हाइलाइट्स :
राजा भोज द्वारा बनवाई गई थी भोजशाला।
मंगलवार को हिन्दू करते हैं भोजशाला में पूजा।
मुस्लिम पक्ष शुक्रवार को पढता है नमाज।
इंदौर, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट इंदौर में सोमवार को भोजशाला का सर्वे कराने की याचिका पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के बाद सभी पक्षकारों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर कुल सात जनहित याचिका दायर की गई थी। इन सभी याचिकाओं में सबसे प्रमुख याचिका हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस की थी जिसमें भोजशाला में नमाज पढ़े जाने पर तुरंत रोक लगाए जाने की अपील की गई थी।
हाई कोर्ट में सोमवार को मंदिर पर सर्वे की मांग को लेकर बहस हुई। सभी पक्षकारों ने अपनी - अपनी दलीलें दीं। अधिवक्ता विनय जोशी ने बताया कि, मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई करने के लिए अपील दायर की थी। विनय जोशी ने बताया कि, अदालत ने टिप्पणी की है कि, यह मामला अयोध्या जैसा है।
अधिवक्ता विनय जोशी ने बताया कि, याचिका दायर कर भोजशाला में आर्किलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा साइंटिफिक सर्वे करवाने की मांग की गई थी। आर्किलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा सर्वे की मांग इसलिए की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके की भोजशाला का धार्मिक कैरेक्टर क्या है।अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख तय नहीं की है और सर्वे करवाने नहीं करवाने को लेकर भी कोई टिप्पणी नहीं की है।
बता दें कि, जिला प्रशासन के अनुसार भोजशाला राजा भोज द्वारा बनवाई गई थी। यहाँ वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुग़ल शासक ने इसे परिवर्तित कर मस्जिद बना दी थी। फिलहाल यहाँ मंगलवार को हिन्दू पूजा करते हैं और शुक्रवार को मुस्लिम धर्म को मानने वाले नमाज पढ़ते हैं।
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