Gwalior : 100 टन गोबर से प्रतिदिन बनेगी 3 हजार किलो सीएनजी, एक साल में तैयार होगा प्लांट
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। लाल टिपारा गौशाला में सीएनजी प्लांट लगाने के लिए काम शुरू हो गया है। नगर निगम द्वारा 5 एकड़ जमीन को समतल किया जा रहा है। इसके बाद प्लांट लगाने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा टेण्डर जारी किए जायंगे। टेण्डर जारी होने के साथ ही काम शुरू होगा और एक साल में प्लांट बनकर तैयार हो जायगा। प्लांट में प्रतिदिन 100 टन गोबर एवं गीले कचरे से 3 हजार किलो सीएनजी तैयार होगी। गुरूवार को निगमायुक्त किशोर कन्याल ने गौशाला में लगाए जाने वाले सीएनजी प्लांट स्थल का निरीक्षण। उन्होंने जमीन समतल करने का कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि इंडियन ऑयल कार्पोरेशन को साईड हेण्डओवर की जा सके और वह काम शुरू करें।
इंदौर की तर्ज पर ग्वालियर में बायो सीएनजी प्लांट लगने जा रहा है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा 34 करोड़ की लागत से लाल टिपारा गौशाला में प्लांट का निर्माण किया जाएगा। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने प्लांट लगाने के लिए 3 एकड़ जगह मांगी थी। इसके लिए नगर निगम द्वारा गौशाला के बगल में स्थित सरकारी जमीन उपलब्ध करा दी गई है। वर्तमान में 5 एकड़ जगह कंपनी को दी जाएगी। इस जमीन को समतल कराने के लिए दो पोकलेन मशीन लगाई गई हैं। जमीन पूरी तरह तैयार होते ही साईड कंपनी को हैण्ड ओवर कर दी जायगी। कंपनी प्लांट तैयार करने के लिए टेण्डर आयोजित करेगी। टेण्डर खुलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। गुरूवार को निगमायुक्त किशोर कन्याल ने लाल टिपारा गौशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने जल्द से जल्द जगह समतल करने सहित बाउण्ड्री वॉल कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान हरिद्धार की श्री कृष्णायन देशी गौरक्षा शाला के संत एवं लाल टिपारा गौशाला के प्रबंधक संत ऋृषभ देवानंद महाराज एवं पीआईयू नॉडल अधिकारी पवन सिंघल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
6 माह में होगा निर्माण, फिर 6 माह करेंगे संचालन :
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन प्लांट लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है। जगह समतल होने एवं बाउण्ड्री वॉल का काम पूरा होते ही कंपनी यहां काम शुरू कर देगी। 6 महीने में प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद 6 महीने तक कंपनी स्वंय प्लांट का संचालन करेगी। तब प्लांट पूरी तरह सफल संचालन करने लायक हो जायगा तो इसे नगर निगम के हैण्ड ओवर कर दिया जाएगा।
प्रतिदिन तैयार होगी 30 टन जैविक खाद :
बायो सीएनजी प्लांट में प्रतिदिन 100 टन गोबर और हरी सब्जियों से निकलने वाला कचरा डाला जाएगा। इससे 3 हजार टन बायो सीएनजी गैस एवं 30 टन जैविक खाद प्राप्त होगी। सीएनजी प्लांट से निकलने वाले जैविक खाद सर्वोत्तम होती है और इसके इस्तेमाल से खेती की जमीन उपजाऊ हो जाती है। साथ ही फसल में केमिकल का इस्तेमाल भी न के बराबर हो जाता है। इस खाद से खेती करने पर उगने वाला अनाज अमृत के समान होता है। प्लांट लगने के बाद शहर के आसपास के एरिए में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
इस तरह समझें प्लांट का महत्व :
सीएनजी प्लांट लगने से सड़क एवं नालियों में बहने वाले गोबर पर रोक लगेगी।
शहर भर से ट्रॉलियों के जरिए गोबर एकत्रित कर प्लांट तक पहुंचाया जाएगा।
शहर की प्रमुख सब्जी मण्डियों से प्रतिदिन निकले वाले हरे कचरे को प्लांट में डाला जाएगा। इससे गंदगी खत्म होगी।
सीएनजी गैस से वाहन चलेंगे तो प्रदूषण कम होगा।
सीएनजी प्लांट लगने से प्रतिदिन वर्ष 5 से 6 करोड़ की आय होगी। इससे गौशाला आत्म निर्भर बनेगी।
सीएनजी प्लांट से जो जैविक खाद बनेगी उसका इस्तेमाल जैविक खेती को बढ़ावा देने में किया जाएगा।
सीएनजी प्लांट के बाद गोशाला में अन्य उत्पाद भी बनाए जाएंगे तक गौशाला के संचालन पर होने वाला खर्च का बोझ नगर निगम पर न पड़े।
इनका कहना है :
बायो सीएनजी प्लांट गौशाला में लगने के बहुत से फायदे होंगे। नगर निगम के वाहन सीएनजी से चलेंगे इससे प्रदूषण कम होगा। लोग गोबर को नालियों में नहीं बहाएंगे। साथ ही गौशाला की आय बढ़ेगी जिससे गौवंश का पालन और बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। हमने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह जल्द से जल्द जमीन समतल करने का काम खत्म करें, ताकि इंडियन ऑयल कार्पोरेशन को साईट हेण्ड ओवर की जा सके।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।