ग्वालियर हाई कोर्ट के आदेश पर CBI के हाथ पंहुचा नर्सिंग कॉलेज मामला
ग्वालियर, मध्य प्रदेश। किसी भी स्कूल या कॉलेज की शुरुआत करने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है और यह अनुमति प्रशासन द्वारा तय किए गए मापदंडों के आधार पर मिलती है। कई बार ऐसा होता है कि, कोई कॉलेज या स्कूल इस मापदंडों का पालन नहीं करता है तो ऐसे में उस स्कूल या कॉलेज की मान्यता ख़त्म कर दी जाती है। ऐसा ही कुछ हाल ही में ग्वालियर-चंबल अंचल के 70 नर्सिंग कॉलेजों के साथ हुआ है। जी हां, इन 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता तय मापदंडों को पूरा न करने के चलते निरस्त कर दी गई थी। यह मामला ग्वालियर हाई कोर्ट में था। जिसे अब हाई कोर्ट द्वारा जांच के लिए CBI को सौंप दिया गया है।
CBI को सौंप दिया गया मामला :
दरअसल, हाल ही में ग्वालियर-चंबल अंचल के 70 नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद उनकी मान्यता तो रद्द कर ही दी गई थी साथ ही इस मामले में हाइकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा इन कॉलेजों को फर्जी तरीके से मान्यता देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की विभागीय जांच कराने के निर्देश जारी किये गए थे। यह मामला अब ग्वालियर हाई कोर्ट के आदेश पर देश की बड़ी जांच एजेंसी में शुमार सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को सौंप दिया गया है। साथ ही CBI को 3 महीने के अंदर नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की जांच पूरी कर ग्वालियर हाई कोर्ट को इस मामले की रिपोर्ट देनी होगी। ग्वालियर हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी तय की है।
DME को तलब :
बताते चलें, ग्वालियर के नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ी का खुलासा एक नर्सिंग कॉलेज के रिकॉर्ड की जांच के दौरान हुआ। इन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इस मामले की जानकारी ग्वालियर हाई कोर्ट को दी थी। इसके बाद हुई जांच में नर्सिंग कॉलेजों को संबद्धता देने में गड़बड़ी पाए जाने पर ग्वालियर हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच आगे बढ़ाने का फैसला किया। हालांकि, इन कॉलेजों की जांच में शुरुआत में यह बात सामने आई थी है कि, इन कॉलेजों में संबद्धता (affiliation) देने में भी गड़बड़ी की गई है इसीलिए ग्वालियर हाई कोर्ट ने इस मामले में इंडियन नर्सिंग काउंसलिंग के सचिव और मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के DME को भी तलब किया था।
हाई कोर्ट ने जताई चिंता :
ग्वालियर हाई कोर्ट ने इस मामले के खुलासे होने के बाद कॉलेजों से पढ़कर पास होने वाले छात्रों को लेकर भी चिंता जताई है। कोर्ट के कहना है कि, 'इन नर्सिंग कॉलेजों से कई छात्र अब तक पास हो चुके हैं और ऐसे छात्र नर्स बनकर अस्पतालों में अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं, ऐसे में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है। ग्वालियर हाई कोर्ट का कहना है सीधे तौर पर मरीजों के साथ धोखा है।'
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