Gwalior News : हजार बिस्तर अस्पताल में इतनी खामियां की शुभारंभ करने से कतरा रहे राजनेता
ग्वालियर। हजार बिस्तर अस्पताल में इतनी खामियां हैं कि राजनेता भी इसका शुभारंभ करने से कतरा रहे हैं। क्योंकि, इन खामियों के साथ यदि अस्पताल का शुभारंभ किया तो निश्चित रूप से सरकार की बदनामी होगी। इससे बचने के लिए वह पहले अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरूस्त कराने में जुटे हुए हैं। ताकि चुनाव से पहले अस्पताल का शुभारंभ किया जा सके। 400 करोड़ की लागत से बने हजार बिस्तर अस्पताल से यहां के डॉक्टरों और लोगों को काफी उम्मीद थीं। लेकिन, निर्माण एजेंसी ने और जिम्मेदार प्रबंधन ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया।
अब न ही डॉक्टर खुश और और न ही यहां उपचार कराने के वाले मरीज। क्योंकि, यहां उपचार करने वाले और कराने वाले को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। डॉक्टरों और मरीजों की परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तक नाराजगी जता चुके हैं। उसके बाद भी मरीजों और डॉॅक्टरों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रहीं।
यहां बता दें गत दिवस ग्वालियर प्रवास पर आए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंंधिया ने कलेक्ट्रेट भवन में ग्वालियर के विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक ली थी। बैठक में उन्होंने हजार बिस्तर अस्पताल की खामियों को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए व्यवस्थाओं में सुधार करने के निर्देश दिये थे। उसके बाद की अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा।
फिर फूटी पानी की लाइन, तरसे मरीज-परिजन
हजार बिस्तर अस्पताल में मंगलवार को करीब चौथी बार पानी की लाइन फूटी। लाइन फूटने के कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को पानी के लिए परेशान होना पड़ा। इतना ही नहीं डॉक्टरों के वाशरूम में भी पानी नहीं था।
कलेक्टर और जिपं ने जताई थी नाराजगी
कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार सिंह ने गत दिवस हजार बिस्तर अस्पताल का निरीक्षण किया था। यहां की व्यवस्थाओं को देख उन्होंने नाराजगी जताई थी, लेकिन उनकी नाराजगी का भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा।
अस्पताल में यह हैं खामियां
- पानी की लाइन बार-बार फूट रही है।
- अस्पताल में जगह-जगह दरारें आ रही हैं।
- सीवेज लाइन चौक हो रही हैं।
- वार्ड में कूलर रखने के लिए पॉइंट भी नहीं दिये।
- लिफ्ट के पास सीढ़ियां होनी थी, लेकिन वह नहीं हैं।
- अस्पताल से जुड़े कई सेफ्टि प्रमाण पत्र भी कम्पनी ने अभी तक नहीं दिये हैं।
इन परेशानियों से जूझ रहे मरीज और डॉक्टर
- बार-बार पानी की लाइन फूटने से मरीज पीने के पानी तक के लिए परेशान हो रहे हैं।
- सीवेज चोक होने के कारण बॉशरूम मेें दुर्गंद के मारे बुराहाल है।
- वार्ड में कूलर-एसी न होने के कारण गर्मी के मारे मरीजों का बुरा हाल है।
- पार्किंग अव्यवस्थित होने के कारण आए दिन डॉक्टरों और पार्किंग कर्मचारियों से नोंकझोंक हो रही है।
- स्टाफ और मरीज-अटेण्डरों को एक ही गेट से प्रवेश दिया जा रहा है।
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