सफाई का ढर्रा बिगड़ा, ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
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Gwalior : सफाई का ढर्रा बिगड़ा, ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : निगम अधिकारी मुख्य सड़कों की सफाई पर तो ध्यान दे रहे हैं, लेकिन गली मौहल्लें में व्यवस्थाएं पूरी तरह ठप हैं। न तो समय पर कचरा उठ रहा है न सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाने आ रहे हैं।
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर में लगातार बड़े आयोजन होने हैं। ऐसे में सफाई व्यवस्था बेहतर होना आवश्यक है। निगम अधिकारी मुख्य सड़कों की सफाई पर तो ध्यान दे रहे हैं, लेकिन गली मौहल्लें में व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप हैं। न तो समय पर ठियों से कचरा उठ रहा है न ही सफाई कर्मचारी झाडू लगाने आ रहे हैं। हालात यह है कि पूरे दिन कचरा ठिए पर डला रहता है। जब शिकायत की जाती है तब वाहन कचरा उठाने आ रहे हैं। अधिकारी फील्ड में नहीं निकल रहे जिससे हालात बिगड़ रहे हैं।

दरअसल सफाई व्यवस्था पर किसी का ध्यान नहीं है। अपर आयुक्त अतेन्द्र गुर्जर का तबादला होने के बाद से हालात और बिगड़ गए हैं। निगमायुक्त के अलावा अन्य अधिकारी फील्ड में निरीक्षण के लिए नहीं जा रहे है।जब निगमायुक्त फटकार लगाते हैं तो उपायुक्त दो दिन निरीक्षण कर आते हैं और इसके बाद कोई निरीक्षण नहीं होता। अधिकारियों के फील्ड में न निकलने के कारण सफाई कर्मचारी भी मनमानी पर उतारू हैं। कर्मचारी हाजरी लगाकर घर चले जाते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 15 दिसंबर को उपायुक्त एपीएस भदौरिया द्वारा किया गया निरीक्षण है। इस निरीक्षण में 22 कर्मचारी अनुपस्थित मिले थे। इसमें से 18 कर्मचारी ऐसे थे जो हाजरी लगातार ड्यूटी से गायब हो गए। उपायुक्त ने सुबह 8 बजे से 10 बजे तक वार्ड क्रमांक 26 का निरीक्षण किया और कर्मचारियों के कार्य स्थल पर जांच की तो वह अनुपस्थित रहे। वहीं दूसरी तरफ उपायुक्त डॉ. अतिबल सिंह यादव द्वारा किए जा रहे औचक निरीक्षण में भी लगातार कर्मचारी अनुपस्थित रह रहे हैं। कुछ कर्मचारी दो-दो महीने से काम पर नहीं आए जिन्हें नौकरी से हटाने की बात भी कही गई। नोटिस दिए गए लेकिन अब तक किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई। जब तक सभी वार्डों में प्रतिदिन दो घंटे के लिए अधिकारी औचक निरीक्षण नहीं करेंगे तब तक हालातों में सुधार होना संभव नहीं है।

निगमायुक्त को करनी होगी सख्ती :

नगर निगम की सफाई व्यवस्था में अगर सुधार करना है तो निगमायुक्त किशोर कन्याल को सख्ती करनी होगी। वह हर दिन किसी न किसी एक वार्ड का औचक निरीक्षण करें। दिन में किसी भी समय वह वार्ड में पहुंचे और सफाई व्यवस्था का जायजा लें। जहां गंदगी मिले वहां के डब्लूएचओ एवं सफाई कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। साथ ही संबंधित क्षेत्र के अधिकारी को फील्ड में न निकलने पर वेतन वृद्धि रोकी जाए तभी हालातों में सुधार संभव है। इसी तरह अगर लापरवाही होती रही तो स्वच्छता सर्वेक्षण में रैकिंग गिरना तय है।

इनका कहना :

मैंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह प्रतिदिन कम से कम दो घंटे अपने वार्ड में घूमे। अपर आयुक्त एवं उपायुक्तों को भी इस संबंध में जिम्मेदारी दी गई है। अगर अधिकारी फील्ड में नहीं जा रहे तो सभी को नोटिस जारी किए जायंगे। मैं दिन में कभी भी किसी भी वार्ड का निरीक्षण करूंगा और व्यवस्था ठीक न मिलने पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

किशोर कन्याल, निगमायुक्त

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