मेरे लिए धरती पर अगर कोई भगवान है तो वह मेरे ये दिव्यांग भाई-बहन हैं: मुख्यमंत्री
हाइलाइट्स:
मध्यप्रदेश के सीहोर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम
सीएम ने कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण किया
जिला सीहोर में 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन' के पूर्व आयोजित रोड शो
सीहोर, मध्यप्रदेश। आज सीहोर के मुखर्जी मैदान में लाड़ली बहना सम्मेलन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) शामिल हुए। CM ने सीहोर जिले के आष्टा में आयोजित कार्यक्रम में दिव्यांगजनों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत व अभिनंदन किया एवं उन्हें सहायक उपकरण वितरित कर बेहतर जीवनयापन के लिए शुभकामनाएं दीं, इस कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग वितरण किया और रोड-शो भी आयोजित किया गया।
सीहोर में आयोजित रोड शो
कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण
नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम में CM ने 379 दिव्यांगजनों को 770 सहायक उपकरण प्रदान किए, 44 दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्रायसायकल, 110 दिव्यांगजनों को ट्रायसायकल, 68 दिव्यांगजनों को व्हीलचेयर, 52 दिव्यांगजनों को एल्बो क्रच, 279 दिव्यांगजनों को बैसाखी समेत अनेक उपकरणों का वितरण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि "धरती पर मेरे लिए यदि कोई भगवान है, तो वह मेरे दिव्यांग भाई-बहन ही हैं" मेरे वो भाई-बहन, जो किसी विशेष परिस्थिति के कारण विकास की दौड़ में पीछे रह गए, उनकी जिंदगी को आसान और बेहतर बनाना ही हमारी जिंदगी का मकसद है।
सीहोर में आयोजित मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन
"मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन" में अपनी बहनों को वचन देते हुए सीएम ने कहा कि "जान भले ही चली जाए, तुम्हारा भाई, तुम्हारे विश्वास को नहीं टूटने देगा" बहनों के लिए मैं नेता नहीं, सगा भाई हूँ। बहनों की जिंदगी बदले, उनका जीवन सुखी हो और आँखों में कभी आँसू न रहे, इसके लिए मैंने "लाड़ली बहना" योजना बनाई है।
यहां आयोजित लाड़ली बहना सम्मेलन में सीएम ने कहा- बहनों, अभी 1,000 मिल रहे हैं।
जल्द ही 1,250...
1,500...
1,750...
2,000...
2,250...
2,500...
2,700... और फिर 3,000 मिलेंगे।
सीएम बोले- मैने देखा है एक जमाने में बेटा - बेटी में भेदभाव किया जाता था, बेटियों को बोझ मानकर उन्हें कोख में ही मार दिया जाता था। बेटियों के बिना ये दुनिया नहीं चल सकती, इसलिए हमने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के माध्यम से बेटियों को आत्मनिर्भर बनाया। हमारी बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की बहनें अपने बच्चों को बेहतर पोषण दे सकें, इसलिए हम उन्हें हर महीने 1 हजार रुपये देते थे लेकिन 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने हमारी उन जनजातीय बहनों को मिलने वाले 1 हजार रुपये भी बंद कर दिये थे।
मेरी बहनों, 1 हजार रुपये तो अभी शुरुआत है...इस राशि को बढ़ाकर हम 3 हजार रुपये प्रति माह तक ले जाएंगे।
मेरा संकल्प है कि हर बहन की आमदनी हर महीने 10 हजार रुपये हो।
बहनों की जिंदगी में खुशियां लाने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
बहनों, किसी बात की चिंता मत करना, तुम्हारा भाई मुख्यमंत्री है।
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