परिवहन नीति को कारगर कैसे बनाया जाएं, हुआ मंथन, वन टाइम सेटेलमेंट से लेकर एग्रीग्रेटर पॉलिसी पर भी हुई चर्चा
ग्वालियर। परिवहन नीति में किस तरह से सुधार किया जाए ओर उसमें जो प्रावधान है उसको किस तरह से कारगर तरीके से जमीनी स्तर पर उतारा जाएं उसको लेकर परिवहन आयुक्त एसके झा लगातार मेहनत कर रहे है ओर लगातार बैठके कर सुझाव लेने का काम कर रहे है। शुक्रवार को परिवहन आयुक्त मुख्यालय में बैठक हुई जिसमें तकनीकि समिति में शामिल एआरटीओ व परिवहन निरीक्षक शामिल रहे ओर उनसे ही कई मुद्दो पर आयुक्त ने सुझाव लेने का काम किया। बैठक में अपर परिवहन आयुक्त अरविन्द्र सक्सैना भी मौजूद रहे।
परिवहन विभाग में अब स्मार्ट चिप कंपनी से काम लेकर एनआईसी के जिम्मे किया जा रहा है ओर उसके चलते कैसे काम जल्द एनआईसी में पहुंचे ओर उससे क्या दिक्कत काम में हो सकती है उसको लेकर भी चर्चा की गई। इसके लिए एनआईसी के स्टेट हैड को भी बैठक में बुलाया गया था ओर उनसे पूछा गया कि जो काम आपके जिम्मे किया गया है उसमें देरी क्यों हो रही है ओर अगर तकनीकि कारणो से हो रही है तो उसमें सुधार कराने का काम कराया जाएं, क्योकि काम मे देरी होने से आमजन को परेशानी उठानी पड़ती है। परिवहन आयुक्त ने बैठक में वन टाइम सेटेलमेंट के अलावा ग्रामीण परिवहन सेवा व एग्रीग्रेटर पॉलिसी को लेकर भी चर्चा की। परिवहन आयुक्त एसके झा ने विभाग में सुधार करने की दिशा में काम करते हुए कुछ समय पहले विभाग के ही एआरटीओ व निरीक्षको को लेकर एक तकनीति समिति बनाई थी जिसका काम यह था कि काम मे जो तकनीति दिक्कते आ रही है उसमेे सुधार कैसे हो ओर आगे क्या नया किया जा सकता है। इस समिति में एआरटीओ प्रमोद काप्से मनोज टेहनगुरिया, रिंकू शर्मा, प्रदीप शर्मा, जितेन्द्र शर्मा सहित निरीक्षक राजेन्द्र पाटीदार, गिरजेश वर्मा सहित कुछ अन्य शामिल है।
टैक्स सेटेलमेंट करने का काम किया जाएं....
विभाग को राजस्व वसूली का काम भी करना होता है ऐसे में जो बकाया राजस्व है उसे कैसे वसूला जाए उसको लेकर भी चर्चा की गई। बताया गया कि वन टाइम सेटेलमेंट के तहत जिन वाहनो पर बकाया है उनको कुछ छूट देने का काम किया जाएं जिससे बकाया वसूली हो सके इसको लेकर समिति के सदस्यों ने कई सुझाव दिए। वहीं ग्रामीण परिवहन सेवा में कई बार सुधार करने का काम किया गया, लेकिन उसके बाद भी ग्रामीण परिवहन सेवा सफल साबित नहीं हो पा रही है जबकि उस मार्ग पर संचालित वाहनो से टैक्स भी कम लिया जाता है। परिवहन आयुक्त ने बैठक मे कहा कि ग्रामीण परिवहन सेवा काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस सेवा से गांव के लोग लाभ उठाते है ऐसे में इस सेवा को सफल बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाएं जाएं साथ ही ग्रामीण परिवहन सेवा के लिए बस मालिको को प्रोत्साहित किया जाएं।
ई -व्हीकल क्षेत्र में सब्सिडी दी जा सकती है.....
बैठक में कहा गया कि सड़को पर जिस तरह से डीजल व पेट्रोल के वाहनो का संचालन हो रहा है उससे प्रदूषण तो फैल ही रहा है साथ ही इस ईंधन की खपत कम करने के लिए ई व्हीकल क्षेत्र में केन्द्र सरकार कारगर काम कर रही है। अब ई -व्हीकल क्षेत्र में सब्सिडी देने से लोग आकर्षित हो सकते है जिससे यह काम होना चाहिए, लेकिन इसके लिए एक प्रस्ताव शासन के पास बनाकर भेजना होगा। इसके साथ ही ई- व्हीकल क्षेत्र कैसे सफल होगा इसके लिए सबसे पहले बैटरी की उपलब्धता जरूरत के हिसाब से होना चाहिए साथ ही लम्बी दूरी पर जाने पर उन वाहनो को चार्जिंग की जरूरत होगी तो उसके लिए पेट्रोल पंपो पर चार्जिंग पॉइंट बनाने का काम किया जाना चाहिए, क्योंकि बिना चार्जिंग पॉइंट के यह वाहन सफल नहीं हो सकेगे।
एग्रीग्रेटर पॉलिसी पर काम हो....
बैठक में बताया गया कि शासन से ओला व ऊबर वाहनो के लिए वर्ष 2017 मेें एक नीति बनाई थी ओर उसका प्रकाशन 2019 में किया गया था। अब ओला व ऊबर वाहन अभी भी मोबाईल से बुक करने का काम किया जा रहा है, लेकिन जो नीति बनी थी उसका क्रियान्वयन क ैसे बेहतर हो उसको लेकरर अब संशोधित रूप से एक प्रारूप बनाना चाहिए जिसे शासन स्तर पर भेजा जाएं। बताया गया कि अभी ओला व ऊबर वाहनो का संचालन करने वालो के कार्यालय नहीं है ऐसे में सबसे पहले वह अपने कार्यालय बनाएं, क्योकि तकनीति रूप से यह जरूरी है। बैठक में परिवहन नीति 2010 में ओर क्या संशोधन किए जाना चाहिए उसको लेकर भी सुझाव लिए गए।
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