बर्खास्त हुए नपाध्यक्ष, फिर से मांग रहे अधिकार
बर्खास्त हुए नपाध्यक्ष, फिर से मांग रहे अधिकारPrafulla Tiwari

Hoshangabad : बर्खास्त हुए नपाध्यक्ष, फिर से मांग रहे अधिकार

होशंगाबाद, मध्यप्रदेश : भ्रष्टाचार के कीर्तिमान रचने वाले पूर्व अध्यक्ष एवं पार्षद मांग रहे पुन: अधिकार, मजदूर संघ ने विरोध जताकर की कार्यवाही की मांग।
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होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। नगरपालिका अध्यक्ष कल्याण संघ के बैनर तले पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षदों को ग्राम पंचायतों की तर्ज पर पुन: चार्ज देने की मांग को लेकर प्रदेश भर में ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इन्हें चार्ज देने के लिये शहर के जागरूक नागरिक, पूर्व पार्षद, आरटीआई कार्यकर्ता सहित नगरपालिका मजदूर संघ लामबंद हो गया है। दरअसल गत दिवस नगरपालिका अध्यक्ष कल्याण संघ के बैनर तले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम संबोधित ज्ञापन पूर्व नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल और कुछ पूर्व पार्षदों ने सौंपकर मांग की है कि जिस प्रकार पंचायतों को पुन: अधिकार वापिस दिये गये हैं, उसी प्रकार पूरे प्रदेश में नगरपालिका अध्यक्षों को अधिकार दिये जाएं। इसको लेकर आज मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जिले में अधिकतर नपाध्यक्षों का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है जिसमें जिले की दो नगरपालिका के अध्यक्षों को बर्खास्त किया गया है। बावजूद इसके इनके द्वारा पुन: अधिकार दिये जाने की मांग आम जनता की समझ से परे है। इस संबंध में भारतीय मजदूर संघ के संबद्ध नगरपालिका कर्मचारी मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष महेश वर्मा ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए तत्कालीन नपा अध्यक्ष और पार्षदों पर खुलकर आरोप लगाते हुए, इनके विरुद्ध कार्यवाही करने तक की मांग की है।

श्री वर्मा ने कहा कि वर्ष 2015 से वर्ष 2019 तक नगरपालिका होशंगाबाद के इतिहास में जो नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षद सत्ता की लोलुपता में अंधे होकर इनके कार्यकाल में जो भ्रष्टाचार के काम किये गये है वह प्रदेश की किसी भी नगरपालिका में नहीं हुए होंगे। घोटालों और भ्रष्टाचार और घोटालों की सारी सीमाएं और मर्यादा के विपरीत काम किया हैं, जिस पर जांचें लंबित हैं। श्री वर्मा ने कहा कि क्या कारण था कि तत्कालीन नपाध्यक्ष अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाये, समय से पहले शासन ने कुर्सी से हटा दिया। वहीं दूरी ओर राजनैतिक धृतराष्ट्र बने राजनैतिक आकाओं ने प्रदेश स्तर पर इनको पद देकर इनका मनोबल बढ़ाकर पार्टी में गलत संदेश दिया हैं। यह भ्रष्टाचारी प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि उनको नगरपालिका की सत्ता पर चुनाव की समयावधि तक पुन: काबिज किया जावे, ताकि और भ्रष्टाचार कर सकें। जबकि वर्तमान में प्रशासन के हाथों में नपा की कमान होने से सभी काम निर्बाध रूप से चल रहे हैं। स्वच्छता, पेयजल सहित अन्य शासकीय योजनाओं का काम बेहतर तरीके से चल रहा है, तो इन भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्व अध्यक्ष और पार्षदों को अधिकार क्यों दिये जायें। श्री वर्मा ने कहा कि होशंगाबाद नपा में प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि वितरण में करोड़ों की गडबड़ी, अमृत पेयजल योजना में डाली गई पाइप लाइन, उपयोग में आने वाली घटिया सामग्री, पाइल लाइन बिछाने का बेस, सड़क खुदाई, मरम्मत के नाम पर की गई लीपापोती, सडक, नाली, भवन, पानी की टकीं जैसे निर्माण कार्य, शहर विकास व सफाई को लेकर क्रय किये गये वाहन एवं उपकरण, विद्युत इत्यादि में भ्रष्टाचार की सारी सीमायें लांघकर काम किया गया हैं। नपा कर्मचारियों के विरोध में क्षमता से अधिक कार्य लेना, साप्ताहिक अवकाश की सुविधाये बंद करना, धार्मिक पर्वो पर या प्रतिमाह समय पर मासिक वेतनो का भुगतान न करना, जीपीएफ, एनपीएस कर्मचारियों के खातों में जमा न करना, उनकी सेवा समाप्त करने जैसे कर्मचारियों के विरोध में कई शोषण पूर्ण काम किये हैं। नपा में बीते पांच वर्षों में भाई-भतीजावाद नीति के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना व अन्य आर्थिक योजना व कामों से अपने चहेतों को, रिश्तेदारों को, समर्पित पार्षद गणों को लाभ पंचवर्षीय कार्यकाल में दिया गया हैं। जिसकी जांच भोपाल स्तर पर लंबित हैं।

श्री वर्मा ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस से नपा में चयनित अध्यक्ष के साथ-साथ पार्षद गण ने पांच सालों में एकमत होकर जनता के टैक्स को विकास कार्य के नाम पर, शासन की योजनाओं में प्राप्त राशि का खुलकर दुरूपयोग किया गया हैं। इनके कारण विद्युत कपंनी का लाखों का बिल भुगतान बकाया हैं। कर्मचारियों के भविष्य निधि, एनपीएस के करोड़ों रूपये बकाया हैं, जो कर्मचारियों के खातों में जमा होना हैं। भ्रष्टाचार की जांच को लेकर लोकायुक्त में प्रकरण लंबित है। वर्ष 2015 से वर्ष 2019 तक सभी मानकों में जो भ्रष्टाचार किया गया हैं उसकी निष्पक्ष जांच को लेकर मजदूर संघ ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र के माध्यम से सीबीआई जांच किये जाने, सतर्कता विभाग दिल्ली, लोकायुक्त के नाम रजिस्टर्ड डाक से शिकायतें भेजी हैं। ताकि व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच की जावे और अध्यक्ष, पार्षद, कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाये जाते हैं तो भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्यवाहियों के साथ इनकी चल अचल संपत्ति की जांच करके वसूली की जावे।

इनका कहना है :

पीएम आवास योजना व अन्य योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद और बर्खास्त होने के बाद पद की लालसा रखने वाले तत्कालीन अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल फिर से अध्यक्ष बनने के लिये ज्ञापन सौंप रहे हैं, यह शर्म की बात है। इसके खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए।

प्रशांत श्रीवास, जागरूक नागरिक

प्रदेश के मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री के अलावा अधिकारी और संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे जनप्रतिनिधियों को अनेकों बार पत्रचार किया गया जिसमें तत्कालीन नपाध्यक्ष और अधिकारी पीएम आवास योजना में करोड़ों के घोटाले में सीधे तौर पर दोषी हैं। इन्हें अधिकार की बजाय इन पर कड़ी कार्यवाही की जाए।

मुन्ना ग्वाला, पूर्व पार्षद, ग्वालेटोली

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