इंदौर कोर्ट ने मारपीट मामले में दिग्गी समेत 6 को सुनाई एक साल की सजा, जमानत भी मिली
इंदौर, मध्यप्रदेश। एमपी में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसते हुए पुलिस द्वारा नियमित कार्रवाई की जा रही हैं। इस बीच खबर मिली है कि मध्य प्रदेश में मारपीट के दस साल पुराने मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के छह नेताओं को इंदौर कोर्ट ने एक-एक साल कारावास की सजा सुनाई। वहीं, थोड़ी देर बाद ही जमानत मिल गई।
शनिवार को विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में सुनाया फैसला :
बता दें, इंदौर विशेष न्यायालय ने दस साल पुराने मारपीट के एक मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित छह को एक-एक साल कारावास की सजा सुनाई। शनिवार को विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने मामले में फैसला सुनाया। सजा सुनाने के कुछ ही देर बाद दिग्विजय सिंह और अन्य को जमानत भी दे दी गई।
जानिए पूरा मामला :
ये मामला साल 2011 का है। मिली जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उज्जैन आए थे। यहाँ भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह और अन्य कांग्रेसी नेताओं को काले झंडे़ दिखाए थे। इससे नाराज होकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर दी थी। जिसके बाद इस मामले में जीवाजी गंज पुलिस थाने में कांग्रेस नेताओं पर जानलेवा हमले की कोशिश का प्रकरण दर्ज हुआ था।
इस मामले में दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गुड्डू, जयसिंह दरबार, मुकेश भाटी, असलम लाला, महेश परमार, अनंत नारायण मीणा के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। उज्जैन में हुए इस विवाद के मामले में दिग्विजय सिंह शनिवार को इंदौर पहुंचे और जिला न्यायालय में हाजिर हुए। विशेष न्यायाधीश ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 325 और धारा 109 के तहत दिग्विजय और उज्जैन के पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद गुड्डू को दोषी माना। वहीं चार अन्य अनंत नारायण, जय सिंह दरबार, असलम लाला और दिलीप चौधरी को धारा 325 के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। इसके साथ ही उन्हें 25-25 हजार रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।
सजा के ऐलान के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा-
11 साल पुराने मारपीट के एक मामले में इंदौर की जिला कोर्ट के सजा के ऐलान के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि इस पूरे प्रकरण में दर्ज हुई एफआईआर में मेरा नाम नहीं था। राजनीतिक दबाव में बाद में इसमें मेरा नाम जोड़ा गया, मुझे सजा दी गई, मैं अहिंसा वादी व्यक्ति हूँ हिंसक गतिविधियों का सदैव विरोध करता रहा हूँ। ADJ Court का आदेश है उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। मैं ना भाजपा संघ से डरा हूँ ना कभी डरूँगा चाहे कितने ही झूठे प्रकरण बना दें और कितनी ही सज़ा दे दी जाए।
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