Gwalior : सिंडीकेट टूटा, 17 समूह की दुकानें आरक्षित मूल्य से अधिक में उठीं
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नई आबकारी नीति के तहत आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए होने वाली शराब दुकानों के ठेके के पहले चरण में ग्वालियर जिले को खासा रिस्पोंस मिला। पहले यहां सिंडीकेट काम करता था जिसके कारण नीलामी प्रक्रिया के पहले आबकारी विभाग को ठेके दारों की आवभगत करना पड़ती थी, लेकिन इस बार शराब ठेकेदारो की मॉनोपॉली काम नहीं कर सकी ओर जिले की 45 समूह की 112 दुकानो के लिए मंगलवार को टेंडर प्रक्रिया हुई तो उसमें 17 समूह की 47 दुकानो के लिए 1 अरब 87 करोड़ 98 लाख 8 हजार 594 रुपए ऑफर प्राप्त हो गए। इससे लगता है कि आगे जो समूह बचे है उसमें भी शासन का खासा राजस्व प्राप्त हो सकेगा।
नए वित्तीय साल से पहले शराब की दुकानो के ठेके कराने के लिए आबकारी विभाग को खासी मेहनत करना पड़ती थी, क्योंकि शराब ठेकेदारो ने एक सिंडीकेट बना रखा ओर अपनी मॉनोपॉली कर अपने हिसाब से बोली लगाते थे ओर नए ठेकेदारो को बोली लगाने के लिए आने तक नहीं देते थे। इस बार नई आबकारी नीति बनी तो दूसरे प्रदेश के ठेकेदार भी बोली लगाने के लिए आगे आएं ओर इसी का परिणाम है कि पहले 17 समूह की दुकानो की बोली में ही आबकारी विभाग को निर्धारित आरक्षित मूल्य से 15.13 प्रतिशत अधिक राशि मिल गई।
शराब दुकानों के ठेके की टेंडर प्रक्रिया में मंगववार को कलेक्ट्रेट में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये हुई। जिले की कुल 45 मदिरा समूहों के लिए टेंडर हुए जिसमें 112 मदिरा दुकानों जिनका आरक्षित मूल्य 4 अरब 50 करोड़ 48 लाख 19 हजार 290 रुपए निर्धारित किया गया था। उक्त समूहों के निष्पादन की कार्यवाही कलेक्टर कोशलेंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी, अपर कलेक्टर विनोद भार्गव, संभागीय उपायुक्त नरेश कुमार चौबे व सहायक आबकारी आयुक्त संदीप शर्मा की उपस्थिति में जिला निष्पादन समिति के द्वारा संपादित की गयी।
उक्त कार्यवाही में 17 मदिरा समूहों की कुल 47 ई-टेंडर्स प्राप्त हुये, जिनका आरक्षित मूल्य 1अरब 63 करोड़ 27 लाख 84 हजार 130 रूपये (लगभग 36.25 प्रतिशत ) के विरूद्ध राशि 1 अरब 87 करोड़ 98 लाख 8 हजार 594 रूपये के ऑफर्स प्राप्त हुये। जो निर्धारित आरक्षित मूल्य से 15.13 प्रतिशत अधिक है। यह राशि गतवर्ष के राजस्व 1 अरब 36 करोड़ 33 लाख 60 हजार 371 के विपरीत 1 अरब 87 करोड़ 98 लाख 8 हरजार 594 की राशि प्राप्त हुई जो की वर्ष 21-22 के वार्षिक मूल्य से 38 प्रतिशत अधिक हैं। निष्पादन की कार्यवाही के उपरांत 28 समूह की 65 दुकानों का निष्पादन शेष बचा हैं। जिनके निष्पादन के लिए तिथि शासन द्वारा अलग घोषित की जावेगी। इस बार भी शराब ठेकेदार मॉनोपॉली चलाने की कौशिश में थे, लेकिन उनकी चाल सफल नहीं हो सकी ओर दूसरे राज्यों के ठेकेदारो ने आकर एक तरह से सिंडीकेट को शराब दुकाने लेने से बाहर कर दिया।
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