हाइलाइट्स :
स्मार्ट सड़क में अण्डर ग्राउण्ड की जानी है विद्युत व्यवस्था।
सोमवार को निगमायुक्त के सामने हुई निगम एवं स्मार्ट सिटी अधिकारियों में हुई चर्चा।
टेण्डर में शामिल कंपनी के उपकरणों का इस्तेमाल न होने पर जताई आपत्ति।
निगम अधिकारी बोले ऐसे ही एक प्रकरण में 11 लोगों के खिलाफ हुई है एफआईआर।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। स्मार्ट सड़क को लेकर नगर निगम के विद्युत विभाग एवं स्मार्ट सिटी अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। मामला अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग से जुड़ा हैं। टेण्डर में रोबिन कंपनी के केबल डालना बताया गया है लेकिन एलएनटी कंपनी को यह केबल नहीं मिल रही और कंपनी दूसरी केबल डालने की बात कह रही है। परंतु नगर निगम विद्युत विभाग के इंजीनियर दूसरी कंपनी की केबल डालने की स्वीकृति नहीं दे रहे। सोमवार को इस मामले में चर्चा के लिए निगमायुक्त किशोर कन्याल के साथ बाल भवन टीएलसी में स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह ठेकेदार के साथ मौजूद थी। निगम के इंजीनियरों ने साफ कह दिया कि हम स्वीकृति नहीं देंगे। पहले भोपाल से एप्रूवल ले लिया जाए तभी दूसरी कंपनी के केबल डाली जाए।
स्मार्ट सिटी द्वारा 300 करोड़ की लागत से स्मार्ट सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जयविलास पैलेज से गोरखी तक15.62 किमी लंबी इस स्मार्ट रोड़ का काम एलएनटी कंपनी द्वारा किया जा रहा है और टेण्डर की अवधि चार महीने में खत्म होने वाली है और कंपनी अब तक 10 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं कर सकी है। वर्तमान में कंपनी द्वारा जलविलास पैलेस से मांढरे की माता चौराहे तक एक किलोमीटर लंबी सड़क का काम ही पूरा नहीं किया है और ऐसी स्थिति में 90 प्रतिशत काम 4 महीने में कैसे पूरा होगा यह सबसे बड़ा सवाल है। वहीं दूसरी तरफ निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं टेण्डर को लेकर भी ईओडब्लू में शिकायत की जा चुकी है। इसके बावजूद कंपनी द्वारा समयावधि में काम पूरा करने को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा। टेण्डर के अनुसार जलविलास पैलसे से मांढरे की माता मंदिर तक अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग की जानी है। इसके लिए कंपनी ने काम शुरू कर दिया है लेकिन टेण्डर में जिस रोबिन कंपनी की केबल डालने का उल्लेख है वह केबल कंपनी को नहीं मिल रही। इसे देखते हुए एलएनटी कंपनी उसी गुणवत्ता की दूसरी कंपनी की केबल डालने का विचार बना रही है लेकिन निर्माण कार्य का सुपर वीजन कर रहे नगर निगम के विद्युत विभाग के इंजीनियर दिनकर एवं अभिलासा ने इसकी स्वीकृति देने से इंकार कर दिया है। इसे लेकर सोमवार को निगमायुक्त किशोर कन्याल एवं स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह की मौजूदगी में बाल भवन की टीएलसी में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भी इंजीनियरों ने साफ कह दिया कि भोपाल से एप्रूबल लिए बिना हम स्वीकृति नहीं देंगे।
इंजीनियर बोले लोकायुक्त से नहीं करानी जांच :
बैठक के दौरान इंजीनियरों ने कहा कि ऐसे ही एक मामले में लोकायुक्त में शिकायत हो चुकी है। इसमें 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश हुए हैं। उक्त मामले में चार पार्कों में ओर्नामेंटल हुण्डी (लाईटे) लगाने के टेण्डर हुए थे और ठेकेदार ने शिकायत कर दी कि टेण्डर में शामिल कंपनी के उपकरण नहीं लगाए गए। इस मामले में 15 लोगों की जांच हुई है जिसमें 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने वाली थी। हम नहीं चाहते कि ऐसे ही दूसरे मामले में हम फिर से फंसे।
एमपीईवी को सुपर वीजन पर मिल रहा 5 प्रतिशत शुल्क :
स्मार्ट सड़क में अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग के काम में सुपर वीजन के लिए मप्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को भी रखा गया है। इसके एवज में कंपनी को 5 प्रतिशत शुल्क भी दिया जा रहा है। साथ ही नगर निगम के विद्युत विभाग के इंजीनियरों को भी सुपर वीजन के लिए रखा गया है। यही वजह है कि दूसरी कंपनी की केबल डालने के लिए निगम के इंजीनियरों की स्वीकृति आवश्यक है। बिना स्वीकृति के अगर केबल डाली गई तो मामला जांच के दायरे में आ जायेगा।
इनका कहना है :
यह सब काम का हिस्सा है। स्मार्ट रोड का काम जल्द पूरा करना है और इसमें जो दिक्कतें आ रही हैं उसे भी हम सभी को मिलकर दूर करते हुए गुणवत्ता युक्त काम कराना है। आज जो बैठक हुई उसमें नगर निगम के विद्युत विभाग के इंजीनियरों के कुछ सवाल थे, जिनका जबाव उन्हें दे दिया गया है। अब काम में कोई परेशानी नहीं आएगी।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त
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