Gwalior : सोशल मीडिया पर बंद का आह्वान, नहीं दिखा कुछ असर
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध में गुरुवार को शहर में हुए उपद्रव के बाद सोमवार को सोशल मीडिया पर बंद के आह्वान के चलते पुलिस अलर्ट दिखी । उत्पातियों से निपटने के लिए एसएसपी ने आठ सैकड़ा से अधिक पुलिस जवान तैनात किये थे। उन्होंने शहर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की पूरी जानकारी जुटाई। सोमवार की सुबह उन स्थानों पर जहां उत्पात हुआ था वहां पर पुलिस का भारी बल सुबह पांच बजे से ही मुख्य चौराहों पर तैनात हो गया था। इससे बंद कराने वाले चौराहों तक नहीं आ सकें।
अग्निपथ योजना को लेकर सोशल मीडिया पर सोमवार को दिल्ली चलो और भारत बंद का आव्हान किया गया था। इसे देखते हुए पुलिस की साइबर सेल ने एक दिन पहले से ही सोशल मीडिया की निगरानी शुरू कर दी थी और जो भी मैसेज संदिग्ध दिखा, तुरंत ही मैसेज करने वाले को कॉल कर समझाइश दी और पोस्ट डिलिट करने के निर्देश दिए। जिसके बाद किसी भी ग्रुप पर कोई भड़काऊ मैसेज नहीं आया। इधर,उत्पात करने वाले पर लगाम लगाने के लिए एएसपी व सीएसपी के साथ ही थाना प्रभारी को मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। इसमेंं सीएसपी व एएसपी सर्किल स्तर पर और थाना प्रभारी ने थाना स्तर पर मॉनीटरिंग की। अफसरों की मौजूदगी के चलते पुलिस जवान भी एक्टिव नजर आए। जो भी युवक मुंह बांध कर सड़कों पर दिखे, पुलिस जवानों ने उनके मुंह खुलवाए, क्योंकि गुरुवार को हुए उत्पात में सभी युवक मुंह पर साफी बांधे हुए थे। गोला का मंदिर इलाके के आधा दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में स्पेशल पुलिस अफसर व इंटेलिजेंस के जवानों को लगाया था, क्योंकि पिछली बार इन्हीं इलाकों के युवकों ने हंगामा मचाया था। वहीं पुलिस कंट्रोल रूम और स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी चौराहों-बाजारों में निगरानी रखी गई।
डाई बम व आंसू गैस टीम की थी तैनात :
उत्पात मचाने की स्थिति में उन पर काबू पाने और उसके बाद उनकी शिनाख्त के लिए पुलिस अफसरों ने इस बार आंसू गैस व डाई बम की टीम तैनात की थी। इससे डाई बम से गिरने वाली डाई से बाद में हंगामा करने वालों की पहचान हो सके। इसके साथ ही संदिग्ध इलाकों में ड्रोन से निगरानी कराई गई।
दिल्ली जाने वालों पर रखी पैनी नजर :
भारत बंद के साथ ही दिल्ली चलों सोशल मीडिया पर चल रहे संदेश को देखते हुए बीती रात से ही ग्वालियर से दिल्ली जाने वाली डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनों को स्टेशन पर तैनात आरपीएफ व जीआरपी के जवानों ने युवकों पर पैनी नजर रखी। संदिग्ध दिखे युवकों से कड़ी पूछताछ व मोबाइल नंबर नोट कर ही यात्रा टिकट होने पर ट्रेन में चढ़ने दिया। सेना में भर्ती को लेकर देश भर में चल रहे प्रदर्शन के चलते आरपीएफ व जीआरपी के डेढ़ सौ जवानों को घेराबंदी करते हुए एक सौ बीस घंटे से अधिक का समय हो चुका है। वहीं इस संबंध में आरपीएफ अफसरों का कहना है कि देश में हो रहे उग्र प्रदर्शन को देखते हुए आगामी आदेश तक आरपीएफ व जीआरपी के जवानों की स्टेशन से लेकर रेल पटरियों पर तैनाती बनी रहेगी। आप स्टेशन पर जाएं तो देखने को मिलेगा कि बीते दिनों सुरक्षा बलों से हुई चूक के बाद से स्टेशन से लेकर रेल पटरियों पर सुरक्षा इतनी सख्त है कि युवा यात्रियों का समूह दिखते ही सुरक्षा कर्मी अलर्ट मोड पर आ जाते हैं। बीते दिनों ग्वालियर व बिरलानगर स्टेशन पर हुए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए आसपास के आधा दर्जन से छोटे स्टेशनों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
महाराजपुरा व पुरानी छावनी पर चेकिंग :
भिण्ड, मुरैना से आने वाले युवाओं को सिटी में आने से रोकने के लिए पुरानी छावनी चौराहे व महाराजपुरा में चेकिंग लगाई गई और हर वाहन की पूरी जानकारी लेने के बाद ही सिटी में आने दिया।
इनका कहना है :
सोशल मीडिया पर भारत बंद का आव्हान किया गया था। इसी के चलते पुलिस फोर्स की मुख्य चौराहों और बाजारों में पहले से ही तैनाती कर दी गई थी। पुलिस अफसर लगातार मॉनिटरिंग कर स्थिति पर नजर रखे हुए थे।
अमित सांघी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
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