Hoshangabad : स्वास्थ्य विभाग का फर्जीवाड़ा उजागर, कागजों में हो रहा वैक्सीनेशन
अधिकारियों और अफसरों के आगे नंबर बढ़ाने के फेर में जिला चिकित्सालय के अधिकारी और कर्मचारी आंकड़ों की बाजीगरी में अपने आप को आगे बता रहे हैं। हकीकत कुछ और आंकड़े कुछ और बयां कर रहे हैं। यदि जमीनी तौर पर इसका सर्वे किया जाये तो जिले में चौकाने वाले आंकड़े सामने आयेंगे। स्वास्थ्य विभाग के अमले ने सही आंकड़ों को छिपाकर सिर्फ अफसरों से पीठ थपथपाने के सिवाए कुछ भी नहीं किया। हाल ही में जिले के कलेक्टर नीरज सिंह के आने के बाद ही स्वास्थ्य अमला मैदानी तौर पर उतरा है, यदि इसके अतीत पर नजर डाली जाये तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आयेगा।
होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। स्वास्थ्य विभाग दूसरे डोज के लक्ष्य को शतप्रतिशत हासिल करने के चक्कर में फर्जीवाड़े के खेल में उतर आया है। हाल यह है कि जिनको सेकंड डोज नहीं लगी है उनके मोबाईल पर भी सेकंड डोज सक्सेसफुली के मैसेज के आ रहे हैं। लापरवाही की हद से कई जगह स्थिति यह हो गई है कि जो लोग स्वर्ग सिधार चुके हैं उनके परिजनों कें मोबाईल नंबरों पर भी टीका लगने के मैसेज पहुंच रहे हैं, प्रमाणपत्र भी जारी कर दिए जा रहे हैं। जिससे उनके परिजन सकते में आ गए हैं। इससे रोजाना परेशान हो रहे लोग अब वैक्सीनेशन सेंटरों और सीएमएचओ कार्यालय में शिकायत करने पहुंच रहे हैं। इधर सीएमएओ ऑफिस में लोगों के पहुंचने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसे पोर्टल की तकनीकी खामी बता रहे हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मोजेस ने बताया कि जिले में अभी 1 लाख 30 हजार लोगों को वैैक्सीन का सेकंड डोज लगना बाकी है। नेशनल पोर्टल पर टेक्निकल गलती हो सकती है, कई बार टीम द्वारा मोबाईल नंबरों की फीडिंग में भी गलती हो जाती है, जिससे लोगोx को वैक्सीन लगने के मेसेज पहुंच रहे होगें। पर जमीनी हकीकत पर स्वास्थ्य विभाग के अमले व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने प्रेरित किया जा रहा है।
केस नं 01 : कोरोना से मृत महिला को लग गए दोनो डोज, प्रमाणपत्र भी हो गया डाउनलोड
पिपरिया के राजीव गांधी वार्ड निवासी अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी मां अनिता श्रीवास्तव का अप्रैल 2021 में कोरोना पॉजीटिव होने के बाद निधन हो गया था। लेकिन 27 नवंबर को दोंनो डोज सफलतम होने का मैसेज प्राप्त हुआ तथा फुल वैक्सीनेटेड होने के बाद भारत सरकार का प्रमाणपत्र भी डाउनलोड हो गया है। श्रीवास्तव का कहना है कि भले ही तकनीकी त्रुटि हो लेकिन मानसिक रूप से व्यक्ति परेशान हो जाता है। इस पर शासन को ध्यान देना चाहिए।
केस नं 02 :
हाउसिंग बोर्ड निवासी नितिन शर्मा ने बताया कि मैंने अभी वैक्सीन का सेकंड डोज नहीं लगवाया है पर मुझे सेकंड डोज सक्सेसफुली का मैसेज आ गया है। जिससे मैं परेशान हो गया। मैंने वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर इसकी शिकायत भी की है।
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