Gwalior : कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए तैयार सी-ब्लॉक
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए हजार बिस्तर अस्पताल के सी ब्लॉक को प्रबंधन द्वारा करीब तैयार किया जा चुका है। इसकी तैयारियों का जायजा जीआरएमसी अधिष्ठाता डॉ.समीर गुप्ता और जेएएच अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने लिया। यह निरीक्षण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संभावित दौरा कार्यक्रम के चलते लिया गया।
कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर जिले में क्या तैयारियां हैं। इसका जायजा लेने के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक हजार बिस्तार अस्पताल पहुंचने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उनका संभावित हजार बिस्तर अस्पताल का कार्यक्रम दौरा रद्द हो गया। लेकिन हकीकत में जिन लोगों ने एक हजार बिस्तर अस्पताल के सी-ब्लॉक को देखा तो उनके मुंह से निकल ही पड़ी कि यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक हजार बिस्तर अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने आते तो वह खुश हो जाते। क्योंकि हजार बिस्तर अस्पताल के सी ब्लॉक में पलंग डले हुए थे, आईसीयू यूनिट में वेंटीलेटर साहित अन्य संसाधन उपलब्ध थे। ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहा था और उसका फ्लो भी कक्षों में सही मात्रा में पहुंच रहा था। निरीक्षण के दौरान सहायक अधीक्षक डॉ. देवेन्द्र कुशवाह, सहायक अस्पताल प्रबंधक डॉ. बालेन शर्मा, इंजीनियर कमल शर्मा उपस्थित थे। यहां बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संभावित दौरे कार्यक्रम के चलते जीआरएमसी व जेएएच प्रबंधन ने यह पूरी तैयारियां की थी।
आईसीयू में उपलब्ध थे वेंटीलेटर व पलंग :
एक हजार बिस्तर अस्पताल के सी-ब्लॉक में आईसीयू तैयार किया गया है। उसमें वेंटीलेटर सहित आईसीयू में काम आने वाले समस्त उपकरण उपलब्ध थे। डीन डॉ.समीर गुप्ता व जेएएच अधीक्षक डॉ.आर.के.एस. धाकड़ ने जनरल वार्ड में भी पलंगों का इंतजाम कर दिया था। इससे जनरल वार्ड भी अब तैयार हो गया है। आवश्यकता पडऩे पर इसका उपयोग किया जा सकता है।
लागतार सात दिनों से संक्रमितों की संख्या शून्य :
कोरोना महामारी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर रोज 2 हजार से अधिक संदिग्ध मरीजों के सेंपल की रिपोर्ट जारी कर रहा है। एक सप्ताह से हर रोज कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या 0 निकल रही है। हालांकि जो चार मरीज अभी कुछ दिनों पहले कोरोना पॉजिटिव निकले थे उनका यह फाइनल नहीं हुआ है कि उनमें कोरोना का कौन सा वैरिएंट हैं, संक्रमित मरीजों के सेंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भोपाल भेजे गए हैं, लेकिन अभी इनकी रिपोर्ट आना बाकी है। इनमें से दो मरीज तो ठीक होकर घर भी पहुंच चुके हैं। वर्तमान में जिले में कोरोना के सिर्फ दो मरीज हैं।
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