Gwalior : अभाविप ने जेयू में तीन घंटे किया प्रदर्शन, पुलिस से हुई झड़प
ग्वालियर । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने शुक्रवार को जीवाजी विश्वविद्यालय में तीन घंटे तक जमकर हंगामा प्रदर्शन किया। छात्र नेता मांग कर रहे थे कि बीएड महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए। इसके लिए जांच समिति का गठन किया जाए। जब समिति का आदेश निकलने में विलंब हुआ तो छात्र नेता उग्र हो गए, नेताओं को उग्र होते देख उनकी पुलिस से झड़प हो गई।
जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों को अभाविप छात्र नेताओं के द्वारा प्रदर्शन करने की खबर लग गई थी। इसलिए उन्होंने पहले ही विवि के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वारों पर दोपहर 12 बजे ही ताला डलवा दिया और पुलिस को सूचना कर दी थी। जानकारी लगते ही पुलिस अमला भी मौके पर पहुंच गया था। दोपहर 12.30 बजे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सहमंत्री हिमांशु श्रुति के नेतृत्व में छात्र नेता जेयू के प्रशासनिक भवन पहुंचे। यहां उन्होंने कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दोपहर 1 बजे कुलपति प्रो.तिवारी छात्र नेताओं से बात करने पहुंचे।
उन्हें हिमांशु ने बताया कि आपके द्वारा ऐसे महाविद्यालयों को संबद्धता दे दी गई, जिनमें ना तो शिक्षक हैं और न ही अन्य व्यवस्थाएं हैं। साथ ही बीएड महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने में हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं। इसलिए जांच समिति गठित कर इसकी जांच कराई जाए। कुलपति ने उन्हें आश्वासन दिया कि हम जांच समिति गठित कर देते हैं। लेकिन, जब करीब आधा घंटे बाद भी जांच समिति गठित होने का आदेश नहीं आया तो छात्र नेता उग्र हो गए। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में जबरन घुसने का प्रयास किया, इस दौरान उनकी हल्की पुलिस से झड़प भी हुई। अंत में कुलपति ने आदेश जारी कर दिया।
यह लिखा आदेश में...
जारी आदेश में कुलसचिव ने लिखा है कि जीवाजी विवि से संबंधित अशासकीय महाविद्यालयों की संबंद्धता को लेकर कार्यपरिषद सदस्यों के विरूद्ध कथित आरोप लग रहे हैं। इन आरोपों की जांच कराने के लिए मप्र उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश एमके मुदगल को नियुक्त किया जाता है। इसमें प्रस्तुतकर्ता अधिकारी डीसीडीसी डॉ.केशव सिंह गुर्जर को बनाया गया है।
एनएसयूआई ने परीक्षाओं को लेकर सौंपा ज्ञापन
एनएसयूआई छात्र नेता वंश महेश्वरी ने शुक्रवार को परीक्षा नियंत्रक डॉ.अनिल कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से वंश से उन्हें बताया कि प्रथत वर्ष का जो रिजल्ट नई शिक्षा नीति से आया है। उसमें ऐसे छात्र जो एक या दो विषय में फेल हैं। उन छात्रों को को प्रमोट टू नेकस्ट ईयर रखा गया है। लेकिन जब उन्होंने सप्लीमेंट्री की परीक्षा दी तो उन्हें प्रमोट टू नेस्ट इयर और सप्लीमेंट्री सेकड चंास में रखा गया है। एनएसयूआई मांग करती है कि ऐसे छात्र जो जिनका सप्लीमेट्री में सेकंड चंास है उन्हें सेकेंड ईयर की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए। या फिर उनकी सप्लीमेट्री सेकड चांस की परीक्षा का परिणाम घोषित कर उन्हे द्वितीय वर्ष की परीक्षा में बैठाया जाए।
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