Gwalior : दबंगों ने घर के आगे दीवार बना किया रास्ता बंद, न्याय के लिए भटक रहा दलित परिवार
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। दो दशक पहले बंद हो चुके जीवाजीराव कॉटन मिल्स के स्वामित्व की जगह पर वैसे तो हर जगह कब्जे हो चुके हैं और अभी भी लगातार यह क्रम जारी है। प्रशासन की उदासीनता की वजह से शौचालय और मूत्रालय पर कब्जा कर लोगों ने निर्माण कर लिया है, लेकिन सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि दलित और कमजोर तबके के लोगों को दबाकर दंबग रास्तों पर भी निर्माण कर कब्जा कर रहे हैं। ऐसा ही एक दलित परिवार नगर निगम और कलेक्ट्रेट के कई महीनों से न्याय के लिए चक्कर काट रहा है।
शिकायतकर्ता भारतभूषण का कहना है कि मेरे घर के आगे दबंग पड़ोसी द्वारा दीवार बनाकर कब्जा कर लिया गया, जिसकी वजह से मेरे घर के आगे इतनी भी जगह नहीं बची है कि मैं अपनी बाइक भी आसानी से निकाल सकूं। हैरानी की बात यह है कि तहसीलदार ने इस मामले की जांच के लिए पटवारी को मौके पर जांच करने के लिए भेजा था,लेकिन पटवारी ने अपनी जांच रिपोर्ट लगा दी है कि मौके पर किसी दीवार का निर्माण नहीं किया जा रहा है।
बिरलानगर लाइन नम्बर दस निवासी भारत भूषण ने सबसे पहले निरीक्षण के दौरान मौखिक रूप से निगमायुक्त किशोर कान्याल से शिकायत की तो, उन्होंने तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। बाद में नगर निगम ने जेडओ ने उक्त भूमि को जेसीमिल की संपत्ति मानकर पत्र मेें उल्लेख किया था कि अब राजस्व विभाग के आधिपत्य की है। इसी वजह से एसडीएम लश्कर को अतिक्रमण हटाने के लिए पत्र भेजा गया है। तहसलीदार द्वारा जब पटवारी से मौके की जांच कराई गई, तो यह कहकर अतिक्रमणकर्ता को क्लीनचिट दे दी कि वर्तमान में वहां कोई दीवार नहीं बनाई गई है, जो दीवार है वो वहां पुरानी हैं। अब शिकायतकर्ता का कहना है कि मेरे घर के आगे सिर्फ 1 फुट की जगह है वहां से पैदल निकलना भी मुश्किल होता है। यहां से गाड़ी निकालना बहुत ही मुश्कल है। इसे लेकर वो पिछले कई महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है,लेकिन उसे अब तक न्याय नहीं मिला है। उसका कहना है कि मुझे यदि न्याय नहीं मिला तो मजबूरी में मुझे यहां से कहीं अन्यत्र रहना पड़ेगा, क्योंकि निकलने का रास्ता नहीं होने की वजह से हमें ओर आने जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है :
मैंने जब मौके पर जाकर जांच की तो वहां कोई निर्माणाधीन दीवार नहीं मिली। जो दीवार वहां बनी है, वो काफी पुरानी हैं। आसपास देखने पर पाया गया कि जेसीमिल की संपत्ति होने की वजह से आसपास भी लोगों द्वारा वहां अतिक्रमण किए गए हैं। जो शिकायत की गई थी, वो जांच में निराधार पाई गई।
सुनील तोमर, पटवारी
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