हड़ताल पर डटे रहे डॉक्टर्स, उपचार के लिए भटकते रहे मरीज
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Gwalior : हड़ताल पर डटे रहे डॉक्टर्स, उपचार के लिए भटकते रहे मरीज

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : हड़ताल का आंशिक असर जेएएच-केआरएच में देखने को मिला। ओपीडी व इमरजेंसी में पीजी डॉक्टर बैठे। वरिष्ठ डॉक्टरों ने धरना दिया।
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। मेडिकल कालेज में प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति से पहले ही प्रदेशभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन मंगलवार को कैबिनेट की बैठक नहीं हुई इसलिए चिकित्सकों ने भी हड़ताल खत्म कर दी। हालांकि हड़ताल का आंशिक असर जेएएच-केआरएच में देखने को मिला। ओपीडी व इमरजेंसी में पीजी डॉक्टर बैठे। वरिष्ठ डॉक्टरों ने धरना दिया।

प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति शासन का गलत निर्णय है। जिसको लेकर प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कालेज के डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर थे। हालांकि चिकित्सकों ने इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को उपचार दिया। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक टल गई है। साथ ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की ओर से हमें संदेश प्राप्त हुआ है कि इस मुद्दे को खारिज करने का निर्णय लिया गया है। इस पर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक मंगलवार की देर शाम से ही काम पर वापस लौट आए हैं।

ओपीडी में आने वाले मरीज हुए परेशान :

मंगलवार को ओपीडी व आइपीडी प्रभावित रही। प्रतिदिन दो से तीन हजार मरीज माधव डिस्पेंसरी की ओपीडी में उपचार लेने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन ओपीडी बंद रहने पर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिसका भार पूरा कैजुअल्टी पर रहा। मंगलवार को ओपीडी से लेकर जांच आदि भी नहीं हुई। इसके अलावा पोस्टमार्टम हाउस में भी काम काज प्रभावित रहा।

परामर्श के साथ शिक्षण का काम रहा बंद :

डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से कालेज में मरीजों के उपचार व शिक्षण का काम पूरा ठप रहा। वरिष्ठ डॉक्टरों ने धरने पर बैठकर सरकार को जमकर कोसा। हालांकि इमरजेंसी व ओपीडी में पीजी डॉक्टरों ने मरीजों को देखा। लेकिन मरीजों को गहन उपचार नहीं मिल पा रहा था।

टालने पड़े ऑपरेशन :

जीआर मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाले अस्पतालों में हर दिन 18 से 20 ऑपरेशन होते हैं। मंगलवार को होने वाले सभी सामान्य ऑपरेशन टाल दिए गए हैं, क्योंकि सीनियर डॉक्टरों ने काम नहीं किया। यह वही ऑपरेशन हैं जो सामान्य हैं। इन्हें टाला जा सकता है। इमरजेंसी सेवाओं में कोई कटौती नहीं की गई।

इनका कहना है :

हां, यह बात सही है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से ओपीडी सहित अन्य काम प्रभावित हुए, लेकिन हमारे पीजी चिकित्सकों ने मरीजों को उपचार दिया। इससे लोग बिना उपचार और दवा के वापस नहीं लौटे। मंगलवार की देर शाम सभी चिकित्सक काम पर वापस लौट आए।

डॉ.आरकेएस धाकड़, अधीक्षक जयारोग्य चिकित्सालय समूह

हमें मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री का संदेश प्राप्त हुआ है कि चिकित्सकों के आंदोलन से प्रदेश के गरिमावान व प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानो में डिप्टी कलेक्टर एसडीएम की नियुक्ति के लिए प्रस्तावित कैबिनेट मीटिंग को शासन द्वारा टाल दिया गया है, तत्पश्चात 13 मेडीकल कॉलेज में एमटीए द्वारा इसके विरोध में हो रहा आंदोलन भी स्थगित कर दिया गया है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री का धन्यवाद प्रकट करते हैं।

डॉ.सुनील अग्रवाल, सचिव प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, मध्यप्रदेश

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