ग्वालियर : 6 दिन में खुले में सोने वाले 122 लोगों को मिला आसरा

ग्वालियर, मध्यप्रदेश । नगर निगम द्वारा सड़क पर सोने वाले बेसहारा लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की है। निगम द्वारा सड़क पर सोने वाले लोगों को प्रतिदिन वाहनों से रैन बसेरों में पहुंचाया जा रहा है।
बेसहारा लोगों को ले जाने वाली गाड़ी
बेसहारा लोगों को ले जाने वाली गाड़ीManish Sharma
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हाइलाइट्स :

  • अब तक 122 लोगों को मिला आसरा

  • नगन निगम द्वारा चलाया जा रहा है अभियान

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नगर निगम द्वारा सड़क पर सोने वाले बेसहारा लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की हैं। नगर निगम द्वारा सड़क पर सोने वाले लोगों को प्रतिदिन वाहनों से रैन बसेरों में पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम द्वारा विशेष वाहन लगाए गए हैं। वहीं नगर निगम के अधिकारी भी इस मामले में लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सड़क पर सोने वाले लोगों को रैन बसेरा पहुंचाने के लिए 6 दिन पूर्व मुहिम शुरू की गई। लोगों को रैन बसेरे तक पहुंचाने के लिए दो विशेष वाहन लगाए गए हैं। वाहन चालक रात 8 बजे शहर की सड़कों पर निकलते हैं और जो भी सड़क पर सोता मिलता है उसका सामान गाड़ी में रखकर उसे रैन बसेरों तक पहुंचाते हैं। नगर निगम द्वारा अभी तक 122 लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाया जा चुका है।

यहां हैं रैन बसेरे :

बस स्टेन्ड पर 2, मांडरे की माता मंदिर के पास, आमखो बस स्टेन्ड के पास, मेहरा साहब की तलैया में, मानसिक आरोग्यशाला के सामने, पानी की टंकी मुरार के पास, सिविल हॉस्पिटल मुरार, जयारोग्य चिकित्सालय में रैन बसेरा संचालित किए जा रहे हैं।

निगम ने शुरू की नि:शुल्क सेवा :

लोगों को रैन बसेरों तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क वाहन सेवा शुरू की है। वाहनों को देखकर लोग भी खुले आसमान के नीचे सोने वालों की जानकारी वाहन चालक को देते हैं। वाहन चालकों द्वारा प्रतिदिन मुरार, गोला का मंदिर, हजीरा, चार शहर का नाका, ग्वालियर व्यापार मेला, स्टेशन, बस स्टेण्ड, पड़ाव, शिन्दे की छावनी, बाड़े, कंपू आदि क्षेत्रों में घूमकर सड़क पर सोने वालों को पास के रैन बसेरों में पहुंचाया जाता है। वाहन चालक रात 12 बजे तक सड़कों पर लोगों की सहायता के लिए घूमते हैं।

रैन बसेरों में हैं सभी सुविधाएं :

रैन बसेरों में रात बिताने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए रजाई, गद्दे, पलंग के साथ ही गर्म पानी की व्यवस्था की गई है। साथ ही लोगों को सर्दी से बचाने के लिए रात में अलाव भी जलाए जा रहे हैं। सभी रैब बसेरों पर महिलाओं व पुरुषों के ठहरने के लिए अलग अलग व्यवस्थाएं की गई हैं।

लोगों को प्रतिदिन पहुंचा रहे रैना बसेरा :

खुले में सोने वाले लोगों को प्रतिदिन रैन बसेरा पहुंचाया जा रहा है। प्रतिदिन लगभग 25 लोगों को रैन बसेरा पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम के दो वाहन रात में सड़कों पर घूमते हैं।

डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, उपायुक्त

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