीब ढाई करोड़ से ज्यादा समन शुल्क वसूला है उसके बाद भी वाहन चालक सुधर नहीं रहे हैं। हालात तो ये हैं कि वाहन चालक ट्रैफिक सिग्नल की तो परवाह ही नहीं करते। तेजी से रेड लाइट जम्प कर निकल जाते हैं। इस दौरान हादसे की आशंका बनीं रहती है। कई बार तो ट्रैफिक नियम का पालन करने वाले वाहन चालकों को भी इनके कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

यहां हैं सबसे बदतर हालात :

रेलवे स्टेशन-सरवटे बस स्टेंड, छोटी ग्वाल टोली में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। इन इलाकों में ट्रैफिक पुलिस ने सैकड़ों चालान बनाए, लेकिन इसके बाद भी हालात जस के तस है। छोटी ग्वाल टोली के पटेल प्रतिमा इलाके में कई ट्रैवल्स होने के कारण बसें बीच सड़क को घेरे रहती हैं। शाम को तो यहां बार-बार ट्रैफिक जाम होता रहता है। दिन में भी ट्रेवल्स के सामने कोरियर के कारण ये बसें ट्रैफिक बाधित करते हैं। सरवटे बस स्टेंड से लेकर रेलवे स्टेशन के शास्त्री ब्रिज और छोटी ग्वाल टोली थाने तक तो सवारियों को बिठाने के लिए बस चालक कहीं भी बस रोककर सवारी बिठाने लगते हैं। यहां चालानी कार्रवाई भी बेअसर नजर आती है।

ट्रैफिक सिग्नल का समय बढा इसके बाद भी :

शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल का समय बढ़ा दिया गया है। यहां रात को 11 बजे तक ट्रैफिक सुचारु रखने के लिए ट्रैफिक सिग्नल चालू रहते हैं लेकिन ट्रैफिक पुलिस के नहीं होने से यहां पर ट्रैफिक सिग्नल की कोई परवाह नहीं करता। पाटनी पुरा चौराहा,लेंटर्न चौराहा,रोबोट चौराहा,महू नाका चौराहा,विजयनगर चौराहा सहित कहीं भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी के नहीं होने से ट्रैफिक सिग्नल का समय बढ़ाने के बाद भी वाहन चालक मनमानी करते नजर आते हैं जिससे हादसे होने की आशंका बनीं रहती है।

पांच माह में सबसे ज्यादा रेड लाइट जम्प के चालान :

पांच माह में ट्रैफिक पुलिस के चालान पर नजर डाली जाए तो ये चौंकाने वाला सच सामने आता है कि इस दौरान सबसे ज्यादा चालान रेड लाइट जम्प के बनाए गए। आज भी लोग ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी कर हादसों को न्यौता देने में पीछे नहीं है।

गाड़ी चलाते मोबाइल पर बात 2229 चालान :

गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात करना मौत का सबब भी बन सकता है। इसके बाद भी लोग सुधर नहीं रहे हैं। दो पहिया वाहन हो या फिर कार चालक गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बतियाते हुए देखे जा सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कई बार अपील की कि वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करें इसके बाद भी ये हरकतें जारी रही। ट्रैफिक पुलिस ने भी ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई करते हुए पांच माह में 2229 चालान बनाए।

गलत नंबर प्लेट के 7131 चालान बनाए :

गलत नंबर प्लेट लगाने वाले हवाबाजों के खिलाफ पांच माह में ट्रैफिक पुलिस ने 7,131 चालान बनाए हैं। मई माह में ही इसके तहत 1387 चालान बनाए गए हैं। इन वाहन चालकों के चालान बनाने के साथ ही मौके पर नंबर प्लेट भी बदलवाई गई।

कार के शीशों पर काली फिल्म के 1109 चालान :

बेकायदा वाहनों के साथ काली फिल्म पर भी कार्रवाई हुई। पांच माह में ट्रैफिक पुलिस ने 1109 वाहनों पर काली फिल्म के चालान बनाए हैं। इन वाहनों से स्पाट पर ही काली फिल्में भी निकलवाई गई।

रेड लाइट जम्प के 29,225 चालान :

रेड लाइट जम्प को लेकर स्मार्ट सिटी के लोग कितने लापरवाह हैं इस बात का जीता जागता सबूत है कि जनवरी से मई माह तक रेड लाइट जम्प के 29 हजार 225 चालान बनाए गए हैं। कई वाहनों की जब्ती हुई तो कई वाहन चालकों को हजारों रुपए जुर्माना भरना पड़ा इसके बाद भी वाहन चालक सुधर नहीं रहे हैं।

रांग साइड के दो हजार से ज्यादा चालान :

ट्रैफिक में सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैफिक पुलिस रांग साइड वाहन चलाने वालों के भी चालान बनाती है। पिछले पांच माह में रांग साइड वाहनों के दो हजार से ज्यादा चालान बनाए गए। उन्हें चालान की राशि भी भुगतनी पड़ी इसके बाद भी सुधरने को तैयार नहीं हैं।

जागृति अभियान का असर नदारद :

ट्रैफिक पुलिस समय-समय पर ट्रैफिक अभियान चलाकर लोगों के बीच जाकर उन्हें ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए जागृति अभियान चलाती है। नुक्कड़ नाटक और पम्पलेट के साथ ही कई संस्थाओं के सहयोग से प्रमुख चौराहों से गुजरने वाले वाहन चालकों को समझाइश दी जाती है लेकिन इसका असर भी नहीं दिखता। स्मार्ट सिटी के वाहन चालक तो अपनी बुरी आदतों से बाज नहीं आते।

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