Gwalior : स्टॉफ है नहीं, अब मेला देखें या सड़क पर चैकिंग करें
हाइलाइट्स :
आरटीओ कार्यालय चल रहा है बाबुओ के सहारे।
दफ्तर में दो आरटीआई के अलावा सिर्फ एक आरक्षक।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। स्टॉफ है नहीं, लेकिन इसके बाद भी मेले का काम देखने के अलावा सड़क पर वाहनों की चैकिंग भी करना है जो संभव नहीं है। हाल यह है कि आरटीओ कार्यालय बाबुओ के सहारे ही संचालित हो रहा है और यही बाबु चैकिंग के समय आरटीओ के साथ सड़क पर उतरते है। अब तीन माह तक सड़क पर वाहनों की चैकिंग करने का फरमान है और दूसरी तरफ ग्वालियर व्यापार मेला भी संचालित है ऐसे में आरटीओ का अमला दोनो काम एक साथ कैसे कर सकेगा इसको लेकर आरटीओ भी चितिंत है।
परिवहन आयुक्त ने राजस्व टारगेट को पूरा करने के लिए एक जनवरी से 31 मार्च तक सड़को पर वाहन चैकिंग करने का आदेश जारी किया है। अब आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन इस तरफ नहीं देखा कि किस आरटीओ कार्यालय में कितना मैदानी स्टॉफ है। अब ग्वालियर व्यापार मेला भी शुरू हो गया है और उसमें वाहनों पर रोड़ टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है तो ऐसे में आरटीओ के अमले को मेले में भी ड्यूटी देना होगी और यह काम 5 जनवरी से शुरू हो जाएगा। अब आरटीओ की चिंता यह है कि वह मेले में ड्यूटी कराएं तो फिर सड़क पर वाहनों की चैकिंग कराएं, क्योंकि दोनो काम एक साथ कराने के लिए आरटीओ ग्वालियर के पास स्टॉफ नहीं है। प्रवर्तन के कर्मचारियो को छोड़ भी दिया जाए तो आरटीओ दफ्तर में बाबुओ की संख्या मे क म होती जा रही है, क्योंकि सेवानिवृत्त कर्मचारियो के बाद नई भर्ती न होने से संख्या निरंतर कम हो रही है और ऐसे में प्राइवेट लोगो से भी काम लिया जा रहा है। आरटीओ दफ्तर में एक छोटे कद का प्राइवेट व्यक्ति काम कर रहा है जो मुख्यालय के अधिकारियो के सेवा के काम में भी मौजूद रहता है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब परिवहन विभाग ने निजी लोगों को दूर रखने के आदेश दिए हुए है तो फिर विभाग में ही छोटे कद का व्यक्ति इतना ताकतवर कैसे हो गया जो आरटीओ दफ्तर के साथ ही मुख्यालय में आने वाले अधिकारियो की सेवाभाव में लगा रहता है।
सिर्फ एक आरक्षक और दो आरटीआई :
आरटीओ कार्यालय में दो आरटीआई प्रवीण नाहर व आरके सोनी पदस्थ है और उनके सहयोग के लिए सिर्फ एक आरक्षक है। इसके अलावा एक टीएसआई है जो फ्लाईंग स्क्वॉड के प्रभारी है और वह अपने निजी लोगों के सहारे फ्लाईंग का संचालन कर रहे है जो नियम के विरुद्ध है, क्योंकि विभाग में निजी लोगों को दूर रखने की हिदायत है, लेकिन इसके बाद भी फ्लाईंग प्रभारी निजी लोगों को संग लेकर सड़क पर वाहनों को चैक करने का काम करते है। उनकी कार्यप्रणाली को लेकर कई शिकायते भी हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी उनके खिलाफ कार्यवाही न होना यह दर्शाता है कि उनकी पकड़ अधिकारियो पर बनी हुई है। अब दो आरटीआई व एक आरक्षक कैसे मेले व सड़़क पर अपनी ड्यूटी दे सकते है इसको लेकर सवाल कई है।
ग्वालियर के लिए मेला अहम :
ग्वालियर आरटीओ के लिए मेला अहम है, क्योंकि उनका टारगेट तो मेले से पूरा हो जाएगा। ऐसे में उन्हें सड़क पर वाहन चैकिंग करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। परिवहन अधिकारी का मुख्य लक्ष्य राजस्व आंकड़े को पार करना है तो वह ग्वालियर आरटीओ आसानी से कर लेगें इसलिए राजस्व आंकड़े को पार करने की चिंता अन्य जिलों के आरटीओ को हो सकती है। ग्वालियर आरटीओ को ग्वालियर व्यापार मेले में बिकने वाले वाहनों से करीब 50 से 60 करोड़ का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
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