ग्वालियर : बंद की खबर से बढ़ी मेला में भीड़, चल निकला व्यापार

मंगलवार को जैसे ही यह आदेश आया कि 28 मार्च को मेला बंद कर दिया जाएगा, उसके बाद से ही मेले में अचानक न सिर्फ भीड़ बढ़ गई है, बल्कि वहां अंतिम दिनों में जर्बदस्त खरीददारी हो रही है।
बंद की खबर से बढ़ी मेला में भीड़, चल निकला व्यापार
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोरोना की वजह से मेला में इस बार व्यापार कम हो रहा था, जिससे मेला दुकानदारों में थोड़ी मायूसी थी, लेकिन मंगलवार को जैसे ही यह आदेश आया कि 28 मार्च को मेला बंद कर दिया जाएगा, उसके बाद से ही मेला में अचानक न सिर्फ भीड़ बढ़ गई है, बल्कि वहां अंतिम दिनों में जर्बदस्त खरीददारी हो रही है। सबसे ज्यादा बूम ऑटोमोबाइल सेक्टर में आया है, जितनी गाडिय़ां पूरी मेला अवधि में उठी, उतनी ही गाड़ियां इन अंतिम दिनों में बुक होती नजर आ रही हैं। इससें वाहन डीलरों के चेहरे खिले हुए हैं।

23 मार्च मंगलवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जैसे ही आदेश जारी किया कि 28 मार्च तक मेला खाली कराकर मेला प्राधिकरण पजेशन ले। इसके बाद मेला का गेट बंद कर दिया जाएगा और किसी भी सैलानी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जब शहर के लोगों को पता चला कि मेला अब सिर्फ 5 दिन ही है तो मेला में सैलानियों का अचानक बूम आ गया। पिछले तीन दिन से मेला में भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे मेला के सभी छोटे बड़े सेक्टरों से लेकर फुटपाथी बाजार गुलजार है। मेला बंद होने से जिन दुकादारों के चेहरों पर मायूसी आ गई थी, उन्हें अब ग्राहकी से फुसर्त नहीं हैं, जिसके चलते फिलहाल वे अपना सामान समेटेने के बारे में नहीं सोच रही हैं, लेकिन गुरूवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने एक फिर वीडियो जारी कर मेला दुकानदारों से 28 से पूर्व मेला खाली करने को कहा है, जिससे मेला दुकानदारों को थोड़ी मायूसी हुई है, क्योंकि मेला व्यापारी संघ ने संभागायुक्त को ज्ञापन देकर मेला 15 अप्रेल तक संचालित किए जाने की मांग की थी और व्यापारी उम्मीद कर रहे थे कि कोरोना कम होने के बाद उन्हें फिर से व्यापार का मौका दिया जा सकता है, लेकिन कलेक्टर ने वीडियो जारी कर व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब तो उन्हें सिर्फ एक ही आस है कि जितने दिन पूर्व उनकी दुकानें बंद कराई जा रही हैं उसका किराया समायोजित किया जाए।

इस बीच मेला का एक सेक्टर ऐसा है जिसको मेला समय से पहले बंद होने का कोई मलाल नजर नहीं आ रहा है। 1 महीने में ऑटोमोबाइल सेक्टर में जितना कारोबार हुआ, उतना कारोबार वे इन पांच दिनों में कर ले रहे हैं। न सिर्फ मेला स्थित ऑटोमोबाइल सेक्टर में बल्कि वाहन डीलरों के सिटी शोरूमों पर भी ग्राहकों की लाइन लगी है। वाहनों के शोरूमों पर भीड़ इतनी अधिक है कि कई शोरूमों पर गाड़ी आउट ऑफ स्टॉक हो चुकी हैं।

गाड़ी नहीं मिल पाने की निराशा :

जिन लोगों ने 15 अप्रेल तक गाड़ी उठाने का मन बनाया था और अचानक पैसों का इंतजाम नहीं हो पा रहा, उन लोगों को निराशा हाथ लगी है, क्योंकि 28 मार्च के बाद मेला छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा। फौजी भाईयों को भी निराशा है क्योंकि सीएसडी में गाड़ी का भुगतान करने के बाद वाहन डीलर तक आने में वक्त लगता है और जब भुगतान क्लियर नहीं होता बिल नहीं दिया जाता और 28 से पहले बिल क्लियर नहीं हुआ तो वाहनों पर आरटीओ छूट का लाभ भी नहीं मिलेगा।

इनका कहना है :

मेला 28 को बंद होने की खबर से कस्टमर की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। अब उन्हेें मेला छूट के साथ वाहन उपलब्ध कराना चुनौती है। सीएसडी से भुगतान क्लियर होने के बाद ही बिल दिया जाएगा, तभी आरटीओ की छूट संभव है।

रजनीश धमीजा, सीईओ प्रेम मोटर्स

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