जेयू पेट्रोलपम्प खोलने की तैयारी में
जेयू पेट्रोलपम्प खोलने की तैयारी मेंManish Sharma

Gwalior : पुलिस, बीएसएफ की तर्ज पर जेयू भी पेट्रोलपम्प खोलने की तैयारी में

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : प्रबंधन के मुताबिक 8 करोड़ रूपए की होगी बचत। प्रस्ताव आया, अब जीवाजी विवि में होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा।
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। पुलिस, बीएसएफ की तर्ज पर जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन भी पेट्रोल पम्प खोलने की तैयारी में है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव कम्पनियों से मांगा। प्रस्ताव आ गया है। इसे अब जीवाजी विवि में होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में इस मुद्दे पर मौहर लगेगी की जेयू में पेट्रोल पम्प खुलना चाहिए या नहीं।

जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारी पेट्रोल और डीजल के खर्चे से परेशान हैं। इसलिए उन्होंने अपना ही पेट्रोल पम्प खोलने की तैयारी कर ली है। इससे विश्वविद्यालय का पैसा बचेगा और समय की भी बचत होगी। हालांकि प्लानिंग अच्छी है। जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.सुशील मंडेरिया ने बताया कि जेयू का एक साल में पेट्रोल पर करीब 1 करोड़ रूपए खर्च हो होता है। यदि हमारा स्वयं का पेट्रेाल पम्प होगा तो हम एक वर्ष में करीब 7-8 करोड़ रूपए की बचत कर सकते हैं। इसके लिए प्रस्ताव हिन्दुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कम्पनी से आ चुका है। अब इस प्रस्ताव को जीवाजी विश्वविद्यालय में होने वाली आगामी कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में ही इस पर निर्णय होगा कि जेयू का स्वयं का पेट्रोल पम्प होना चाहिए या नहीं।

यहां बता दें कि जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारी पुलिस और बीएसएफ की तर्ज पर स्वयं का पेट्रोल पम्प शुरू करने की योजना तैयार कर रहे हैं।

किस पर कितनी होगी बचत :

  • पेट्रोल : 2 रूपए 90 पैसे

  • डीजल : 2 रूपए

  • सीएनजी गैस : 2 रूपए

3 स्थान किए चिन्हित :

जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.सुशील मंडेरिया ने बताया कि पेट्रोल पम्प के लिए अभी हमने पर्यटन भवन के सामने खाली पड़ी भूमि, कुलपति बंगले के सामने और परीक्षा भवन के पास खाली पड़ी भूमि पर तैयार करने का विचार कर रहे हैं।

यह होगा फायदा :

जीविवि के पास स्वयं का पेट्रोल पम्प होने से विवि को राजस्व मिलेगा। साथ ही पैसे व समय की भी बचत होगी। इतना ही नहीं इस पेट्रोल पम्प के माध्यम से कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही बाहरी लोगों के पेट्रोल डलवाने पर कमिश्न भी मिलेगा। इससे विश्वविद्यालय को लाभ होगा।

इनका कहना है :

हमारा उद्देश्य जीवाजी विश्वविद्यालय को राजस्व का लाभ और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की ओर है। पेट्रोल पम्प का प्रस्ताव हम ईसी की बैठक में रखेंगे। यदि बैठक में सहमति मिलती है तो इस प्रस्ताव को भोपाल भेजा जाएगा।

डॉ.सुशील मंडेरिया, कुलसचिव, जीवाजी विश्वविद्यालय

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