भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी भोपाल में उषा, आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन और उन्हें बंद करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उनकी मांगों को जायज बताते हुए सरकार से उस पर तत्काल निर्णय लेने की बात कही है।
नाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आशा, उषा कार्यकर्ता बहनों ने कोरोना के नियंत्रण एवं बचाव के लिए निरंतर कार्य कर, कोरोना योद्धा का अपना दायित्व ईमानदारी पूर्वक निभाया परंतु शिवराज सरकार के संवेदनहीन रवैये के चलते आज आशा, उषा कार्यकर्ता राजधानी भोपाल में बारिश के मौसम में खुले आसमान में आंदोलन करने को मजबूर हैं। कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने एक माह पूर्व इनके मानदेय को बढ़ाने व इनकी मांगों पर निर्णय का ठोस आश्वासन दिया था, लेकिन एक माह बाद भी इनकी मांगों पर अभी तक कोई निर्णय नही लिया गया है। बेहद शर्मनाक है कि जब यह बहनें सरकार को उनका वादा याद कराने भोपाल आई हैं तो इन बहनों को मामा की सरकार ने जेल की तरह कैद कर दिया है, यह बहने आज अपने बच्चों के साथ भूखे-प्यासे ताले में नीलम पार्क में कैद हैं, इन्हें नजरबंद कर दिया गया है। सरकार इनको रोजगार देने की बजाय बेरोजगार करने में लगी हुई है। कांग्रेस आशा, उषा कार्यकर्ता बहनों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है और हम सरकार से मांग करते हैं कि इनकी मांगों पर सरकार तत्काल निर्णय ले।
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