Gwalior : 106 पशु मिले लम्पी वायरस संदिग्ध, कोई मौत नहीं
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। लम्पी वायरस को लेकर जहां प्रदेश भर में अलर्ट जारी है। वहीं जिले के अधिकारी रिपोर्ट का इंतजार करते हैं। रिपोर्ट न आने तक वह लक्षण के आधार पर पशुओं का उपचार कर रहे हैं। वहीं सोमवार को 106 पशु लम्पी वायरस संदिग्ध मिले हैं। राहत की बात यह है कि सोमवार को लम्पी वायरस से एक भी पशु की मौत नहीं हुई है।
ग्वालियर-चम्बल संभाग में लम्पी के कुल 20533 संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं। इसी तरह सोमवार को भी अंचल में 106 नए मामले सामने आए। उधर संदिग्ध मामलों में से अभी तक अंचल से कुल 45 पशुओं के नमूने भी भोपाल के जरिए हरियाणा के हिसार में भेजे जा चुके हैं। इसमें ग्वालियर के भी 11 नमूने शामिल किये गए है। लेकिन ग्वालियर से भेजे गए नमूनों में से सिर्फ दो की जांच रिपोर्ट आई है। इसमें वह पशु लम्पी वायरस से पीड़ित मिले हैं। जबकि जिले में संदिग्ध पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में पशुओं में लम्पी वायरस को मानते हुए चिकित्सक उपचार कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि लम्पी वायरस के लक्षण दिखाई देने पर पशुओं का उपचार शुरू कर दिया जाता है, जिससे वह जल्द स्वास्थ्य हो सके। यहां बता दें कि अंचल में अब तक पशु पालन विभाग 51 हजार 555 पशुओं का टीकाकरण कर चुका है।
आईसोलेशन सेन्टर में नहीं है जगह :
इधर आईसोलेशन सेन्टर में संदिग्ध गायों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। इसी के चलते सोमवार तक सेन्टर में भर्ती गायों की संख्या 114 से ऊपर पहुंच गई है। जबकि आईसोलेशन में गायों को भर्ती करने की क्षमता महज 100 ही है। ऐसे में अगर जल्द गायों के लिए दूसरा सेन्टर शुरू नहीं किया गया तो गायों को भर्ती करने के लिए जगह ही नहीं बचेगी। चिकित्सकों का कहना है कि सेन्टर में भर्ती 25 से अधिक गायें उपचार के बाद ठीक भी हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें शिफ्ट करने के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं है। क्योंकि अगर ठीक हो चुकी गायों को खुले में या अन्य गायों के साथ नहीं छोड़ दिया गया तो अन्य गायों में वायरस फैलने की सम्भावना बनी रहती है।
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