Gwalior : तिघरा में पानी नहीं रहा तो कैसे भरोगे टंकियां, कहां से आएगा पानी
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। आपने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना दिया, टंकिया भी तैयार कर दी लेकिन जब तिघरा में पानी नहीं होगा तो इन टंकियों को भरोगे कैसे? यह सवाल सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने गुरूवार को जलालपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्लूटीपी) का निरीक्षण करते हुए निगम अधिकारी एवं ठेकेदार से पूछा। वह डब्लूटीपी से पूर्व विधानसभा की टंकियों को भरने का शुभारंभ करने पहुंचे थे। इसके जवाब में अधिकारियों न कहा कि चंबल एवं ककेटो से पानी लाने की जो योजना चल रही है उससे ही व्यवस्था होगी। लेकिन इसमें हमारा कोई रोल नहीं है। इसके लिए तो आप लोगों को केन्द्र और राज्य सरकार से चर्चा कर कार्य में तेजी लानी होगी।
अमृत योजना के तहत जलालपुर पर 160 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। इस प्लांट को चालू किया गया है और इससे पूर्व एवं ग्वालियर विधानसभा की टंकिया भरी जायेंगी। गुरूवार से टंकियों को भरना प्रारंभ किया गया है और इस कार्य का शुभारंभ सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने डब्लूटीपी पर पहुंच कर किया। इस दौरान निगमायुक्त किशोर कन्याल एवं पीएचई अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य तथा पूर्व एमआईसी सदस्य धर्मेन्द्र राणा सहित अन्य लोग उपस्थित थे। सांसद ने गुरुवार को जलालपुर स्थित 160 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन किया तथा तिघरा से आज फुल ग्रेविटी के साथ छोड़े गए पानी के ट्रीटमेंट कार्य को देखा और ग्वालियर पूर्व की 14 टंकियों को भरने का कार्य प्रारंभ कराया गया। इस अवसर पर सांसद ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो डीएमए शेष रह गए हैं, उन्हें शीघ्र पूर्ण करें इसके साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज के ब'चों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन कराएं और उन्हें प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह दिखाएं कि पानी किस प्रकार से ट्रीटमेंट होकर शहर में सप्लाई किया जाता है। इसके साथ ही अन्य आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। शुभारंभ अवसर पर अपर आयुक्त अत्येंद्र सिंह गुर्जर, अधीक्षण यंत्री पीएचई आरएलएस मौर्य, नोडल अधिकारी शिशिर श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
11 मार्च को पत्रकारों के साथ डीएमए का अवलोकन :
सांसद ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो डीएम आपने चालू करा दिए हैं, उनका परीक्षण आवश्यक है। 11 मार्च को शहर की मीडिया के साथ प्रत्येक विधानसभा के दो-दो डीएमए का अवलोकन किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि अमृत योजना पर व्यय किए गए पैसे का कितना लाभ आम जनता को मिल रहा है। घरों में दो मंजिल तक बिना टिल्लू पंप के पानी पहुंच रहा है या नहीं।
पुरानी टंकियों के डीएम चालू करने का नहीं दिया सही जवाब :
सांसद ने अधिकारियों से पूछा कि जो पुरानी टंकिया हैं उनमें से कितने डीएमए चालू कर दिए हैं। इसका सही जवाब अधिकारी और ठेकेदार नहीं दे पाए। सूत्रों के अनुसार पुरानी टंकियों के डीएमए चालू करना संभव नहीं है। यहां पुरानी लाईनें बिछ़ी हुई है जो प्रेशर झेल नहीं पायेंगी। लेकिन टेण्डर के अनुसार पूरे शहर में पानी की व्यवस्था अमृत योजना के तहत ही की जानी है और यह कार्य ठेकेदार पूरा नहीं कर सका है। यही वजह है कि इस मामले का गोलमोल जवाब दिया जा रहा है।
डब्लूटीपी से भरेंगी यह टंकिया :
जलालपुर स्थित 160 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगभग 65 टंकियां ग्वालियर पूर्व विधानसभा एवं ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में भरी जाएंगी। जिसमें 1000 एमएम् व्यास सें शताब्दीपुरम, महाराजा कॉम्पलेक्स, कुंज विहार, अमलताश कॉलोनी, नारायण विहार, डीडी नगर सेक्टर डी, डीडी नगर सेक्टर एफ, डीडी नगर सेक्टर एफ 1, डीडी नगर सेक्टर जी, पिंटू पार्क, जडेरुआ, शिव कॉलोनी, महाराजपुरा, एमिटी पहाड़ी, बीएसएफ कॉलोनी, होटल मैनजमेंट, रिशाला बाजार, मीरा नगर, मुरार,कृष्णा नगर, अशोक कॉलोनी, सुरेश नगर, ठाठीपुर बजरिया, पी एह ई ठाठीपुर, दर्पण कॉलोनी, शारदा विहार, तुलसी विहार, आरकेवीएम् पहाड़ी, हुरावली, न्यू कलेक्ट्रेट, डाइट महलगांव, कर्मचारी आवास एवं सिंधिया नगर की टंकियां भरी जाएंगी। इसके साथ ही 800 एमएम व्यास पाइप से आनंद नगर ए ब्लाक, सत्यनारायण, पी एच ई, झलकारी बाई, जगनापुरा, रेशम मिल, कांच मिल, एवीएम, तानसेन नगर, नूरगंज, गांधी नगर, द्वारिकापुरी, 12 बीघा, 24 बीघा, कोटेश्वर, विनय नगर सेक्टर-4, विनय नगर सेक्टर-3, विनय नगर सेक्टर-2, हीरा भूमिया, माता मंदिर एवं इंद्रा कॉलोनी पानी की टंकी भरी जाएंगी।
72 एमएलडी पानी एसटीपी तक कैसे आता है :
डब्लूटीपी के बाद सांसद सीवर ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) देखने भी पहुंचे। उन्होंने पूछा कि एक दिन में कितना पानी फिल्टर हो रहा है। मौके पर मौजूद ठेके दार ने बताया कि प्रतिदिन 70 से 72 एमएलडी पानी फिल्टर कर रहे हैं। इस पर सांसद ने पूछा कि इतना पानी फिल्टर प्लांट तक कैसे आता होगा, इसका गोलमोल जवाब दिया गया। इसके बाद उन्होंने पूछा कि कितना पानी फिल्टर करके कहां छोड़ा जाता है। ठेकेदार ने कहा कि 72 एमएलडी पानी हम फिल्टर करके स्र्वण रेखा में डाल रहे हैं। सांसद ने फिर पूछा कि 72 एमएलडी पानी आता है और इतना ही आप फिल्टर करते हो, ऐसा कैसे होता है। इसमें गाद और गंदगी भी तो आती है इससे पानी कम नहीं होता। इसका भी सही जवाब नहीं मिला।
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