142 मरीज बुखार की दवा से हो गए ठीक
142 मरीज बुखार की दवा से हो गए ठीकसांकेतिक चित्र

Gwalior : 142 मरीज बुखार की दवा से हो गए ठीक, चार को करना पड़ा भर्ती

बीते साठ दिनों में जिले में जहां 142 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए। वहीं सभी मरीज साधारण बुखार की दवा पैरासिटामॉल व मल्टी विटामिन टेबलेट की खुराक से ही कोरोना संक्रमण को मात देने में सफल रहे।
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोरोना संक्रमण के मरीज वैसे तो रोजाना ही सामने आ रहे है। लेकिन बीते दो महीने का आंकड़ा देखे तो बीते साठ दिनों में जिले में जहां 142 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए। इन सभी में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट ही अब तक सामने आया है। राहत की बात यह है कि इन मरीजों में से सिर्फ चार मरीजों को ही भर्ती करने की जरुरत पड़ी, वहीं सभी मरीज साधारण बुखार की दवा पैरासिटामॉल व मल्टी विटामिन टेबलेट की खुराक से ही कोरोना संक्रमण को मात देने में सफल रहे।

कोरोना संक्रमण का वैरिएंट भले ही कमजोर पड़ता दिख रहा है। ऐसे मे कोरोना संक्रमण के साथ बदलते मौसम में वायरल बुखार के लक्षण भी बिल्कुल एक जैसे ही हैं। मरीजों को सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश और बुखार की शिकायत आ रही है। चिकित्सकों की सलाह है कि किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी हो तो लापरवाही न बरतें। चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार कराएं, क्योंकि संक्रमण सामने आने पर मरीज पांच दिन में पूरी तरह से स्वस्थ हो रहे है।

सभी में मिल रहा ओमिक्रॉन :

कोविड के नोडल अधिकारी एवं कोविड एक्सपर्ट डॉ.अमित रघुवंशी का कहना है कि कोरोनो संक्रमण की चौथी लहर में अब तक बीते दो महीनों में जितने भी मरीज कोरोना संक्रमण से पीड़ित हुए है। इनमें से सौ फीसदी मरीजों में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट ही देखने को मिला है। राहत की बात यह है कि यह वैरिएंट घातक नहीं होने से सभी संक्रमित 5 से 7 दिनों में साधारण बुखार में ली जाने वाली दवा लेकर पूरी तरह से ठीक हो गए, वहीं संक्रमण के बाद किसी भी मरीज की इम्यूनिटी कमजोर देखने को नहीं मिली है।

लक्षण दिखने तो करें ये उपाय :

कोविड एक्सपर्ट चिकित्सकों का कहना है कि बुखार यदि तीन दिन तक सौ से ऊपर रहे तो तत्काल कोरोना टेस्ट कराएं साथ ही दिन में एक बार पैरासिटॉमोल की टेबलेट का सेवन करें। यदि बुखार नहीं उतरे तो गीली पट्टी माथे पर दिन में दो बार रखें। बुखार व आइसोलेशन के दौरान गुनगुने पानी से गरारे करते रहें, साथ ही ठंडे पानी का सेवन कतई नहीं करें।

इनका कहना है :

कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट ही एक्टिव है। बीते दो महीनों के दौरान जहां 4 मरीज ऐसे थे जो दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, उन्हें भर्ती कराना पड़ा था, जबकि एक मरीज की मौत हुई है। कोरोना संक्रमण से बचाव दो गज की दूरी व मास्क लगाना अनिवार्य है।

डॉ. अमित रघुवंशी, नोडल अधिकारी, कोविड

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