राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के जनसम्पर्क एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री पी.सी. शर्मा ने विज्ञान भवन में दो दिवसीय क्लाइमेट कॉन्क्लेव 2020 का शुभारंभ करते हुए कहा कि, पृथ्वी पर जीवन कायम रखने के लिये पर्यावरण संरक्षण पहली आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि, इसके लिये जरूरी है कि वातावरण में हो रहे बदलाव का गहन अध्ययन किया जाए और उसके अनुरूप आगे की रणनीति तैयार की जाए।
मंत्री शर्मा ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि, स्वस्थ पर्यावरण निर्माण के लिये हर संभव प्रयास करें। क्लाइमेट कॉन्क्लेव 2020 मेपकॉस्ट, एप्को और नासा जैसे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों के समन्वित सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। कॉन्क्लेव में चार टेक्निकल सेशन आयोजित किये जायेंगे, जिनमें 150 से अधिक रिसर्च पेपर पढ़े जायेंगे। कॉन्क्लेव का मुख्य विषय 'वैज्ञानिक एवं पर्यावरणीय नवाचार तथा सतत् विकास और लक्ष्यों का कार्यान्वयन' है।
इस कॉन्क्लेव के शुभारंभ सत्र में एम्स अस्पताल भोपाल के डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की परिस्थितियों से निपटने के लिये निंरतर रिसर्च किये जाने की आवश्यकता है। मेपकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. आर.के. आर्य ने कहा कि, पर्यावरण संरक्षण के लिये सामाजिक मुद्दों पर रिसर्च के साथ-साथ पेपर तैयार करना जरूरी है। इग्नू के पूर्व निदेशक डॉ. के.एस. तिवारी जलवायु परिवर्तन में नदियों की भूमिका की जानकारी दी। डॉ. प्रवीण तामोट ने कॉन्क्लेव के उद्देश्यों के बारे में बताया। एप्को के डॉ. लोकेन्द्र ठक्कर ने कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने पर बल दिया। उन्होंने चैलेंजेस फॉर मध्यप्रदेश विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।
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