ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नगर निगम में ठेके पर रखे गए कर्मचारियों का 9 करोड़ रुपये से अधिक का पीएफ डकारने वाले अधिकारी एवं ठेकेदारों ने पूरी प्लानिंग कर रखी है। 2016 से जो कर्मचारी ठेके पर रखे गए थे उनकी नियुक्ति 2020 से दिखाई जा रही है। इससे ठेकेदार मात्र एक साल के पीएफ की राशि जमा करायंगे और बाकी के तीन साल का पीएफ पचा जायंगे। हालांकि कर्मचारियों ने इस षड्य़ंत्र का खुलासा करते हुए 27 जनवरी से हड़ताल का बिगुल फूंक दिया है। इस हड़ताल को रद्द कराने के लिए सोमवार शाम 4 बजे निगम अधिकारी कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों से बात करें।
देश के फैक्ट्री एवं अन्य संस्थानों में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की जीवन शैली में सुधार के लिए वेतन के साथ भविष्य निधि (पीएफ) काटकर जमा कराने का नियम बनाया गया है। लेकिन इस नियम का ठेकेदार एवं अधिकारी मिलकर फायदा उठा रहे हैं। ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी पीएफ काटने से ज्यादा वेतन का ध्यान देते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ठेकेदार नाराज होकर नौकरी से न निकाल दे। इसी बात का फायदा उठाकर नगर निगम में ठेकेदारी करने वाली कंपनियों ने करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया है। वर्ष 2016 में सफाई व्यवस्था बेहतर करने के लिए 900 से अधिक कर्मचारी रखे गए थे। इसके बाद कम्पयूटर ऑपरेटर एवं सुरक्षा गार्डों सहित लगभग 1882 लोगों को नौकरी पर रखा गया। इन कर्मचारियों का पीएफ हर महीने काटा जा रहा था लेकिन जमा नहीं कराया गया। जो भी कर्मचारी पीएफ की मांग करते थे उन्हें नौकरी से हटा दिया जाता था। यही वजह रही है कि कर्मचारियों ने पीएफ मांगना बंद कर दिया। चूंकि बिना पीएफ जमा कराए ठेकेदार का भुगतान नहीं होना था इसलिए निगम अधिकारियों को इस खेल में पाटर्नर किया गया और इसके बाद ठेकेदारों ने 9 करोड़ से अधिक राशि हड़प ली। इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई थी और ईओडब्लू में भी प्रकरण कायम कराया गया है। लेकिन अब तक ठेकेदार एवं निगम अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस बात से नाराज होकर निगम कर्मचारियों ने 27 जनवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है। स्वयं सेवक अधिकारी कर्मचारी संघ मप्र के बैनर तले होने जा रहे इस प्रदर्शन को लेकर निगम अधिकारी परेशान हैं।
सोमवार शाम 4 बजे वार्ता के लिए बुलाया :
कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा होते ही निगमायुक्त शिवम वर्मा ने अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने एवं निगम कर्मचारियों से चर्चा करने के निर्देश दिए। कर्मचारियों की हड़ताल रद्द कराने के लिए सोमवार शाम 4 बजे बाल भवन में बैठक आमंत्रित की गई है। इस बैठक में संगठन के पदाधिकारी एवं अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव उपस्थित रहेंगे। अगर आवश्यकता पड़ी तो निगमायुक्त शिवम वर्मा भी कर्मचारियों से चर्चा कर सकते हैं।
लेखा शाखा एवं जीएडी ने किया खेल :
इस मामले को लेकर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी नेताओं के अनुसार नगर निगम के जीएडी विभाग एवं लेखा शाखा ने पूरा खेल किया है। इन विभागों में पदस्थ रहे अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये का गबन किया है। वर्तमान में जीएडी विभाग का दायित्व अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव पर है लेकिन खेल उनके आने से पहले ही हो गया है। इस मामले में जांच के बाद अधिकारी एवं ठेकेदारों से राशि से वसूली की जाना आवश्यक है।
इनका कहना है :
इस पूरे मामले में नगर निगम की जीएडी, लेखा शाखा एवं ठेकेदारों ने मिलकर भ्रष्टाचार किया है। जब बिना पीएफ जमा कराए बिना एक भी महीनें का भुगतान नहीं किया जा सकता फिर तीन साल तक ठेकेदार को कैसे भुगतान किया जाता रहा। इन विभागों से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है।
विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश महामंत्री, स्वंय सेवक अधिकारी कर्मचारी संघ, मप्र
हड़ताल की जानकारी मिलते ही हमने कर्मचारी संगठन के नेताओं से चर्चा की है। उनकी जो भी मांगें हैं उन पर चर्चा के लिए सोमवार शाम 4 बजे बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में हम संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे।
आरके श्रीवास्तव, अपर आयुक्त, नगर निगम
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