Gwalior Food Poisoning: ग्वालियर के LNIPE में खराब खाने से बिगड़ी 100 छात्रों की तबियत, 5 छात्र ICU में
हाइलाइट्स :
7 छात्रों की हालत गंभीर।
डॉक्टरों द्वारा छात्रों का इलाज जारी।
कुछ छात्रों को उल्टी और कुछ को पेट में हो रहा था दर्द।
5 छात्र आईसीयू में हैं और उनमें से 4 निगरानी में हैं।
भोपाल, मध्यप्रदेश। ग्वालियर के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान (LNIPE) में अचानक 100 छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। जानकारी के अनुसार इन छात्रों की तबियत खराब खाना खाने से बिगड़ी थी। इन्हे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छात्रों का इलाज जारी है लेकिन कुछ छात्रों की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है। छात्रों की तबियत मंगलवार शाम से ही खराब हो रही थी। कुछ छात्रों को उल्टियाँ भी हुई थी। इसके बाद प्रबंधन द्वारा छात्रों को अस्पताल लाया गया।
जानकारी के अनुसार मंगलवार देर रात अस्पताल में इन छात्रों को भर्ती कराया गया था। कुछ छात्रों को उल्टी और कुछ को पेट में दर्द हो रहा था। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि, मेस खाने में कुछ गड़बड़ी होने कारण एक साथ इतने छात्र बीमार हुए हैं। वहीं दूसरी ओर संस्थान के मेस में बने खाने की जांच की जा रही है।
लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (LNIPE) के प्रभारी रजिस्ट्रार अमित यादव बताया कि, अब छात्रों की हालात स्थिर हैं। केवल 5 बच्चे आईसीयू में हैं और उनमें से 4 बच्चे निगरानी में हैं... एक बच्चे की हालत फिलहाल रात में गंभीर थी।" उनकी हालत स्थिर है... बच्चों की संख्या 97-98 थी...एनसीसी के कुछ 12-13 छात्र सुबह (बुधवार)आए थे...डॉक्टरों ने कहा है कि, इसका कारण फूड पॉइजनिंग था, लेकिन हम जांच पहले कुछ नहीं कह सकते। छात्रों के लक्षण उतने गंभीर नहीं थे।
वहीं इस मामले में ग्वालियर अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने बताया कि, कल शाम (मंगलवार) हमें जानकारी मिली कि LNIPE (लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन) में इस तरह की घटना हुई है। हमने सारी तैयारियां शुरू कर दीं... हमने तुरंत बेड की तैयारी की। लगभग 100 बच्चों को भर्ती कराया गया...सभी का इलाज किया जा रहा है...उनके शुरुआती लक्षण फूड पॉइजनिंग जैसे लग रहे थे। लेकिन हमें यह तभी पता चलेगा जब उन्होंने जो खाना खाया था उसकी जांच हो जाएगी... भगवान की कृपा से, हमें कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। एक "बच्चा गंभीर है। वह वेंटिलेटर पर है। उसके अलावा 5-6 बच्चे भी काफी गंभीर हैं... मेरे सामने 97 बच्चे भर्ती हुए थे और उनकी उम्र 18-25 साल के बीच है।
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