शिकायत के बाद निगम ने अवैध होस्टल को तोड़ा
शिकायत के बाद निगम ने अवैध होस्टल को तोड़ाRaj Express

Indore : शिकायत के बाद निगम ने अवैध होस्टल को तोड़ा

इंदौर, मध्यप्रदेश : एक बार फिर नगर निगम ने महालक्ष्मी नगर में आवासी मंजूरी लेकर बने भवन का इस्तेमाल व्यावसायिक किए जाने पर एक तीन मंजिला भवन पर रिमूवल की कार्रवाई की गई।
Published on

इंदौर, मध्यप्रदेश। एक बार फिर नगर निगम ने महालक्ष्मी नगर में आवासी मंजूरी लेकर बने भवन का इस्तेमाल व्यावसायिक किए जाने पर एक तीन मंजिला भवन पर रिमूवल की कार्रवाई की गई। यहां तल मंजिल पर तीन दुकानें बना ली गई थी और मकान में होस्टल संचालित होने की शिकायत नगर निगम को मिली थी। इस पर बुधवार को निगम के रिमूवल अमले ने तीन मंजिला भवन पर जेसीबी चला दी।

आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा जोन 8 वार्ड 37 में 164 एमआर 5 महालक्ष्मी नगर में आवासीय क्षेत्र में अवैध निर्माण कर वाणिज्यिक उपयोग करने तथा अनैतिक गतिविधियों के कारण रहवासियों द्वारा मिल रही लगातार शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुए, निगम द्वारा अवैध निर्माण को चिन्हित कर महालक्ष्मी नगर में अवैध निर्माण को जेसीबी व पोकलेन के माध्यम से हटाने की कार्यवाही की गई।

इस मकान के निर्माण के लिए खुद के आवास के नाम पर अनुमति ली गई थी। निर्माण करते हुए वहां पर दुकानें बना दी गई और हॉस्टल खोल दिया गया। निगम अधिकारियों ने बताया कि महालक्ष्मी नगर में स्थित मकान नंबर 164 को तोड़ने की कार्रवाई की गई। इस मकान में खुद के आवास के लिए नगर निगम के द्वारा नक्शा मंजूर कर अनुमति दी गई थी। प्लाट स्वामी के द्वारा जब निर्माण कार्य किया गया तो प्लाट पर नीचे तो दुकानें बना दी गई और ऊपर खुद के आवास के स्थान पर हॉस्टल खोल दिया गया। क्षेत्र के रहने वाले नागरिकों के द्वारा बड़ी संख्या में नगर निगम में शिकायत की गई थी। शिकायत में उनके द्वारा कहा गया था कि इस आवासीय प्लाट पर व्यवसायिक निर्माण कर दिए जाने के कारण पूरे क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के द्वारा पूरे क्षेत्र में न्यूसेंस भी किया जा रहा है। इन शिकायतों को देखते हुए नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा भवन स्वामी को पहले तो चेतावनी देकर निर्मित किए गए मकान का आवासीय उपयोग ही करने के लिए कहा गया। इस चेतावनी के बाद भी जब भवन स्वामी के द्वारा कोई सुधार कार्य नहीं किया गया तो निगम के द्वारा मकान को तोड़ने का फैसला लिया गया।

दो और मकानों पर होना थी कार्रवाई :

सूत्रों के मुताबिक इसी क्षेत्र में बने दो और मकानों पर निगम इसी तरह की कार्रवाई करने जा रहा था, लेकिन क्षेत्रीय भवन अधिकारी द्वारा इसे फिलहाल बचा लिया गया है। यहां भी आवास की अनुमति के आधार पर व्यवसायिक निर्माण के रूप में तैयार किए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? और अचानक कार्रवाई क्यों रोक दी गई, इसका जवाब फिलहाल निगम अधिकारियों के पास है। फिलहाल इस मामले में उन्होंने चुप्पी ओढ़ ली है। कार्यवाही के दौरान उपायुक्त लता अग्रवाल, भवन अधिकारी गजल खन्ना, भवन निरीक्षक सत्येन्द्र राजपूत व अन्य विभागीय अधिकारी व स्टाफ उपस्थित थे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com