Gwalior : हजार बिस्तर अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने की कवायद शुरू
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जीआर मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है। इस संबंध में कॉलेज-अस्पताल प्रबंधन की चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हुई है। प्रबंधन के यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो मशीन खरीदकर हजार बिस्तर अस्पताल में ऑपरेशन शुरू किये जाएंगे।
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अक्षय निगम ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी वाले प्रस्ताव को यदि मंजूरी मिल जाती है तो आंत, कैंसर, लिवर, जोड़प्रत्यारोपण सहित गंभीर बीमारियों के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा। इन सभी बीमारियों में आपरेशन आसानी से हो सकेंगे। रोबोटिक सर्जरी का उपयोग आपके दिल, पाचन तंत्र, मूत्राशय, प्रोस्टेट और अन्य को प्रभावित करने वाली स्थितियों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। रोबोटिक सर्जरी करने पर मरीज का कम खून की कमी आती है,अस्पताल में कम ठहरना होता है, सर्जरी में कम समय लगता है और मरीज जल्द स्वस्थ्य हो जाता है। यह सर्जरी डाक्टरों की परंपरागत तकनीक की तुलना में अधिक सटीक ,लचीलेपन और नियंत्रण के साथ जटिल प्रक्रियाओं को करने में सहायक है।
रोबोटिक सर्जरी कैसे होती है :
यह डिवाइस एक कम्प्यूटरीकृत कंसोल पर बैठे एक सर्जन के नियंत्रण में होता है। रोबोटिक्स के साथ, लक्षित अंग पर सर्जरी की पहुंच, विजिबिलटी और सटीकता काफी बेहतर हो जाती है। रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से कैमरा आपरेटिव क्षेत्र का एक 3डी दृश्य प्रदान करता है। यह संचालित किए जाने वाले अंग के आसपास की नाजुक संरचनाओं का 360 डिग्री का विस्तृत दृश्य प्रस्तुत करता है और उनके संरक्षण में मदद करता है। रोबोटिक उपकरणों में एक विशेष तकनीक होती है जिसे 'एंडोवरिस्ट' कहा जाता है, जो मानव कलाई की तुलना में अधिक स्पीड से काम करता है। कंसोल के हाथों और पैरों के नियंत्रण का उपयोग करके, आपका सर्जन दूर से सर्जिकल साधनों से जुड़े रोबोटिक हाथों को हिलाता है। इसमें ब्लड़ लोस भी कम होता है।
रोबोटिक सर्जरी व सर्जरी में यह है अंतर :
सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि आपरेशन एक सामान्य शब्द है जिसमें सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हैं जबकि सर्जरी एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें बीमारियों को ठीक करने या किसी अंग को बदलने के लिए प्रमुख चीरा और चिकित्सा शामिल है। सर्जरी तीन प्रकार से आज के समय हो रही है, लेजर सर्जरी, सूक्ष्मशल्य, रोबोट द्वारा सर्जरी। एक सामान्य तरह से आपरेशन करने में पांच से सात लोगों की टीम लगती है। जबकि रोबोटिक सर्जरी करने के लिए सर्जन, एनेस्थीसिया डाक्टर व एक स्टाफ नर्स की आवश्यकता होती है।
इनका कहना है :
रोबोटिक सर्जरी शुरू होने में तकरीबन दस करोड़ का खर्चा आएगा। प्रस्ताव को मंजूसरी मिलने से इसका फायदा मरीजों को मिलेगा। इंदौर भापोल में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा अस्पतालों में उपलब्ध हो चुकी है , अब ग्वालियर में भी होगी।
डॉ. अक्षय निगम, अधिष्ठाता, जीआर मेडिकल कॉलेज
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