Gwalior : बड़े अधिकारियों में बंटता है डीजल चोरी का पैसा, इसलिए नहीं हुई कार्यवाही
हाइलाइट्स :
मामला, नगर निगम में हर माह 76 लाख से अधिक का डीजल होता है चोरी।
डीजल चोरी का प्रकरण 18 सिंतबर को आया था सामने, अब तक नहीं हुई कार्यवाही।
प्रतिदिन 7000 लीटर डीजल होता है जारी, 2500 का होता है बंदरवाट।
रिकॉर्ड एवं फोटो सामने आने के बावजूद निगम अधिकारी बैठे हैं शांत।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नगर निगम में हर महीने 76 लाख रुपए से अधिक का डीजल चोरी होता है। इसका खुलासा 17-18 सिंतबर को हुआ था। लैण्डफिल साईट पर डम्फर में रखे ड्रम में डीजल चोरी करके ले जाया जा रहा था। डीजल चोरी के प्रकरण की कई रिकॉर्डिंग वायरल हुई और इसमें सब इंजीनियर अभिषेक प्रसाद की आवाज थी। यह बहुत बड़ा मामला था लेकिन अब तक इस प्रकरण में किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई है। निगम से जुड़े सूत्रों के अनुसार डीजल चोरी का पैसा बड़े अधिकारियों तक पहुंचता है इसलिए मामले को दबाया जा रहा है।
केदारपुर पर स्थित लैण्डफिल साईट पर डीजल चोरी होने के मामले में 25 दिन से अधिक समय गुजरने के बावजूद निगम अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर सके हैं। इस प्रकरण में लिप्त उपयंत्री को बचाने के लिए कई जगहों से फोन लगवाए गए हैं इसलिए मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल अकेले लैण्डफिल साईड ही नहीं बल्कि हर विभाग में डीजल चोरी किया जाता है। नगर निगम के वाहनों को प्रतिदिन 7000 से 7500 लीटर डीजल जारी किया जाता है। इस हिसाब से प्रतिदिन लगभग 2 लाख 25 हजार लीटर डीजल वाहनों को दिया जा रहा है। इसमें से प्रतिदिन 2400 से 2500 लीटर डीजल चोरी होता है। इतनी बड़ी संख्या में डीजल चोरी होने के बावजूद अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। हालांकि आए दिन डीजल चोरी होने की शिकायतें आ रहीं थी लेकिन अधिकारी मामले को दबा देते थे। निगमायुक्त के बदलने के साथ ही हर बार डीजल की खपत कम करने का प्लान बनाया जाता है लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। लैण्डफिल साईड पर डीजल चोरी के संबंध में ऑडियो वायरल होने के बावजूद किसी तरह की कार्यवाही न होना कई सवाल खड़े कर रहा है। यह भी तब है जब डीजल प्रभारी डॉ. अतिबल सिंह यादव लिखित में लेण्डफिल साईड के प्रभारी उपयंत्री अभिषेक प्रसाद के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा कर चुके हैं लेकिन मामले को दबा दिया गया।
डम्फर, जेसीबी एवं टैंकर में होती है सबसे ज्यादा चोरी :
निगम के वाहनों में डीजल चोरी आम बात है। निगम में डोर टू डोर को 7 से 10 लीटर डीजल दिया जाता है जबकि डम्फर, जेसीबी एवं पानी के टैंकर के लिए सर्वाधिक डीजल जारी होता है। डम्फर को प्रतिदिन 45 से 50 लीटर डीजल दिया जाता है और इसमें से 10 लीटर की चोरी हो जाती है। इसी प्रकार पानी के टैंकरों में भी सर्वाधिक डीजल चोरी होती है। ड्रायवर पानी के टैंकर पर नौकरी के लिए विधायक और मंत्रीयों तक से सिफारिश लगाते हैं।
बिना जीपीएस के चला रहे वाहन इसलिए हो रही चोरी :
निगम अधिक्रारियों ने डीजल चोरी रोकने के लिए कचरा ले जाने वाले डोर टू डोर वाहनों में तो जीपीएस लगवा दिए लेकिन जिन बड़े वाहनों में सबसे ज्यादा डीजल चोरी होता है उन पर ध्यान नहीं दिया। 6 महीने पहले सभी वाहनों में जीपीएस लगाने की कवायद की जा रही थी लेकिन कुछ अधिकारियों की सिफारिश पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। ऐसा हुआ तो अधिकारियों की डीजल चोरी से होने वाली कमाई बंद हो जायगी इसलिए जीपीएस लगाने में अडंगे लगाए जा रहे हैं।
इस तरह समझें मामला :
नगर निगम में 576 वाहन लगे हुए हैं। इसमें ईकोग्रीन के 102 वाहन शामिल हैं।
वाहनों के लिए प्रतिदिन 7000 से 7500 लीटर डीजल जारी होता है।
एक महीने में लगभग 2 लाख 25 हजार लीटर डीजल की खपत है।
प्रतिदिन 2500 लीटर से अधिक डीजल चोरी होता है।
एक लीटर डीजल की कीमत 102 रुपये हैं।
एक माह में डीजल के लिए 2 करोड़ 19 लाख रुपये से अधिक का भुगतान होता है।
अकेले स्वास्थ्य विभाग में 282 वाहन लगे हुए हैं।
1800 लीटर प्रतिदिन के हिसाब से महीने में 54000 लीटर डीजल चोरी होता है।
चोरी होने वाले डीजल के आंकड़ों पर जाए तो हर महीने 52 लाख 57 हजार से अधिक का डीजल चोरी किया जाता है।
लैण्डफिल साईड पर ही प्रतिदिन 140 लीटर डीजल चोरी होने की बात सामने आई है।
इनका कहना है :
डीजल चोरी के प्रकरण में जांच के लिए डीजल प्रभारी डॉ. अतिबल सिंह को निर्देश दिए थे। उन्होंने क्या रिपोर्ट दी है यह पता करने के बाद कार्यवाही की जायेगी।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त
यह प्रकरण वाट्सअप ग्रुप पर डला हुआ था और उसी से मुझे जानकारी मिली थी। लेकिन अब तक मेरे पास किसी तरह की नोटशीट नहीं आई है। मैं अवकाश पर था इसलिए क्या कार्यवाही हुई इस बारे में पता नहीं है। सोमवार को मामला संज्ञान में लेकर कार्यवाही करेंगे।
संजय मेहता, अपर आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम
यह बात सही है कि बड़े स्तर पर डीजल चोरी चल रही थी। मैंने नोटशीट में डीजल चोरी के प्रकरण का उल्लेख करते हुए कार्यवाही की अनुशंसा की थी। इसके बाद में अवकाश पर चला गया। अब तक क्या कार्यवाही हुई इस बारे में सोमवार को जानकारी मिल पायेगी।
डॉ. अतिबल सिंह यादव, प्रभारी, डीजल पंप, नगर निगम
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