ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कांग्रेस की तरफ से विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार का नाम महापौर पद की उम्मीदवारी का तय होने से भाजपा का समीकरण बिगड़ गया है। इसके पीछे कारण यह है कि सतीश सिकरवार लम्बे समय तक भाजपा में रहे है इसलिए उनको भाजपा की रणनीति बेहतर पता है, यही कारण है कि अब भाजपा नए समीकरण के तहत महापौर प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए मंथन कर रही है। वैसे भाजपा के अंदर जो नाम महापौर पद के लिए चल रहे है उनमें हेमलता भदौरिया, गौरी रिंकू परमार, सुमन शर्मा, अंजली रायजादा के अलावा दो अन्य नाम भी चर्चाओ में बने हुए है।
शहर की सरकार पर 60 साल से भाजपा का कब्जा है ऐसे में भाजपा के सामने अपने रिकॉर्ड को बनाएं रखने की चुनौैती है, जिसके कारण भाजपा के अंदर महापौर प्रत्याशी के नाम पर गहन मंत्रणा चल रही है, क्योंकि इस बार सामना भाजपा से कांग्रेस में पहुंचे सतीश सिकरवार की पत्नी से होना है। वैस सामान्य वर्ग के अलावा भाजपा के पास कई चेहरे है, लेकिन पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा कह चुके है कि जिस वर्ग के लिए सीट है उसी वर्ग का उम्मीदवार मैदान में उतारना चाहिए। अब उनकी बात पर कितना गौर किया जाता है इसको लेकर भी भाजपा में चर्चा हो चुकी है और सूत्र के हवाले से जो खबर निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक भाजपा ने तय किया है कि सामान्य वर्ग की महिला ही महापौर पद के प्रत्याशी के तौर पर सामने आएंगी। प्रत्याशी के नाम को लेकर कोर ग्रुप की एक बैठक तो ग्वालियर में हो चुकी है, लेकिन उसमे जो नाम सामने आ रहे है उनमें से कितनो को कट कर पैनल बनाया जाए इसको लेकर फैसला नहीं हो सका है।
राजनीतिक समीकरण का भी रखना होगा ध्यान :
भाजपा के अंदर इस बार राजनीतिक समीकरण का भी ध्यान रखना होगा, क्योंकि जो भी बड़े नेता है उनकी तरफ से एक-दो दावेदार सामने आएं है। ऐसे में सभी को साधने की कौशिश भी भाजपा के अंदर करना होगी। इसके पीछे कारण यह है कि नगरीय निकाय चुनाव में सिंधिया को भी साधने की कौैशिश की जाएगी और उसके चलते उनके समर्थको को पार्षद पद के लिए मैदान में उतारा जा सकता है। शहर में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के समर्थक भी महापौर पद के लिए भाग-दौड़ लगा रहे है ऐसे मेें महापौर के लिए किसको मैदान में उतारा जाए इसको लेकर माथा पच्ची चल रही है। वैसे जो नाम महापौर पद की उम्मीदवारी की दौड़ में है उसके अलावा भी भाजपा किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है जिसका राजनीति से दूर तक का रिश्ता नहीं रहा हो।
माया-शोभा के नाम पर भी हो रहा मंथन :
महापौर पद के लिए भाजपा इस बार काफी सोच विचार कर रही है, क्योंकि सामने विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार मैदान मेें आ चुकी है। शोभा सिकरवार का पूरा परिवार राजनीति में रहा है ऐसे में उनके हर दांव पेंच बेहतर आते है। शोभा सिकरवार के ससुर गजराज सिंह व देवर सत्यपाल सिंह भाजपा से विधायक रहे चुके है और वर्तमान में उनके पति कांग्रेस से ग्वालियर पूर्व विधानसभा से विधायक है, ऐसे में भाजपा के लिए शोभा के मुकाबले दमदार प्रत्याशी ही मैदान में उतारना पड़ सकता है। यही कारण है कि पूर्व मंत्री माया सिंह के अलावा अनूप मिश्रा की पत्नी शोभा मिश्रा के नाम की भी चर्चा चल रही है। अब देखना यह है कि भाजपा को अपना प्रत्याशी उतारने में कितना समय और लगता है।
इधर भाजपा जिलाध्यक्ष माखीजानी ने की बैठक :
भाजपा में महापौर पद के लिए नाम को लेकर मंथन तो चल ही रहा है साथ ही पार्षद पद के लिए भी नामो की खोज चल रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी ने दो दिन पहले शहर के 60 वार्डो में एक-एक व्यक्ति को भेजकर सर्वे कराया था और उनसे ऐसे नाम लिए थे, जो पार्षद पद के बेहतर उम्मीदवार हो सकते है। उन्ही सर्वे करने वालो ने जिलाध्यक्ष को नाम सौंप दिए थे। शनिवार को मोतीमहल स्थित इंडियन कॉफी हाउस में माखीजानी बैठे और उन्होंने अपने खास समर्थक पूर्व पार्षद एवं पार्षद पद के दावेदारो को बुलाकर बैठक कर आगे की रणनीति बनाई। सूत्र का कहना है कि जिलाध्यक्ष ने हर वार्ड में 4-5 नामो को लिस्टिेट किया है। ग्रामीण के 6 वार्डो का काम ग्रामीण जिलाध्यक्ष के हाथ में रहेगा। अब देखना यह है कि भाजपा जिलाध्यक्ष ने जिस तरह से अपने समर्थको के साथ बैठक की है उससे लगता है कि वह अपने समर्थको को मौका देना चाहते है। इस बैठक की भनक अन्य दावेदारो को लगी तो उनमें इस बात को लेकर रोष है कि आखिर पार्षद टिकट के दावेदारो के साथ बैठक की है तो फिर वह अन्य के साथ न्याय कैसे कर सकते है।
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