सायबर फ्रॉड से निपटने SP की पहल : सायबर फ्रॉड हेल्पडेस्क शुरू, कॉल करते ही मिलेगी मदद
होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। जिले में भी इन दिनों ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सायबर अटैकर किसी न किसी बहाने झांसा देकर मोबाइल पर अकाउंट संबंधी जानकारी हासिल कर लेते हैं और फिर सीधे-साधे लोगों को ठगी का शिकार बना लेते हैं, इसके लिए तरह-तरह की योजनाओं का झांसा और लालच लोगों को दिए जाते हैं। जानकारी के अभाव में हम लोगों के जाल में फंस जाते हैं और अपनी जानकारी इनको दे देते हैं। दरअसल, सायबर क्राइम ठगी का आधुनिक तरीका है, जो आईटी तकनीक के साथ विकसित हुआ है। इस प्रकार के जालसाजों से बचने के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरकरन सिंह के मार्गदर्शन में पुलिस द्वारा सायबर फ्रॉड हेल्पडेस्क प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत एक हेल्पलाईन नंबर 7049126590 जारी किया गया है, जिसके द्वारा जिले के नागरिकों के लिए आनलाईन ठगी होने पर तत्काल सायबर फ्रॉड हेल्पडेस्क मोबाईल नंबर 7049126590 पर कॉल कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।
सायबर अपराधियों द्वारा फ्रॉड के नये-नये तरीके अपनाते हुए नागरिकों को उनके मोबाईल नंबर बंद होने, बैंक खाता बंद होने, एटीएम बंद होने के नाम पर, केवायसी अपडेट कराने अथवा बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट कराने के नाम पर गोपनीय जानकारी जैसे आधार कार्ड नंबर, एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, ओटीपी पूछकर तथा रिमोट एक्सेस एप जैसे- क्यूक सर्पोट, टीम व्यूअर, एनी डेस्क, आदि डाउनलोड करवाकर लोगों के खातों से आनलाईन ठगी कर लेते है। सायबर सेल की सायबर फ्रॉड हेल्प डेस्क में पुलिस 24 घंटे कार्यशील रहेगी। जहां पर आनलाईन ठगी संबंधी कॉल आते ही आवेदक से जानकारी लेकर भारत सरकार के पोर्टल पर तत्काल रिक्वेस्ट मेल भेजकर संबंधित बैंक एवं पेमेंट गेटवे नोडल को मेसेज भेजकर ठगी गई राशी को ब्लाक करा दिया जाएगा। इस प्रकार आनलाईन ठगी होने पर तत्काल सायबर फ्रॉड हेल्प डेस्क के मो.नं. 7049126590 पर तुरंत सूचित करने से ठगी गयी राशी को ब्लाक करा दिया जायेगा।
जागरूकता अभियान भी चलायेगी पुलिस :
पुलिस अधीक्षक श्री सिंह के मुताबिक सायबर धोखाधड़ी के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए जिले भर में अभियान चलाया जाएगा। सायबर हेल्प डेस्क के माध्यम से भी लोगों को ऑनलाइन ठगी से बचने के उपायों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही सायबर क्राइम से बचने का सबसे कारगर तरीका है। इसलिए फेसबुक, व्हाट्सएप, वेबसाइट अथवा एसएमएस के जरिए मिलने वाले किसी भी प्रकार के ऑफर अथवा लोकल कॉल से बचे तथा अपनी गोपनीय जानकारी साझा न करें।
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